सोलन: हिमाचल प्रदेश में बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदा से बचाव को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की गई. सोलन, कसौली, कंडाघाट, नालागढ़ और अर्की में मॉक ड्रिल किया गया. इस मॉक ड्रिल में विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ से बचाव को लेकर राहत एवं बचाव कार्य किए गए. आज सुबह 9 बजे से जिला के सभी उपमंडल में यह मॉक ड्रिल शुरू हुई.
सुबह करीब 9 बजे सायरन बजते ही आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल शुरू हुई. सोलन में शिवालिक बायोमेटल चंबाघाट में रसायनिक रिसाव और बाढ़ आने की स्थिति को दर्शाया गया. जहां पर एनडीआरएफ, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने मिलकर राहत बचाव कार्य किया. इस दौरान किस तरह से उपकरणों का इस्तेमाल इस आपदा की घड़ी में किया जा सकता है, इसको लेकर मॉक ड्रिल किया गया. वहीं इस दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई, उसको लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गई.
डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने बताया कि जिला के सभी उपमंडलों में रासायनिक रिसाव, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति को दर्शाया गया है. जिसमें किस तरह से आपदा से बचाव को लेकर कार्य किया जा सकता है, इसके लिए मॉक ड्रिल की गई. उन्होंने के सोलन में शिवालिक बाईमेटल चंबाघाट, अर्की में राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, कसौली उपमंडल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धर्मपुर, नालागढ़ मंडल के बीर प्लासी पीसी मझौली तथा कंडाघाट उपमंडल के अश्वनी खड़ साधुपुल में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया.
उन्होंने कहा मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है कि यदि आपदा आती है तो उस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है? किस तरह से आमजन को भूकंप, बाढ़, भूस्खलन और अन्य चीजों से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा औद्योगिक आपदा के बारे में भी आज लोगों को जागरूक किया गया है. ताकि आपदा के समय में कोई भी जान माल की हानि ना हो सके.
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