सोलन: हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है, लेकिन इन दिनों हिमाचल प्रदेश में आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की अहम कड़ी माने जाने वाले होटलियर का व्यापार ठप हो चुका है. पहले बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर लॉकडाउन की वजह से होटल का व्यापार ठप रहा और अब किसान आंदोलन की वजह से भी कहीं ना कहीं होटलियर के व्यापार पर असर पड़ रहा है.
तैयारी में जुटे व्यापारी
जिला में क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए होटल व्यवसायी तैयारी में जुट गए हैं. सेलिब्रेशन पर ग्राहकों को कोई कमी न रहे इसके लिए होटल व्यवसायी विशेष प्रकार के इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन किसान आंदोलन और कोविड के खौफ से पर्यटकों की आवक कम हो गई है. होटल एसोसिएशन चायल के अध्यक्ष देवेंद्र वर्मा ने बताया कि कोविड के बीच होटल कारोबार में अब धीरे धीरे सुधार आने लग गया था.
70 प्रतिशत हुई एडवांस बुकिंग
इसमें न्यू इयर और क्रिसमस के लिए 70 प्रतिशत ऑनलाइन एडवांस बुकिंग भी हो गई थी, लेकिन किसान आंदोलन और कोविड से पर्यटकों ने अपनी बुकिंग को रद्द करवा दिया है. अध्यक्ष देवेंद्र वर्मा का कहना है कि जल्द सरकार किसानों से बात कर इस आंदोलन को समाप्त करें, जिससे इसका असर होटलियर पर ना पड़े. उन्होंने प्रदेश सरकार से भी अपील की है कि वे होटल व्यवसाय पर पड़ने वाले असर पर ध्यान दें.
होटल कारोबारी को नुकसान
जानकारी के अनुसार नए साल और क्रिसमस के लिए बाहरी राज्यों से लोग जिला के पर्यटक स्थलों पर पहुंचते हैं. वहीं, दिसंबर और जनवरी माह में बर्फबारी का भी आनंद लेते हैं. इस साल कोविड से जहां पहले से होटल कारोबारी को नुकसान झेलना पड़ रहा है. होटल कारोबार के लिए अनुमति मिलने के बाद कारोबार बढ़ने लग गया था, लेकिन अब किसान आंदोलन और कोविड के बीच रात को लगने वाले कर्फ्यू से पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
ऑनलाइन बुकिंग हुई रद्द
इस कारण पर्यटकों ने करवाई ऑनलाइन बुकिंग भी रद्द कर ली है. इसमें एक होटल कारोबारी करीब तीन लाख तक वापस पर्यटकों को कर चुका है जबकि अन्य होटलों की भी यही स्थिति बताई जा रही है. अगर किसान आंदोलन में कुछ समझौता होता है, न्यू ईयर और क्रिसमस को पर्यटक कारोबार होने की संभावना हैं.