सोलन: भारत में बनी खांसी की दवा पीने से गांबिया में हुई 66 बच्चों की मौत (Death of 66 children in Gambia) के बाद हिमाचल ड्रग विभाग हरकत (Himachal drug department) में आ गया है. विभाग ने वीरवार को तुरंत कार्रवाई करते हुए औद्योगिक क्षेत्र मानपुरा में मेडन फार्मास्युटिकल कंपनी से पांच दवाओं के सैंपल (Medan Pharmaceutical Company Baddi) भरे. विभाग ने यह सभी सैंपल जांच के लिए कंडाघाट लैब में भेज दिए हैं. बताया जा रहा है कि हरियाणा में मेडन फार्मास्युटिकल कंपनी की दवाई पीने से जांबिया में बच्चे बीमार हुए. वहीं, कंपनी के मालिक का एक रिश्तेदार बद्दी में रहता है, जिसकी एक दवा कंपनी भी है. लेकिन इनका व्यापार में कोई आपसी लिंक नहीं है.
रिश्तेदारी होने के कारण कंपनियों के नाम एक जैसे जरूर हैं. मानपुरा की कंपनी भी ओरल लिक्विड तैयार करती है. जिसमें खासी के टैबलेट, कैप्सूल और सिरप तैयार होता है. अतिरिक्त राज्य ड्रग नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्होंने वीरवार को ड्रग इंस्पेक्टर की टीम को मानपुरा स्थित मेडन फार्मास्युटिकल कंपनी में भेजा. टीम ने वहां पर पांच दवाओं के सैंपल लिए हैं. जिन्हें जांच के लिए कंडाघाट स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया गया है.
मनीष कपूर ने बताया कि इस कंपनी में पिछले जनवरी माह से उत्पादन बंद है. गांबिया में जिस कफ सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है, या जो प्रोडक्ट वहां पकड़े गए हैं. उनमें से एक भी उत्पाद यहां पर तैयार नहीं होता है. हरियाणा की कंपनी में प्रोमेथाजीन ओरल सॉल्यूशन बीपी, केफेग्जिमालीन बेबी कफ सीरप, माकॉफ बेबी, माग्रीप इन कोल्ड तैयार होते है. लेकिन इनमें से किसी भी नाम का सिरप यहां पर तैयार नहीं होता (Gambia child death cough syrup) था.
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