सोलन: परवाणू से शिमला तक फोरलेन का काम चला हुआ है, पहले कोरोना की वजह से काम रुक गया था. वहीं अब फोरलेन की जद में आए घरों की लेटलतीफी की वजह से काम मे देरी आ रही है. फोरलेन का मुआवजा लेने के बाद भी मकान खाली न करने वालों पर अब कार्रवाई की तलवार लटक कई है.
250 मकान मालिकों को नोटिस
एसडीएम सोलन ने परवाणू से कैथलीघाट तक करीब 250 मकान मालिकों नोटिस जारी किए हैं. अगर इन लोगों ने मकान जल्द खाली नहीं किए तो बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए जाएंगे. बता दें कि परवाणू से शिमला तक बन रहे फोरलेन निर्माण के लिए इन मकानों का अधिग्रहण हुआ था. इसके लिए मुआवजे का भुगतान मकान मालिक को किया गया है. फोरलेन निर्माण के लिए जहां पर पूरी जमीन का अधिग्रहण हुआ है. वहां पर स्थिति सामान्य है, लेकिन जहां पर आधी जमीन का अधिग्रहण हुआ है और उस पर बने मकान का पूरा मुआवजा दिया गया है.
टूटे मकानों में रह रहे मकान मालिक
मकान मालिकों ने अधिग्रहण किए जमीन पर बचे मकान को रिपेयर करवाकर रहना शुरू कर दिया है, जिस आधी जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है. सोलन में कई ऐसे मामले हैं, जैसे चार बिस्वा जमीन पर एक मकान का निर्माण हुआ है. फोरलेन के निर्माण के लिए 2 बिस्वा जमीन का अधिग्रहण किया गया. सरकार ने 2 बिस्वा जमीन के साथ- साथ चार बिस्वा जमीन पर बने पूरे मकान का मुआवजा जमीन मालिक को दिया.
रिपेयर करवाकर रह रहे मकान मालिक
कंपनी ने फोरलेन निर्माण के लिए अधिगृहत की गई दो बिस्वा जमीन के हिस्से पर बने मकान को तोड़ दिया. आधा मकान शेष बच गया. मकान मालिक ने आधे बने मकान की रिपेयर करवाकर या तो अपने आप रहना शुरू कर दिया या फिर किराए पर दे दिया. कुछ ऐसे मकान भी हैं, जिसका मुआवजा मकान मालिक को मिल गया है, लेकिन मकान टूटने से बच गए हैं.
टूटे मकान में रहना सुरक्षित नहीं
वहीं, कुछ ऐसे मकान भी हैं, जहां रहना सुरक्षित नहीं है. इन मकानों को तोड़ने के दौरान इनकी नींव हिल गई है. इन सभी मकानों को गिराना अनिवार्य बन गया है. हालांकि जमीन मालिक अपनी बची हुई जमीन पर नए सिरे से मकान का निर्माण कर सकता है. शहरी क्षेत्रों में रह रहे लोगों को नए सिरे से मकान का निर्माण करने में मुश्किल आ सकती है.
कारोबार से धोना पड़ेगा हाथ
शहरी क्षेत्रों में 4 बिस्वा से कम जमीन पर मकान का नक्शा पास नहीं होता. यही कारण है कि लोग अपने इन मकानों को खाली नहीं कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की सख्ती के बाद अब लोगों को इन मकानों को खाली करना पड़ेगा. प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि पूरे मकान का मुआवजा लिया गया है तो शेष बचे मकानों का अब तोड़ा जाएगा. इस परेशानी का सबसे अधिक सामना मकानों में दुकानें चला रहे कारोबारियों को करना पड़ेगा. ऐसे में उन्हें अपने कारोबार से हाथ धोना पड़ सकता है.
ये कहते हैं अधिकारी
वहीं, एसडीएम सोलन अजय यादव का कहना है कि परवाणू से कैथलीघाट तक ऐसे करीब 250 मकान मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिन्होंने फोरलेन का मुआवजा लेने के बाद भी अपने मकानों को खाली नहीं किया है. अगर मकानों को खाली नहीं किया गया तो बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए जाएंगे.
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