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डॉ. राजीव बिंदल ने मां शूलिनी के दरबार में नवाया शीश, कहा: मेरा सबसे पहला टारगेट संगठन को मजबूत करना - राजीव बिंदल

ताजपोशी के बाद सोलन पहुंचे राजीव बिंदल का कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से स्वागत किया. राजीव बिंदल ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद मेरा सबसे पहला टारगेट संगठन को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि अगर संगठन मजबूत होगा तो किसी को भी टारगेट करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर टारगेट करना भी हुआ तो टारगेट करने में भी आसानी होगी.

Dr. Rajeev Bindal reached Shoolini temple in solan, डॉ. राजीव बिंदल ने मां शूलिनी के दरबार में नवाया शीश
डॉ. राजीव बिंदल ने मां शूलिनी के दरबार में नवाया शीश
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Published : Jan 18, 2020, 11:20 PM IST

सोलन: प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद सोलन पहुंचने पर डॉ. राजीव बिंदल पार्टी आराध्य देवी मां शूलिनी के दरबार में शीश नवाया. ताजपोशी के बाद सोलन पहुंचे राजीव बिंदल का कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से स्वागत किया.

राजीव बिंदल ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद मेरा सबसे पहला टारगेट संगठन को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि अगर संगठन मजबूत होगा तो किसी को भी टारगेट करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर टारगेट करना भी हुआ तो टारगेट करने में भी आसानी होगी.

वीडियो.

राजीव बिंदल ने कहा कि सोलन से चले जाने के बाद भाजपा सोलन लड़खड़ा सी गई थी, लेकिन सोलन में फिर से भाजपा में मजबूती आएगी और भाजपा फिर से सोलन में घर वापसी करेगी.

ये भी पढ़ें- बिंदल ने संभाली हिमाचल भाजपा की कमान, अब पार्टी की नब्ज पर रहेगा डॉक्टर का हाथ

सोलन: प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद सोलन पहुंचने पर डॉ. राजीव बिंदल पार्टी आराध्य देवी मां शूलिनी के दरबार में शीश नवाया. ताजपोशी के बाद सोलन पहुंचे राजीव बिंदल का कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से स्वागत किया.

राजीव बिंदल ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद मेरा सबसे पहला टारगेट संगठन को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि अगर संगठन मजबूत होगा तो किसी को भी टारगेट करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर टारगेट करना भी हुआ तो टारगेट करने में भी आसानी होगी.

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राजीव बिंदल ने कहा कि सोलन से चले जाने के बाद भाजपा सोलन लड़खड़ा सी गई थी, लेकिन सोलन में फिर से भाजपा में मजबूती आएगी और भाजपा फिर से सोलन में घर वापसी करेगी.

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Intro:
डॉ बिंदल ने आराध्य देवी माँ शूलिनी के दरबार मे नवाया शीश...बिंदल बोले मेरा टारगेट संगठन को मजबूत करना

■ आने वाले समय मे मजबूत होगी सोलन की सियासत..ढंके की चोट पर फिर वापिसी होगी सोलन में।

डॉ बिंदल ने पार्टी के अध्यक्ष बनने के बाद सोलन पहुंचने पर सोलन वासियों की आराध्य देवी मां शूलिनी के दरबार में शीश नवाया ताजपोशी के पास सोलन पहुंचे राजीव बिंदल का कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से स्वागत किया ।

Body:

■ मेरा टारगेट संगठन को मजबूत करना...सोलन में बहुत जल्दी होगी भाजपा की वापसी.....
राजीव बिंदल ने कहा कि पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद मेरा सबसे पहला टारगेट संगठन को मजबूत करना है ,उन्होंने कहा कि अगर संगठन मजबूत होगा तो किसी को भी टारगेट करने की जरूरत नहीं है, उन्होंने कहा कि अगर टारगेट करना भी हुआ तो टारगेट करने में भी आसानी होगी,उन्होंने कहा की सोलन से चले जाने के बाद भाजपा सोलन में लड़खड़ा सी गई थी लेकिन सोलन में फिर से भाजपा में मजबूती आएगी और भाजपा फिर से सोलन में घर वापसी करेगी।

Conclusion:
■ कुछ इस तरह रहा है सोलन से शुरू हुई राजीव बिन्दल का राजनैतिक सफर....


वर्ष 1998 में 13 सदस्यीय सोलन नगर परिषद में कांग्रेस के 8 पार्षद थे और डॉ. बिंदल समेत भाजपा के सिर्फ पांच पार्षद थे लेकिन धूमल के करिश्माई नेतृत्व से बाजी पलटी और सोलन नगर परिषद में भाजपा के पार्षदों की संख्या 6 हो गई और एक पार्षद तटस्थ हो गया। फिर डॉ. बिंदल कांग्रेस के कुछ बागी पार्षदों की बदौलत सिक्के की उछाल से नगर परिषद के अध्यक्ष बने। उन्होंने नगर परिषद अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जिस सूझबूझ व राजनीतिक प्रबन्धन का परिचय दिखाया था उसे देखकर राजनीतिक पंडितों ने उन्हें राजनीति में लम्बी रेस का घोड़ा करार दिया था। इस पर वे खरे भी उतरे हैं।


इस बीच पूर्व मंत्री महेंद्रनाथ सोफत ने 1998 के विधानसभा चुनाव में सोलन में हुई धांधली की याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाल दी और 1999 के अक्तूबर माह में सोलन से उस दौरान कांग्रेस की नेता मेजर कृष्णा मोहिनी का चुनाव रद्द हो गया। विधानसभा का सोलन उपचुनाव घोषित हो गया और महेंद्रनाथ सोफत का टिकट काट कर बिंदल को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया।


वर्ष 2000 में उपचुनाव जीतकर डॉ. राजीव बिन्दल चुनाव पहली बार विधानसभा पहुंचे। उनके विधायक बनने के बाद जिला सोलन में भाजपा भी मजबूत होने लगी। फिर 2003 और 2007 के विधानसभा चुनाव में भी डॉ. बिंदल ने धूमल की बदौलत जीत दर्ज की। वह 2008 से 2011 तक धूमल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। वर्ष 2007 के विस चुनाव में भाजपा ने पहली बार जिला सोलन की 5 विधानसभा सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।


डिलिमिटेशन के बाद सोलन के आरक्षित होने के बाद डॉ. बिंदल ने 2012 व 2017 का विधानसभा चुनाव नाहन से जीता। 2 साल तक मुखयमंत्री जयराम ठाकुर सरकार में विधानसभा अध्यक्ष के पद पर रहे। वर्ष 2012 की जीत के साथ ही वह प्रदेश के पहले ऐसे नेता बने जो दूसरे जिला में जाकर भी चुनाव जीत गए। उनके नाहन जाते ही जिला सोलन में भाजपा कमजोर होने लगी और पार्टी का ग्राफ गिरना शुरू हो गया। वर्ष 2007 में 5 सीटें जीतने वाली भाजपा वर्ष 2012 में हुए विस चुनाव में 3 सीटें ही जीत पाई।

इसी तरह वर्ष 2017 में हुए विस चुनाव में भाजपा अब 2 सीटों तक ही सीमित रह गई है। डॉ. राजीव बिन्दल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जिला सोलन में भाजपा को मजबूत बनाना एक बड़ी चुनौती है। भाजपा की अब उनके नेतृत्व में वर्ष 2022 के विस चुनाव में वर्ष 2007 विस चुनाव का इतिहास रचने की योजना है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसकी उम्मीद अभी से लगानी शुरू कर दी।
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