सोलन: हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से बारिश ना होने के कारण किसान बागवान इंद्रदेव की तरह अपनी नजर गड़ाए हुए हैं. प्रदेश के साथ-साथ जिला सोलन में बारिश ना होने से सूखे जैसे आसार बनने शुरू हो चुके हैं. जहां किसान गेहूं की खेती से हर साल अच्छी आमदनी कमाता था, लेकिन इस बार सूखे के कारण और बारिश ना होने के चलते करीब 7 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा रहा है.
लंबे समय में प्रदेश और जिला में बारिश ना होने के कारण गेहूं की फसल सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है. कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि सूखे के कारण 8100 हेक्टेयर भूमि पर सूखे की स्थिति देखने को मिल रही है. जिला में 21,300 हेक्टर भूमि पर गेहूं की खेती की जाती है, लेकिन बारिश न होने के चलते इस बार किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
7 करोड़ का नुकसान
डॉ. कौशिक ने बताया कि सूखे के कारण गेहूं की फसल से जिला के किसानों को करीब 7 करोड़ का नुकसान हुआ है. निचले क्षेत्रों में प्रोडक्शन में कोई भी नुकसान नहीं हुआ क्योंकि वहां पर इरिगेशन की सप्लाई बेहतरीन ढंग से है. जिला में लगभग 42,010 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान था, लेकिन सूखे कारण जिला में इस बार गेहूं का उत्पादन 2900 मीट्रिक टन कम होगा.
गेहूं का उत्पादन होगा करीब 39,110 मीट्रिक टन
सूखे के कारण जिला में इस बार गेहूं का उत्पादन करीब 39,110 मीट्रिक टन होगा. जिससे कहीं ना कहीं प्रदेश के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ने वाला है. वहीं, किसानों की आमदनी पर भी गहरा असर देखने को मिलेगा.
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