सोलन: जिला सोलन में किसानों को मोटे अनाज के प्रति जागरूक करने के लिए कृषि विभाग सोलन द्वारा जिले के पांच ब्लॉकों सोलन, कंडाघाट, नालागढ़, अर्की और धर्मपुर में जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं. इसके तहत किस तरह से मोटे अनाज की खेती करनी है और क्या इसके फायदे हैं, इसके बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है. कृषि विभाग सोलन की जिला कृषि अधिकारी डॉ. सीमा कंसल ने बताया कि मोटे अनाज का महत्व 1960 के दशक में समाप्त हो गया था.
उन्होंने कहा कि मोटे अनाज का महत्व समाप्त तो हो गया लेकिन अब एक फिर से प्राकृतिक खेती के शुरू होने से मोटे अनाज की खेती पर भी बल दिया जा रहा है क्योंकि मोटे अनाज से जहां एक तरफ किसानों को आमदनी में 2000-3000 तक मुनाफा मिलेगा. वहीं, दूसरी तरफ इसमें पानी और दवाइयों के खर्चे की भी बचत होगी. उन्होंने बताया कि मोटे अनाज कैंसर, रक्तचाप, शुगर जैसी बीमारियों के लिए भी बेहद लाभदायक हैं.
वहीं, इस खेती को करने में किसानों का खर्च भी कम आएगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भी किसानों से आग्रह कर रहे हैं कि वे लोग स्टार्ट अप की तरफ जाएं. ऐसे में मोटे अनाज की खेती किसानों के लिए बेहतर है. उन्होंने कहा की जिले में अभी फिलहाल 1000 किसान ही मोटे अनाज की खेती कर रहे हैं. जिले में लगभग 13.75 हेक्टेयर भूमि पर ये खेती की जा रही है.
डॉ. सीमा कंसल ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसान मोटे अनाज की खेती करें, इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जागरूक करने के साथ-साथ कृषि विभाग किसानों को मोटे अनाज के बीज भी मुहैया करवा रहा है और किस तरह से ये खेती किसान कर सकते हैं उसके बारे में फील्ड में भी कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को जागरूक कर रहे हैं.
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