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पश्चिम बंगाल में 56 दिन तक फंसी रही बारात, जानें कैसे हुई हिमाचल वापसी - डीसी केसी चमन

देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते हिमाचल से पश्चिम बंगाल गई एक बारात को 56 दिन तक दूसरे राज्य में रहने को मजबूर होना पड़ा. 21 मार्च को गई ये बारात 14 मई को हिमाचल वापिस लौटी है.

procession stuck in West Bengal
नवविवाहित सुनील कुमार और संयोगिता.
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Published : May 24, 2020, 10:38 PM IST

सोलन: कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते हिमाचल प्रदेश से पश्चिम बंगाल गई बारात 56 दिन बाद हिमाचल वापिस लौटी. लॉकडाउन से पहले 21 मार्च को हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना से एक परिवार बारात लेकर पश्चिम बंगाल गया था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया और 21 बाराती 56 दिनों तक पश्चिम बंगाल में ही लॉकडाउन हो गए.

वीडियो रिपोर्ट.

बारात लेकर गए लोगों ने हिमाचल संपर्क किया तो सोलन से मालदा गई बस के बारे में उन्हें पता चला. इसके बाद इन लोगों ने सोलन के डीसी केसी चमन से संपर्क किया. डीसी ने तुरंत एक्शन लेते हुए पश्चिम बंगाल की सरकार और मालदा के नोडल अधिकारी से बातचीत कर उन्हें वहां से लाने का प्रबंध करवाया. सोलन उपायुक्त केसी चमन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान एक अनोखी शादी देखने को मिली. इस शादी में हिमाचल से पश्चिम बंगाल गई बारात को लड़की के घर में 56 दिनों तक रहना पड़ा. उन्होंने बारातियों के आग्रह पर पश्चिम बंगाल की सरकार और वहां के नोडल अधिकारी से बातचीत की. उसके बाद परमिट दिलवाकर बारातियों को जिला ऊना लाया गया, जहां उन्हें अब क्वांरटाइन किया गया है.

क्या कहता है दुल्हा

वहीं, दुल्हे सुनील कुमार ने फोन पर बताया कि बारात में शामिल होने के लिए 17 लोग पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल डैम रेलवे स्टेशन से कोलकाता जाने वाली गुरुमुखी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में 21 मार्च को सवार हुए थे. जब वे अगले दिन 22 मार्च को कोलकाता पहुंचे तो देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर लोग जनता कर्फ्यू का पालन कर रहे थे.

सुनील कुमार और संयोगिता का विवाह 25 मार्च को पुरुलिया जिले के काशीपुर गांव में निर्धारित समय पर सम्पन्न हुआ. उसी दिन देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन का पहला चरण शुरू हुआ. दुल्हन के साथ बारात को 26 मार्च को लौटना था और उन्होंने टिकट बुक करवा रखे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें 50 से अधिक दिन तक एक धर्मशाला में रुकना पड़ा. सुनील कुमार ने बताया कि उसके ससुराल वालों ने काशीपुर की धर्मशाला में उनके रहने का प्रबंध किया और हर संभव मदद मुहैया करवाई.

बारातियों ने डीसी सोलन का जताया आभार

पेशे से इलेक्ट्रिशियन सुनील कुमार ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल हेल्पलाइन नंबरों पर फोन किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद हमने डीसी सोलन से संपर्क किया. उपायुक्त ने हमारे लिए राशन का प्रबंध किया. बारात को अंतत: राज्य सरकार से ई-पास मिला, जिसके बाद वह 14 मई को मालदा से हिमाचल प्रदेश जाने वाली बस में सवार हुए. बस सोलन जिले से मालदा के कुछ लोगों को लेकर आई थी. बारात 55 घंटे में 1,850 किलोमीटर की दूरी तय कर हिमाचल प्रदेश पहुंची.

बारातियों का कहना कभी नहीं भूलेंगे शादी

सुनील कुमार ने कहा कि इस बारात में शामिल लोगों का कहना है कि वे कभी इस शादी को नहीं भुला पाएंगे. कोरोना वायरस संबंधी जांच के लिए सभी लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं और हमें 14 दिन के लिए क्वांरटाइन किया गया है, जिसके बाद घर जाने की अनुमति मिल पाएगी.

सोलन: कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते हिमाचल प्रदेश से पश्चिम बंगाल गई बारात 56 दिन बाद हिमाचल वापिस लौटी. लॉकडाउन से पहले 21 मार्च को हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना से एक परिवार बारात लेकर पश्चिम बंगाल गया था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया और 21 बाराती 56 दिनों तक पश्चिम बंगाल में ही लॉकडाउन हो गए.

वीडियो रिपोर्ट.

बारात लेकर गए लोगों ने हिमाचल संपर्क किया तो सोलन से मालदा गई बस के बारे में उन्हें पता चला. इसके बाद इन लोगों ने सोलन के डीसी केसी चमन से संपर्क किया. डीसी ने तुरंत एक्शन लेते हुए पश्चिम बंगाल की सरकार और मालदा के नोडल अधिकारी से बातचीत कर उन्हें वहां से लाने का प्रबंध करवाया. सोलन उपायुक्त केसी चमन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान एक अनोखी शादी देखने को मिली. इस शादी में हिमाचल से पश्चिम बंगाल गई बारात को लड़की के घर में 56 दिनों तक रहना पड़ा. उन्होंने बारातियों के आग्रह पर पश्चिम बंगाल की सरकार और वहां के नोडल अधिकारी से बातचीत की. उसके बाद परमिट दिलवाकर बारातियों को जिला ऊना लाया गया, जहां उन्हें अब क्वांरटाइन किया गया है.

क्या कहता है दुल्हा

वहीं, दुल्हे सुनील कुमार ने फोन पर बताया कि बारात में शामिल होने के लिए 17 लोग पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल डैम रेलवे स्टेशन से कोलकाता जाने वाली गुरुमुखी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में 21 मार्च को सवार हुए थे. जब वे अगले दिन 22 मार्च को कोलकाता पहुंचे तो देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर लोग जनता कर्फ्यू का पालन कर रहे थे.

सुनील कुमार और संयोगिता का विवाह 25 मार्च को पुरुलिया जिले के काशीपुर गांव में निर्धारित समय पर सम्पन्न हुआ. उसी दिन देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन का पहला चरण शुरू हुआ. दुल्हन के साथ बारात को 26 मार्च को लौटना था और उन्होंने टिकट बुक करवा रखे थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें 50 से अधिक दिन तक एक धर्मशाला में रुकना पड़ा. सुनील कुमार ने बताया कि उसके ससुराल वालों ने काशीपुर की धर्मशाला में उनके रहने का प्रबंध किया और हर संभव मदद मुहैया करवाई.

बारातियों ने डीसी सोलन का जताया आभार

पेशे से इलेक्ट्रिशियन सुनील कुमार ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल हेल्पलाइन नंबरों पर फोन किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद हमने डीसी सोलन से संपर्क किया. उपायुक्त ने हमारे लिए राशन का प्रबंध किया. बारात को अंतत: राज्य सरकार से ई-पास मिला, जिसके बाद वह 14 मई को मालदा से हिमाचल प्रदेश जाने वाली बस में सवार हुए. बस सोलन जिले से मालदा के कुछ लोगों को लेकर आई थी. बारात 55 घंटे में 1,850 किलोमीटर की दूरी तय कर हिमाचल प्रदेश पहुंची.

बारातियों का कहना कभी नहीं भूलेंगे शादी

सुनील कुमार ने कहा कि इस बारात में शामिल लोगों का कहना है कि वे कभी इस शादी को नहीं भुला पाएंगे. कोरोना वायरस संबंधी जांच के लिए सभी लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं और हमें 14 दिन के लिए क्वांरटाइन किया गया है, जिसके बाद घर जाने की अनुमति मिल पाएगी.

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