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क्या आपने खाए हैं मशरूम से बने बिस्किट और आचार...अगर नहीं तो यहां आएं

मशरूम मेले में 17 राज्यों के किसानों ने भाग लिया. वहीं, मेले के दौरान मशरूम से बने बिस्किट, आचार समेत दूसरे उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है. यह नाम सोलन को मशरूम की खोज करने के लिए 22 साल पहले आज के ही दिन मिला था.

मशरूम मेला
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Published : Sep 10, 2019, 9:49 PM IST

सोलन: मंगलवार को चंबाघाट में स्थित मशरूम अनुसंधान निदेशालय डीएमआर की 22वीं वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय मशरूम मेले का आयोजन किया गया. पिछले 22 सालों से लगातार 10 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर मशरुम मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें करीब 20 से 25 राज्यों से मशरूम की खेती करने वाले किसान और अनुसंधानकर्ता भाग लेते हैं.

mashroom fair
मशरूम मेला

मशरूम मेले में 17 राज्यों के किसानों ने भाग लिया. वहीं, मेले के दौरान मशरूम से बने बिस्किट, आचार समेत दूसरे उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है. यह नाम सोलन को मशरूम की खोज करने के लिए 22 साल पहले आज के ही दिन मिला था.

mashroom fair
मशरूम मेला

बता दें कि राष्ट्रीय मशरुम मेले में (बागवानी विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप-महानिदेशक डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. साथ ही नौणी विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. प्रवेंद्र कौशल, डीएमआर सोलन के पूर्व निदेशक डॉ. मंजीत सिंह, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ. एस के चक्रवर्ती, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बी के पांडे बतौर विशिष्ट अतिथि मेले में शामिल हुए.

वीडियो

ये भी पढ़ें: चिट्टे की बड़ी खेप के साथ 19 साल का युवक गिरफ्तार, लाखों में है कीमत

सोलन: मंगलवार को चंबाघाट में स्थित मशरूम अनुसंधान निदेशालय डीएमआर की 22वीं वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय मशरूम मेले का आयोजन किया गया. पिछले 22 सालों से लगातार 10 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर मशरुम मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें करीब 20 से 25 राज्यों से मशरूम की खेती करने वाले किसान और अनुसंधानकर्ता भाग लेते हैं.

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मशरूम मेला

मशरूम मेले में 17 राज्यों के किसानों ने भाग लिया. वहीं, मेले के दौरान मशरूम से बने बिस्किट, आचार समेत दूसरे उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है. यह नाम सोलन को मशरूम की खोज करने के लिए 22 साल पहले आज के ही दिन मिला था.

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मशरूम मेला

बता दें कि राष्ट्रीय मशरुम मेले में (बागवानी विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप-महानिदेशक डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. साथ ही नौणी विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. प्रवेंद्र कौशल, डीएमआर सोलन के पूर्व निदेशक डॉ. मंजीत सिंह, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ. एस के चक्रवर्ती, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बी के पांडे बतौर विशिष्ट अतिथि मेले में शामिल हुए.

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Intro:सोलन में राष्ट्रीय स्तर पर 22वां मशरूम मेले का किया गया आयोजन
:-17 राज्यों के किसानों ने लिया भाग

सोलन को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है 22 साल पहले 10 सितंबर 1997 को भारतीय मशरुम सम्मेलन के दौरान हिमाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोलन को मशरुम सिटी ऑफ इंडिया का दर्जा दिया था मशरुम सिटी इंडिया का नाम जेहन में आते ही सोलन शहर की तस्वीर सामने आ जाती है यह नाम सोलन को मशरूम की खोज करने के लिए 22 साल पहले आज के ही दिन मिला था



Body:सोलन के चंबाघाट स्थित मशरूम अनुसंधान निदेशालय डीएमआर मंगलवार को इसकी 22 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय मशरूम मेले का आयोजन किया गया यही नहीं पिछले 22 सालों से लगातार 10 सितम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर मशरुम मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें करीब 20 से 25 राज्य में किसान मशरूम उत्पादक और अनुसंधानकर्ता भाग लेते हैं इसी तरह आज भी सोलन में मशरूम मेले का आयोजन किया गया जिसमें 17 राज्यों के किसानों ने भाग लिया वहीं मशरूम से बनी हुई चीजें जैसे बिस्कुट अचार आदि इत्यादि का प्रदर्शनी लगाकर भाग लिया।





Conclusion:


वही आज इस आयोजित राष्ट्रीय मशरुम मेले में उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली डॉ आनंद कुमार सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की वहीं नौणी विश्वविद्यालय के वीसी डॉ प्रवेंद्र कौशल और डीएमआर सोलन के पूर्व निदेशक डॉ मंजीत सिंह, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ एस के चक्रवर्ती ,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ बी के पांडे बतौर विशिष्ट अतिथि मेले में शामिल हुए।
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