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देवभूमि का नाम हुआ रोशन, पुमोरी चोटी फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बनी सोलन की बलजीत कौर - Baljeet Kaur news

पुमोरी चोटी एवरेस्ट पर्वत श्रृंखला की कठिन चोटी है. सोलन की बलजीत ने इस पर विजय हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया है. इससे पहले 10 मई को दो भारतीय पुरुषों कुल्लू के हेमराज और स्तेंजिन नोरबो ने भी पहले भारतीय युगल के रूप में पुमोरी को फतह किया था.

Baljeet Kaur
बलजीत कौर
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Published : Jun 5, 2021, 9:01 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 10:30 PM IST

सोलन: जिला सोलन की बेटी बलजीत कौर ने माउंट एवरेस्ट समूह की पुमोरी चोटी पर फतह हासिल की है. बलजीत और उनकी साथी पर्वतारोही राजस्थान की गुणबाला शर्मा 7,161 मीटर ऊंची चोटी पुमोरी पर विजय हासिल करने वाली पहली भारतीय महिलाएं बन गई हैं. 12 मई की सुबह 8.40 पर पहले बलजीत कौर पुमोरी चोटी पर पंहुची और उसके कुछ ही देर बाद गुणबाला शर्मा भी शिखर पर पहुंचीं. बलजीत के साथ नूरी शेरपा और गुणबाला के साथ गेलू शेरपा ने इस अभियान को पूरा किया.

पुमोरी चोटी पर विजय हासिल करने वाली बनी पहली भारतीय महिला

पुमोरी चोटी एवरेस्ट पर्वत श्रृंखला की कठिन चोटी है. सोलन की बलजीत ने इस पर विजय हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया है. इससे पहले 10 मई को दो भारतीय पुरुषों कुल्लू के हेमराज और स्तेंजिन नोरबो ने भी पहले भारतीय युगल के रूप में पुमोरी को फतह किया था. पुमोरी एवरेस्ट समूह की कठिन चोटियों में से है. इसे एवरेस्ट की छोटी बहन कहा जाता है, जो समुद्र तल से 7,161 मीटर ऊंचाई पर है.

वीडियो.

पुमोरी चोटी पर लहराया तिरंगा

बलजीत ने टीम के साथ 12 मई सुबह साढ़े आठ बजे पुमोरी चोटी पर तिरंगा लहराया. उन्होंने बताया कि उनकी टीम का माहौल ऐसा था कि यह कठिन रास्ता कैसे कट गया उन्हें पता भी नहीं चला. ट्रैक पर कई बार हाथ ठंडे हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक बार उनके दस्ताने गिर गए, यह उनके लिए परीक्षा की कठिन घड़ी थी.

बचपन से सेना में जाने का था शौक

बलजीत कौर ने बताया कि उन्हें बचपन से सेना में जाने का शौक था. उनके पापा भी फौज से सेवानिवृत्त थे. इसके कारण उन्होंने एनसीसी ज्वाइन कर ली थी. उन्होंने सहयोग देने वाले सोलन के कुछ समाजसेवियों का आभार जताया है.

Baljeet Kaur
बलजीत कौर

पुमोरी चोटी के लिए भारतीय दल का पहला अभियान

वहीं, इंडियन माउंटेन फाउंडेशन के अध्यक्ष रिटायर्ड ब्रिगेडियर अशोक अबे के अनुसार पुमोरी चोटी के लिए यह किसी भी भारतीय दल का पहला अभियान था, जिसे भारतीय दल ने सफलतापूर्वक पूरा किया. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में भारतीय दल ने नेपाल में रहने के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कड़े नियमों का पूरी तरह पालन किया.

photo
फोटो.

इन लोगों ने बलजीत को किया था सपोर्ट

यह अभियान भारत के युवा मामले व खेल विभाग की ओर से प्रायोजित था, जबकि सोलन की बलजीत कौर को सोलन के व्यवसायियों गोयल मोटर्स के एमडी सहज शब्द गोयल और मेरेडियन मेडिकेयर के एमडी विनोद गुप्ता आदि ने भी अभियान के लिए सहयोग किया. बलजीत के अभियान को मास्टर्स गेम फेडरेशन और हॉकी क्लब आदि खेल संघों ने भी समर्थन दिया.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में पहली बार देखा गया दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप 'किंग कोबरा'!

सोलन: जिला सोलन की बेटी बलजीत कौर ने माउंट एवरेस्ट समूह की पुमोरी चोटी पर फतह हासिल की है. बलजीत और उनकी साथी पर्वतारोही राजस्थान की गुणबाला शर्मा 7,161 मीटर ऊंची चोटी पुमोरी पर विजय हासिल करने वाली पहली भारतीय महिलाएं बन गई हैं. 12 मई की सुबह 8.40 पर पहले बलजीत कौर पुमोरी चोटी पर पंहुची और उसके कुछ ही देर बाद गुणबाला शर्मा भी शिखर पर पहुंचीं. बलजीत के साथ नूरी शेरपा और गुणबाला के साथ गेलू शेरपा ने इस अभियान को पूरा किया.

पुमोरी चोटी पर विजय हासिल करने वाली बनी पहली भारतीय महिला

पुमोरी चोटी एवरेस्ट पर्वत श्रृंखला की कठिन चोटी है. सोलन की बलजीत ने इस पर विजय हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया है. इससे पहले 10 मई को दो भारतीय पुरुषों कुल्लू के हेमराज और स्तेंजिन नोरबो ने भी पहले भारतीय युगल के रूप में पुमोरी को फतह किया था. पुमोरी एवरेस्ट समूह की कठिन चोटियों में से है. इसे एवरेस्ट की छोटी बहन कहा जाता है, जो समुद्र तल से 7,161 मीटर ऊंचाई पर है.

वीडियो.

पुमोरी चोटी पर लहराया तिरंगा

बलजीत ने टीम के साथ 12 मई सुबह साढ़े आठ बजे पुमोरी चोटी पर तिरंगा लहराया. उन्होंने बताया कि उनकी टीम का माहौल ऐसा था कि यह कठिन रास्ता कैसे कट गया उन्हें पता भी नहीं चला. ट्रैक पर कई बार हाथ ठंडे हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक बार उनके दस्ताने गिर गए, यह उनके लिए परीक्षा की कठिन घड़ी थी.

बचपन से सेना में जाने का था शौक

बलजीत कौर ने बताया कि उन्हें बचपन से सेना में जाने का शौक था. उनके पापा भी फौज से सेवानिवृत्त थे. इसके कारण उन्होंने एनसीसी ज्वाइन कर ली थी. उन्होंने सहयोग देने वाले सोलन के कुछ समाजसेवियों का आभार जताया है.

Baljeet Kaur
बलजीत कौर

पुमोरी चोटी के लिए भारतीय दल का पहला अभियान

वहीं, इंडियन माउंटेन फाउंडेशन के अध्यक्ष रिटायर्ड ब्रिगेडियर अशोक अबे के अनुसार पुमोरी चोटी के लिए यह किसी भी भारतीय दल का पहला अभियान था, जिसे भारतीय दल ने सफलतापूर्वक पूरा किया. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में भारतीय दल ने नेपाल में रहने के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कड़े नियमों का पूरी तरह पालन किया.

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फोटो.

इन लोगों ने बलजीत को किया था सपोर्ट

यह अभियान भारत के युवा मामले व खेल विभाग की ओर से प्रायोजित था, जबकि सोलन की बलजीत कौर को सोलन के व्यवसायियों गोयल मोटर्स के एमडी सहज शब्द गोयल और मेरेडियन मेडिकेयर के एमडी विनोद गुप्ता आदि ने भी अभियान के लिए सहयोग किया. बलजीत के अभियान को मास्टर्स गेम फेडरेशन और हॉकी क्लब आदि खेल संघों ने भी समर्थन दिया.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में पहली बार देखा गया दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप 'किंग कोबरा'!

Last Updated : Jun 5, 2021, 10:30 PM IST
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