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साल 2020: देवभूमि हिमाचल ने खोए राजनीति और अधिकारी स्तर के कई अनमोल हीरे - famous politicians and former officials

साल 2020 में देवभूमि हिमाचल ने कई अनमोल मोतियों को खोया है. जिनका नाता राजनीति से लेकर अधिकारी स्तर पर रहा है. राजनीति के कई जाने पहचाने चेहरे इस साल इस दुनियां से विदा ले गए. आइए जानते हैं कि साल 2020 में हमने किन्हें खोया.

in 2020 himachal lost their famous politicians
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Published : Dec 30, 2020, 12:36 PM IST

सोलन: साल 2020 सबके लिए मुश्किलों भरा रहा. ऐसे में आंकलन किया जाए कि इस साल हमने क्या खोया तो सबसे पहले जहन में कोरोना महामारी ही आएगी. कोरोना महामारी के चलते पूरे देश पर असर पड़ा है और कहीं न कहीं देश की आर्थिकी पर भी इसका असर पड़ा है.

साल 2020 में देवभूमि हिमाचल ने कई अनमोल मोतियों को खोया है. जिनका नाता राजनीति से लेकर अधिकारी स्तर पर रहा है. राजनीति के कई जाने पहचाने चेहरे इस साल इस दुनियां से विदा ले गए. आइए जानते हैं कि साल 2020 में हमने किन्हें खोया.

वीडियो.

रणजीत बख्शी

नूरपुर विधानसभा के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणजीत बख्शी का हृदय गति रुकने से 06 दिंसबर को निधन हुआ. 83 वर्षीय रंजीत बख्शी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में एक माने जाते थे. राजनीति के साथ वह समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते आए थे.

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रणजीत बख्शी. फाइल

मेजर कृष्णा मोहिनी

कांग्रेस की पूर्व विधायक मेजर कृष्णा मोहिनी का भी 23 फरवरी 2020 को देहांत हो गया था, मेजर कृष्णा मोहिनी ने 1993 से 98 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, कृष्णा मोहिनी ने बीजेपी के महेंद्र नाथ सोफ्त से सत्ता हथियाई थी और दो बार एमएलए रही थी. इसके बाद 2003 में डॉ. राजीव बिंदल ने सोलन से जीत दर्ज की थी. 1938 को जन्मी मेजर कृष्णा मोहिनी नौकरी छोड़कर सक्रिय राजनीति में आई थी.

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मेजर कृष्णा मोहिनी. फाइल

राकेश वर्मा

हिमाचल के शिमला जिला से ठियोग विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक राकेश वर्मा की भी 20 मई 2020 को मृत्यु हो गई थी. राकेश वर्मा पहली बार 1993 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता विद्या स्टोक्स को हराकर विधायक बने थे.

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राकेश वर्मा. फाइल

रघुराज

इस वर्ष हिमाचल के कसौली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक एवं पूर्व पशुपालन मंत्री रघुराज का भी 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था, कसौली विधानसभा से वे पांच बार विधायक रहे थे. कसौली के विकास में रघुराज का अहम योगदान माना जाता है.

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पूर्व मंत्री रघुराज. फाइल

श्यामा शर्मा

इस वर्ष हिमाचल प्रदेश की पूर्व खाद्य आपूर्ति तथा विधि मंत्री श्यामा शर्मा का निधन हो गया था, उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन लाया गया था. जहां उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, कोविड-19 के नियम अनुसार उनका नहान के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया था.

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पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा. फाइल

श्यामा शर्मा ने 1977 में नाहन विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में राज्य से 10 अन्य महिला नेताओं ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अकेली विजय हुई थी. उनकी वकालत की पढ़ाई पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के साथ हुई थी.

पंडित तुलसी राम

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित तुलसीराम लोगों के बीच बाबूजी के नाम से विख्यात थे, उनका भी इस वर्ष निधन हो गया. प्रतिभा के धनी पंडित तुलसीराम राजनीति में कम बोलने वाले शख्स थे लेकिन जब बात विकास की होती थी तो वह अपना पक्ष मजबूती के साथ रखते थे.

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पंडित तुलसी राम. फाइल

भरमौर-चौबिया सड़क भरमौर से अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी का पद लाना मिनी सचिवालय आदि उनके कार्यकाल में ही हुए थे. वह हर बार ग्रामीणों को फल-फूल और सब्जी उगाने के लिए प्रेरित किया करते थे.

चन्द्र सेन ठाकुर

कोरोना के चपेट में कुल्लू के पूर्व विधायक चंद्रसेन ठाकुर भी आए थे उन्होंने अपने घर पर ही अंतिम सांस ली थी. 6 जुलाई 1942 को हरिपुर के दशाल गांव में जन्मे चंद्रसेन का राजनीतिक सफर कॉलेज से शुरू हुआ था, वह मंडी कॉलेज में एबीवीपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे थे, इसके बाद वह भाजपा के विभिन्न पदों पर भी रहे. वह वर्ष 1998 में विधायक बने थे वहीं 5 बार गांव के प्रधान भी रहे थे.

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चंद्र सेन ठाकुर. फाइल

रिखी राम कौंडल

इस वर्ष हिमाचल भाजपा के कद्दावर नेता सहकारिता मंत्री विधानसभा उपाध्यक्ष रह चुके रिखी राम कौंडल का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वह 73 वर्ष के थे. बिलासपुर जिले के झंडुता विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे थे. प्रदेश की सियासत में रिखी राम कौंडल को प्रदेश की सियासत में मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता था.

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रिखी राम कौंडल. फाइल

पंडित रामनाथ शर्मा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य एवं उपाध्यक्ष पंडित रामनाथ शर्मा का भी इस वर्ष निधन हो गया था पंडित रामनाथ शर्मा गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में उपचाराधीन थे. वो सबसे पहले जनता दल के विधायक के इसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर 1984 - 85 में कांग्रेस की ओर से विधानसभा के सदस्य बने. इसके बाद कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी होने के कारण लघु बचत योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे थे.

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पंडित रामनाथ शर्मा. फाइल

पूर्व राज्यपाल नागालैंड अश्वनी कुमार

वहीं हिमाचल के लोगों के लिए इस बार यह साल सदमे भरा रहा,नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व सीबीआई निदेशक व हिमाचल के पूर्व पुलिस महानिदेशक अश्वनी कुमार ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.

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पूर्व डीजीपी अश्विनी कुमार. फाइल

70 वर्षीय अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था वह आईपीएस अधिकारी थे सीबीआई एवं एलिट एसपीजी में विभिन्न पदों पर भी रहे थे. 3 साल तक सीबीआई के डायरेक्टर रहे थे.

वे सीबीआई के पहले ऐसे प्रमुख रहे जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया था. उन्हें नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने पद से त्यागपत्र दिया इसके बाद वह शिमला में निजी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर भी रहे थे.

डॉ. संजीव शर्मा

इस साल आईजीएमसी अस्पताल के रेडियोलजी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर संजीव शर्मा का भी निधन हो गया. प्रोफेसर संजीव शर्मा एक योग्य चिकित्सक होने के साथ-साथ उदार व्यक्ति भी थे.

साल 2020 के राजनीतिक दौर की बात की जाए तो हिमाचल में ये दौर छींटाकशी भरा रहा, एक ओर जहां प्रदेश की जयराम सरकार विकास के कसीदे पड़ने के साथ साथ कोरोना से लड़ने के इंतजामों का हवाला देती हुई नजर आई वहीं विपक्ष भी इस साल सरकार को भ्र्ष्टाचार औऱ घोटाले को लेकर घेरता नजर आया. साल 2020 कई ऐसे अनमोल हीरे देवभूमि से छीनकर ले गया जिनकी पूर्ति करना भविष्य में मुश्किल है.

सोलन: साल 2020 सबके लिए मुश्किलों भरा रहा. ऐसे में आंकलन किया जाए कि इस साल हमने क्या खोया तो सबसे पहले जहन में कोरोना महामारी ही आएगी. कोरोना महामारी के चलते पूरे देश पर असर पड़ा है और कहीं न कहीं देश की आर्थिकी पर भी इसका असर पड़ा है.

साल 2020 में देवभूमि हिमाचल ने कई अनमोल मोतियों को खोया है. जिनका नाता राजनीति से लेकर अधिकारी स्तर पर रहा है. राजनीति के कई जाने पहचाने चेहरे इस साल इस दुनियां से विदा ले गए. आइए जानते हैं कि साल 2020 में हमने किन्हें खोया.

वीडियो.

रणजीत बख्शी

नूरपुर विधानसभा के पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणजीत बख्शी का हृदय गति रुकने से 06 दिंसबर को निधन हुआ. 83 वर्षीय रंजीत बख्शी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में एक माने जाते थे. राजनीति के साथ वह समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते आए थे.

in 2020 himachal lost their famous politicians
रणजीत बख्शी. फाइल

मेजर कृष्णा मोहिनी

कांग्रेस की पूर्व विधायक मेजर कृष्णा मोहिनी का भी 23 फरवरी 2020 को देहांत हो गया था, मेजर कृष्णा मोहिनी ने 1993 से 98 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, कृष्णा मोहिनी ने बीजेपी के महेंद्र नाथ सोफ्त से सत्ता हथियाई थी और दो बार एमएलए रही थी. इसके बाद 2003 में डॉ. राजीव बिंदल ने सोलन से जीत दर्ज की थी. 1938 को जन्मी मेजर कृष्णा मोहिनी नौकरी छोड़कर सक्रिय राजनीति में आई थी.

in 2020 himachal lost their famous politicians
मेजर कृष्णा मोहिनी. फाइल

राकेश वर्मा

हिमाचल के शिमला जिला से ठियोग विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक राकेश वर्मा की भी 20 मई 2020 को मृत्यु हो गई थी. राकेश वर्मा पहली बार 1993 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता विद्या स्टोक्स को हराकर विधायक बने थे.

in 2020 himachal lost their famous politicians
राकेश वर्मा. फाइल

रघुराज

इस वर्ष हिमाचल के कसौली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक एवं पूर्व पशुपालन मंत्री रघुराज का भी 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था, कसौली विधानसभा से वे पांच बार विधायक रहे थे. कसौली के विकास में रघुराज का अहम योगदान माना जाता है.

in 2020 himachal lost their famous politicians
पूर्व मंत्री रघुराज. फाइल

श्यामा शर्मा

इस वर्ष हिमाचल प्रदेश की पूर्व खाद्य आपूर्ति तथा विधि मंत्री श्यामा शर्मा का निधन हो गया था, उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन लाया गया था. जहां उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, कोविड-19 के नियम अनुसार उनका नहान के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया था.

in 2020 himachal lost their famous politicians
पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा. फाइल

श्यामा शर्मा ने 1977 में नाहन विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा था, इस चुनाव में राज्य से 10 अन्य महिला नेताओं ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अकेली विजय हुई थी. उनकी वकालत की पढ़ाई पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के साथ हुई थी.

पंडित तुलसी राम

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पंडित तुलसीराम लोगों के बीच बाबूजी के नाम से विख्यात थे, उनका भी इस वर्ष निधन हो गया. प्रतिभा के धनी पंडित तुलसीराम राजनीति में कम बोलने वाले शख्स थे लेकिन जब बात विकास की होती थी तो वह अपना पक्ष मजबूती के साथ रखते थे.

in 2020 himachal lost their famous politicians
पंडित तुलसी राम. फाइल

भरमौर-चौबिया सड़क भरमौर से अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी का पद लाना मिनी सचिवालय आदि उनके कार्यकाल में ही हुए थे. वह हर बार ग्रामीणों को फल-फूल और सब्जी उगाने के लिए प्रेरित किया करते थे.

चन्द्र सेन ठाकुर

कोरोना के चपेट में कुल्लू के पूर्व विधायक चंद्रसेन ठाकुर भी आए थे उन्होंने अपने घर पर ही अंतिम सांस ली थी. 6 जुलाई 1942 को हरिपुर के दशाल गांव में जन्मे चंद्रसेन का राजनीतिक सफर कॉलेज से शुरू हुआ था, वह मंडी कॉलेज में एबीवीपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे थे, इसके बाद वह भाजपा के विभिन्न पदों पर भी रहे. वह वर्ष 1998 में विधायक बने थे वहीं 5 बार गांव के प्रधान भी रहे थे.

in 2020 himachal lost their famous politicians
चंद्र सेन ठाकुर. फाइल

रिखी राम कौंडल

इस वर्ष हिमाचल भाजपा के कद्दावर नेता सहकारिता मंत्री विधानसभा उपाध्यक्ष रह चुके रिखी राम कौंडल का भी दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वह 73 वर्ष के थे. बिलासपुर जिले के झंडुता विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे थे. प्रदेश की सियासत में रिखी राम कौंडल को प्रदेश की सियासत में मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता था.

in 2020 himachal lost their famous politicians
रिखी राम कौंडल. फाइल

पंडित रामनाथ शर्मा

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य एवं उपाध्यक्ष पंडित रामनाथ शर्मा का भी इस वर्ष निधन हो गया था पंडित रामनाथ शर्मा गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में उपचाराधीन थे. वो सबसे पहले जनता दल के विधायक के इसके बाद कांग्रेस में शामिल होकर 1984 - 85 में कांग्रेस की ओर से विधानसभा के सदस्य बने. इसके बाद कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी होने के कारण लघु बचत योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे थे.

in 2020 himachal lost their famous politicians
पंडित रामनाथ शर्मा. फाइल

पूर्व राज्यपाल नागालैंड अश्वनी कुमार

वहीं हिमाचल के लोगों के लिए इस बार यह साल सदमे भरा रहा,नागालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व सीबीआई निदेशक व हिमाचल के पूर्व पुलिस महानिदेशक अश्वनी कुमार ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.

in 2020 himachal lost their famous politicians
पूर्व डीजीपी अश्विनी कुमार. फाइल

70 वर्षीय अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था वह आईपीएस अधिकारी थे सीबीआई एवं एलिट एसपीजी में विभिन्न पदों पर भी रहे थे. 3 साल तक सीबीआई के डायरेक्टर रहे थे.

वे सीबीआई के पहले ऐसे प्रमुख रहे जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया था. उन्हें नागालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, हालांकि वर्ष 2014 में उन्होंने पद से त्यागपत्र दिया इसके बाद वह शिमला में निजी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर भी रहे थे.

डॉ. संजीव शर्मा

इस साल आईजीएमसी अस्पताल के रेडियोलजी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर संजीव शर्मा का भी निधन हो गया. प्रोफेसर संजीव शर्मा एक योग्य चिकित्सक होने के साथ-साथ उदार व्यक्ति भी थे.

साल 2020 के राजनीतिक दौर की बात की जाए तो हिमाचल में ये दौर छींटाकशी भरा रहा, एक ओर जहां प्रदेश की जयराम सरकार विकास के कसीदे पड़ने के साथ साथ कोरोना से लड़ने के इंतजामों का हवाला देती हुई नजर आई वहीं विपक्ष भी इस साल सरकार को भ्र्ष्टाचार औऱ घोटाले को लेकर घेरता नजर आया. साल 2020 कई ऐसे अनमोल हीरे देवभूमि से छीनकर ले गया जिनकी पूर्ति करना भविष्य में मुश्किल है.

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