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पर्यटन नगरी चायल में नहीं पहुंचा स्वच्छ भारत मिशन, जगह-जगह लगे हैं कूड़े के ढेर - सोलन में गंदगी

चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण गंदगी बाजार से इकट्ठी करके आसपास जंगलों में फेंकी जाती है. यही गन्दगी के ढेर सीधे अश्वनी खड्ड में पहुंचते हैं और इसी प्रदूषित जल को ट्रीट करने के बाद सोलन शहर में उपयोग किया जाता है.

चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण बाजार में गंदगी
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Published : Jul 29, 2019, 3:32 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 8:35 AM IST

सोलनः चायल के बाजार होटलों और पर्यटन व्यवसायी केंद्रों से गंदगी इकट्ठी करके आसपास के जंगलों व नालों में फेंकी जाती है. वहां से गंदगी बारिश के पानी से गांवों के जल स्रोतों तक पहुंच कर कई बार पीलिया जैसी बीमारी फैलने का कारण बन चुकी है. यही वजह है कि कई बार अश्वनी खड्ड से सोलन की पेयजल सप्लाई को बंद करना पड़ता है.

पर्यटन नगरी चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण गंदगी बाजार से इकट्ठी करके आसपास जंगलों में फेंकी जाती है. इससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता को ग्रहण लग रहा है. प्रदूषित हो रही पर्यटन नगरी व समीपवर्ती क्षेत्र चायल में किए जा रहे पर्यटन विकास के सरकारी दावों की पोल खोल रही है.

वीडीयो.

इस समस्या से निपटने के लिए चायल में कूड़ा संयंत्र बनाने व उचित सीवरेज व्यवस्था करने की मांग चली आ रही है लेकिन इस मांग पर प्रशासन ने अभी तक अमल नहीं किया.

सोलनः चायल के बाजार होटलों और पर्यटन व्यवसायी केंद्रों से गंदगी इकट्ठी करके आसपास के जंगलों व नालों में फेंकी जाती है. वहां से गंदगी बारिश के पानी से गांवों के जल स्रोतों तक पहुंच कर कई बार पीलिया जैसी बीमारी फैलने का कारण बन चुकी है. यही वजह है कि कई बार अश्वनी खड्ड से सोलन की पेयजल सप्लाई को बंद करना पड़ता है.

पर्यटन नगरी चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण गंदगी बाजार से इकट्ठी करके आसपास जंगलों में फेंकी जाती है. इससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता को ग्रहण लग रहा है. प्रदूषित हो रही पर्यटन नगरी व समीपवर्ती क्षेत्र चायल में किए जा रहे पर्यटन विकास के सरकारी दावों की पोल खोल रही है.

वीडीयो.

इस समस्या से निपटने के लिए चायल में कूड़ा संयंत्र बनाने व उचित सीवरेज व्यवस्था करने की मांग चली आ रही है लेकिन इस मांग पर प्रशासन ने अभी तक अमल नहीं किया.

Intro:पर्यटन नगरी चायल में हर जगह बिंखरा कूड़ा,बिना कूड़ा संयंत्र से चायल की सुंदरता को लगा ग्रहण,

सुप्रसिद्ध पर्यटन नगरी चायल में गंदगी का वो आलम है कि वह जहां चायल के पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है वहीं सोलन के पेयजल में भी संक्रमण पैदा कर रहा है। चायल बाजार में लगे गन्दगी के ढेर से संक्रमित जल जब अश्वनी खड्ड में पहुंचता है तो जल को प्रदूषित कर देता है वही प्रदूषित जल ट्रीट करने के बाद सोलन नगर में उपयोग किया जाता है। यही वजह है कि कई बार अश्वनी खड्ड से सोलन की पेयजल सप्लाई को बंद करना पड़ता है।Body:पर्यटन नगरी चायल में कूड़ा संयंत्र न होने के कारण गंदगी बाजार से इकट्ठी करके आसपास जंगलों में फैंकी जाती है। इससे यहां की प्राकृतिक सुंदरता को ग्रहण लग रहा है, वहीं तलहट्टी में स्थित जिला सोलन व शिमला के दर्जनों गांवों जल, वायु व भूमि प्रदूषण फैल रहा है। प्रदूषित हो रही पर्यटन नगरी व समीपवर्ती क्षेत्र चायल में किए जा रहे पर्यटन विकास के सरकारी दावों की पोल खोल रही है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण चायल आज देश के पर्यटन मानचित्र पर अंकित है, लेकिन अ'छी साफ-सफाई जैसी सुविधाओं की कमी सरकारी उपेक्षा की तस्वीर बयान करती है।

Conclusion:चायल के बाजार होटलों और पर्यटन व्यवसायी केंद्रों से गंदगी इकट्ठी करके आसपास के जंगलों व नालों में फैंकी जाती है। वहां से गंदगी बारिश के पानी से गांवों के जल स्रोतों तक पहुंच कर कई बार पीलिया जैसी बीमारी फैलने का कारण बन चुकी है। इस समस्या से निपटने के लिए चायल में कूड़ा संयंत्र बनाने व उचित सीवरेज व्यवस्था करने की मांग चली आ रही है, पर इस मांग पर सरकार ने अभी तक अमल नहीं किया।

शॉट:-पर्यटन नगरी चायल
Img:-चायल

Last Updated : Jul 30, 2019, 8:35 AM IST
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