सोलन: हिमाचल कांग्रेस सोशल मीडिया अध्यक्ष अभिषेक राणा (Himachal Congress Social Media President Abhishek Rana) ने सोलन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. अभिषेक राणा ने कहा कि हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services in Himachal) को लेकर प्रदेश की जनता का प्रदेश की जयराम सरकार मजाक बना चुकी है. उन्होंने कहा कि चाहे वह कोरोना काल हो या फिर इससे पहले के हालात, लोगों को जनरल और रूटीन चेकअप के लिए भी दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता है. हिमाचल के वासियों को कहीं पर भी वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही जो एक प्रदेश की जनता को मिलनी चाहिए. यही कारण है कि हिमाचल के लाखों लोग आज स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से जूझ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी है. उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग अपना इलाज कराने के लिए प्रदेश के बाहर जाकर पीजीआई और अन्य अस्पतालों में जाकर अपना इलाज करवा रहे है. राणा ने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ में उन्होंने आरटीआई डाली थी जिसमे ये बताया गया कि कितने लोग हिमाचल से अपना इलाज करवाने के लिए वहां आए.
पिछले तीन सालों में लाखों लोगों ने पीजीआई में करवाया अपना इलाज: अभिषेक राणा ने बताया कि साल 2018 में हिमाचल से 2,27,576 लोग ,साल 2019 में 2,35,657 लोग और साल 2020 में भी जब कोरोना महामारी शुरू हुई तब भी प्रदेश से 75,407 लोग अपना इलाज करवाने के लिए पीजीआई गए. उन्होंने कहा कि अभी हमने प्रदेश के टांडा, आईजीएमसी और हमीरपुर अस्पताल में भी आरटीआई डाली है कि यहां से कितने मरीज अपना इलाज करवाने के लिए यहां से बाहरी प्रदेशों में गए.
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं विफल: राणा ने जनता की ओर से विडंबना जाहिर करते हुए कहा कि आज के दौर में चंडीगढ़, दिल्ली, जालंधर इत्यादि जैसे बड़े शहर हिमाचल वासियों का बसेरा हो गया है और हिमाचल प्रदेश के सक्षम लोग स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से प्रदेश को छोड़कर जा रहे हैं. जब बात आती है दुर्घटनाओं की तो इस मामले में हिमाचल प्रदेश की जनता बहुत ही दुर्भाग्यशाली है क्योंकि कोई भी दुर्घटना होने पर यहां आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. अधिकतर मामलों में मरीज को चंडीगढ़ पीजीआई लेकर जाया जाता है.
उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में सामने आया है कि काफी मामलों में पीजीआई पहुंचने से पहले ही मरीज दम तोड़ देता है और इसका कारण यही है कि प्रदेश सरकार पूर्णता लापरवाही का रवैया अपनाते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ नहीं कर रही, उल्टा स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए जो बजट आता है उसमें भी लगातार घोटाले होते देखे गए हैं. ऐसी शर्मनाक व्यवस्था से हमारे प्रदेश की छवि धूमिल हो चुकी है.
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प्रदेश में स्टाफ और डॉक्टरों की कमी: उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में वह जरूरी उपकरण जिनसे मरीज के इलाज में मदद मिलती है जैसे कि एमआरआई मशीन, एक्स-रे मशीन, अल्ट्रासाउंड इत्यादि या तो खराब है या फिर उपलब्ध ही नहीं है. अस्पतालों में पर्याप्त स्टाफ और डॉक्टर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कि अस्पतालों में न तो न मशीनरी और न ही बुनियादी ढांचा है.
BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष के गृह जिले में एम्स महज नाममात्र: अभिषेक राणा ने कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके जगत प्रकाश नड्डा के अपने गृह जिले में बना एम्स भी महज नाम मात्र का अस्पताल बनकर रह गया है क्योंकि अगर वहां स्वास्थ्य व्यवस्थाएं होती तो कोई भी अपने प्रदेश से इतना खर्च करके दूसरे राज्यों का रुख नहीं करता. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस पर स्पष्टीकरण दे और वजह बताएं कि किन कारणों से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का अकाल पड़ा हुआ है. किस वजह से हमारे प्यारे प्रदेश की छवि को धूमिल किया जा रहा है.
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