सोलन: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच बर्ड फ्लू के आने से कहीं न कहीं चिकन प्रेमियों की चिंता के साथ-साथ चिकन कारोबार से जुड़े लोगों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही है. बर्ड फ्लू की खबरों के बीच चिकन और अंडों के कारोबार पर गहरा असर पड़ा है, जहां एक और अंडे का फंडा बिगड़ गया है तो वहीं, थाली से चिकन भी गायब हो चुका है.
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में भी कालका शिमला नेशनल हाईवे-5 पर मृत पड़े मुर्गों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए बाहरी राज्यों से आने वाले मुर्गों के एंट्री पर बैन लगा दिया है. चिकन बंद होने के साथ-साथ कहीं ना कहीं इस कारोबार के साथ जुड़े लोगों की चिंता भी लगातार बढ़ती जा रही है.
एक ओर जहां पोल्ट्री फार्म पर इसका गहरा असर पड़ा है वही चिकन शॉप चलाने वाले व्यवसायी भी मंदी की मार झेल रहे हैं. एक ओर जहां पहले कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में लोगों को घाटे का सामना करना पड़ा वहीं अब चिकन व्यवसायियों को बर्ड फ्लू के बाद चिकन बंद होने से घाटे से सौदा करना पड़ रहा है.
ग्राहक आते है,चिकन नही मिलता है तो लौट जाते हैं
सोलन शहर में हंस मीट शॉप के मालिक कमल हंस का कहना है कि जबसे चिकन बंद हुआ है उससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि ग्राहक रोज आते हैं और पूछते हैं कि चिकन है या नहीं जब उन्हें चिकन नहीं मिलता है तो वह वापस चले जाते हैं.
प्रतिदिन होती थी करीब 15 हजार की सेल
कमल हंस का कहना है कि चिकन बंद होने से उनका कारोबार ठप हो चुका है कमल हंस का कहना है कि वह समय फिश और मटन बेच रहे हैं लेकिन उनकी ज्यादा सेल चिकन सही होती थी उन्होंने बताया कि चिकन बंद होने से पहले 1 दिन में करीब 12 से ₹15000 की सेल चिकन से हो जाती थी लेकिन अब वही घाटा उन्हें रोजाना झेलना पड़ रहा है.
कारोबार ठप्प होने से अब तक हुआ 1 लाख तक का नुकसान
कमल हंस का कहना है कि वे अब तक करीब ₹100000 तक का नुकसान झेल चुके हैं उन्होंने बताया कि उनके पास पहले दो कर्मचारी और भी थे लेकिन घाटे की वजह से उन्हें भी काम से निकालना पड़ा उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि उनकी तरफ ध्यान दिया जाए ताकि वह भी घाटे से उभर सके.
पंजाब हरियाणा की तरह हिमाचल में चिकन शुरू करवाए सरकार
वहीं चिकन व्यवसायी सन्दीप हंस का कहना है कि चिकन बंद होने से होने बहुत नुकसान हो रहा है उनका कहना है कि पंजाब हरियाणा में चिकन बिक रहा है लेकिन हिमाचल सरकार में काफी समय से चिकन बंद हो चुका है. उनका कहना है कि वे मानते हैं कि बर्ड फ्लू के होने से कहीं ना कहीं चिकन से बर्ड फ्लू फैल सकता है लेकिन सरकार दिशानिर्देशों के साथ चिकन दोबारा शुरू करने के लिए निर्देश जारी करें.
चिकन की बढ़ रही मांग, सरकार दे ध्यान
उनका कहना है कि लोग दुकान पर आकर चिकन पूछते हैं लेकिन चिकन ना होने के कारण या तो वे खाली लौट जाते हैं या फिर मटन लेकर जाते हैं. उनका कहना है कि जो सेल रोजाना चिकन से होती थी वह अब नहीं हो रही है जिसके कारण उन्हें घाटा झेलना पड़ रहा है उन्होंने सरकार से अपील की है कि सरकार इस ओर ध्यान देकर दिशा निर्देश जारी करें ताकि वे लोग उसका पालन कर दोबारा से अपनी जिंदगी पर लौटा सके.
गांव-गांव में लोगों को बर्ड फ्लू के प्रति किया जा रहा जागरूक
वहीं, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. बीबी गुप्ता का कहना है कि बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद सरकार और प्रशासन द्वारा दूसरे राज्यों से चिकन की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था.
उनका कहना है कि बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पूरी तरह से सोलन जिला में और जिला के साथ साथ प्रदेश में चिकन की आवाजाही को बंद कर दिया गया था जो कि अभी भी बंद है. उन्होंने बताया कि चिकन की आवाजाही बन्द होने से इसका असर चिकन किस सेल पर भी पड़ा है.
राज्य के अंदर पाए जाने वाले चिकन की हो रही बिक्री
उन्होंने बताया कि राज्य के अंदर में जो चिकन मौजूद है उसे ही चिकन शॉप्स पर बेचा जा रहा है. वहीं पशुपालन विभाग लगातार पंचायत और गांव में लोगों को पेंपलेट और रेडियो के माध्यम से जागरूक भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार की ओर से चिकन से बैन हटा नहीं दिया जाता तब तक इसी तरह से पशुपालन विभाग लोगों को जागरूक करता रहेगा.
हाफ चिकन को करें इग्नोर, 70 सेंटीग्रेट पर पकाएं चिकन
वहीं, विशेषज्ञ डॉ अनीश ने बताया कि बर्ड फ्लू होने के बाद लोगों को चिकन के प्रति काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि चिकन और अंडे को घर में पूरा पका कर खाना चाहिए अगर हॉफ कुक्ड चिकन कोई खाता है तो उसमें कहीं ना कहीं बीमारी के लक्षण रही जाते हैं.
उन्होंने बताया कि चिकन को 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर पकाकर ही खाना चाहिए क्योंकि अगर सही तरीके से चिकन को पकाया जाए तो किसी भी तरह की बीमारी उसमें नहीं रहती है. उन्होंने कहा कि भारत में पहले से ही परंपरा रही है कि खाने को पूरा पकाकर बनाया जाता है. वहीं उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर वे अंडा और चिकन खाना चाहते हैं तो उसे आधा पका हुआ ना बनाकर पूरा पकाकर खाएं.
पोल्ट्री फार्म और पालतू मुर्गो की विभाग ने की रेंडम सैंपलिंग
बता दें कि जिला में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग द्वारा कालका शिमला नेशनल हाईवे पर जिन क्षेत्रों में मृत मुर्गे पाए गए थे उन क्षेत्रों में पशुपालन विभाग द्वारा पोल्ट्री फार्म और ग्रामीणों द्वारा पाए जा रहे मुर्गों के रेंडम सेंपलिंग की गई थी.
बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई थी
वहीं, जिला सोलन में पक्षियों के मृत होने की खबरें भी बर्ड फ्लू के दौरान सामने आई थी, लेकिन सैंपलिंग के दौरान उनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन अभी भी सरकार के दिशा निर्देशों के चलते जिला में और राज्य में चिकन की आवाजाही पर बैन लगा हुआ है. वहीं, प्रशासन भी सरकार के दिशानिर्देशों के साथ कार्य कर रहा है.
बहरहाल बर्ड फ्लू के डर से लोग पैसे खर्च कर भी मुसीबत मोल नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग चिकन की मांग तो कर रहे हैं, लेकिन चिकन कारोबारियों के पास चिकन ना होने से उन्हें भी घाटे का सौदा करना पड़ रहा है. हालांकि सर्दियों के दिनों में मटन और चिकन ज्यादातर लोगों की पसंद होती है, लेकिन बर्ड फ्लू के डर से लोग इनको खरीदने से कतराने लगे हैं.
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