कसौली/सोलन: रंगों के त्योहार होली पर इस बार भी कोरोना का साया पड़ा है. होली से पहले बाजार में दुकानदारों ने दुकानों पर बिक्री के लिए गुलाल तो रखे, लेकिन लोगों ने गुलाल खरीदने में गुरेज किया. इसके चलते व्यापार में भी मंदी रही है. होली पर लोगों ने जारी नियमों का पालन करते हुए त्योहार को सार्वजनिक स्थानों व बाजारों में खेलने की बजाए अपने घरों में ही मनाया है.
हालांकि, बच्चों को गली-मोहल्लों में अपने आस-पड़ोस के साथ ही त्योहार मनाते देखा गया है. यही नहीं होली त्योहार पर सड़कें भी पूरी तरह से सुनसान रही और अधिकांश जगहों पर दैनिक उपभोग वाली वस्तुओं की दुकानें खुली रही, जबकि अन्य दुकानें बंद रही. कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर भी वाहनों की आवाजाही काफी कम रही.
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते जिला प्रशासन की ओर से होली त्योहार पर सार्वजनिक स्थानों पर मनाने पर रोक लगा रखी थी और लोगों को अपने घरों में ही होली मनाने का आग्रह किया था. लोगों ने भी जिला प्रशासन का सहयोग करते हुए होली को घरों में ही आयोजित किया.
होली के दिन नहीं दिखे पर्यटक
कसौली उपमंडल में भी लोगों ने नियमों की पालना करते हुए होली का खेली और बाजारों में रौनक कम देखी गई. हालांकि, रविवार को पर्यटन क्षेत्र कसौली में पर्यटकों की काफी भीड़ देखने को मिली थी और देर शाम तक बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों का सिलसिला चला हुआ था, लेकिन सोमवार को कसौली में भी अधिक चहल-पहल देखने को नहीं मिली.
इसी तरह प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू में भी जिला प्रशासन के नियमों की पालना के साथ ही लोगों ने होली का त्योहार मनाया है. यहां पर भी सार्वजनिक स्थानों में लोग नहीं दिखाई दिए और इस बार लोगों ने डीजे की धुनों पर भी नहीं नाचे.
अधिकतर जगहों पर लगते थे डीजे
होली के त्योहार पर कई जगहों पर समूह एकत्र होकर डीजे की धुनों पर नाचते थे, लेकिन कोरोना ने लोगों को इससे भी इस बार वंचित रखा है. डीजे और गुलाल के साथ हल्ला-गुल्ला इस बार पूरी तरह से शांत रहा.
होली पर जहां लोग इस बार घरों से कम बाहर निकलें वहीं, बसें भी कम रहीं. सड़कों पर पसरी शांति के चलते लोगों को आने-जाने में थोड़ी मुश्किलें हुई. साथ ही वाहन भी सड़कों पर कम ही दौड़ते दिखाई दिए हैं. इसके चलते लोग पैदल ही मंजिल की ओर जाते दिखे.
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