सोलन: हिमाचल इन दिनों फर्जी डिग्री मामले को लेकर विवादों में है. विधानसभा सत्र में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया है. अभी तक मामले में 2 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. फर्जी डिग्री मामले को लेकर एनएसयूआई ने प्रदेश सरकार की घेराबंदी की. सोलन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष छत्र सिंह ठाकुर ने कहा कि फर्जी डिग्री मामले में शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मानव भारती यूनिवर्सिटी 19 जून 2008 तक शिमला में स्थापित थी.
एपीजी यूनिवर्सिटी अगस्त 2012 में भाजपा के कार्यकाल में शुरू हुई और भाजपा के कार्यकाल में ही फर्जी डिग्री बनाने और बेचने का धंधा शुरू हुआ. छत्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल को अपनी सादगी और संस्कृति के लिए जाना जाता है लेकिन, इन दिनों देवभूमि हिमाचल का नाम फर्जी डिग्री बेचने में आ रहा है.
ऐसे में छात्र संगठन ने मांग की है कि प्रदेश सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे फर्जी डिग्री मामले में संलिप्त पाए गए विश्विद्यालयों में रेगुलर पढ़ाई कर रहे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो. ऐसे में सरकार को चाहिए की निर्दोष छात्रों के लिए पॉलिसी बनाई चाहिए ताकि आने वाले समय में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
बता दें कि मानव भारती यूनिवर्सिटी में 1376 खाली डिग्रियां, 14 मोहरें, चार डिसपैच रजिस्टर, 50 माइग्रेशन सर्टिफकिेट, 199 खाली एनवेलपर, 485 खाली लेटर हेड, 319 खाली डिटेल मार्क्स कार्ड, दो कंप्यूटर व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके बाद एसआइटी ने भवन को सील कर दिया है. इसको लेकर कांग्रेस और अन्य छात्र संगठन प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.