सोलन: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में वायु प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा नहीं कि बढ़ता प्रदूषण केवल दिल्ली-नोएडा जैसे बड़े शहरों को ही अपने आगोश में ले रहा है. इस मामले में हिमाचल प्रदेश के बद्दी में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब है. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार देश के 27 शहरों में हवा को लेकर स्थिति जानलेवा बनी हुई है, जहां सांस लेना भी दुश्वार हो चला है. वहीं, देश के चार शहरों बद्दी, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में स्थिति गंभीर है.
ड्राई स्पेल से बदतर हुई स्थिति: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार लंबे ड्राई स्पेल की वजह से चारों ओर धूल उड़ रही है. खासकर जहां सड़कें पक्की नहीं है, वहां धूल आम दिनों के मुकाबले कई गुणा बढ़ गई है. इसी से PM 10 खराब हुआ है. सूखे के कारण आग की घटनाओं में भी कई गुणा इजाफा हुआ है. आग और धुंध ने भी AQI को खराब किया है. ऐसे में जब तक अच्छी बारिश नहीं होती, तब तक औद्योगिक क्षेत्रों में लोगों को दूषित हवा से जूझना पड़ेगा.
बद्दी में हाल बेहाल: हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भारत के प्रमुख शहरों में सबसे खराब हो गया है. बद्दी का AQI बुधवार शाम के वक्त 376 माइक्रोग्राम के स्तर को टच कर गया था. जबकि दिल्ली का AQI 368 और नोएडा का 268 रहा. बद्दी में हवा दूषित होने से स्थानीय लोगों के साथ साथ उद्योग कर्मी भी परेशान है.
दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में भी हवा हो रही दूषित: बद्दी के साथ-साथ प्रदेश के दूसरे इंडस्ट्रियल एरिया में भी हवा दूषित हो रही है. कालाअंब का AQI 170 माइक्रो ग्राम पहुंच गया. पांवटा साहिब का AQI 131, बरोटीवाला का 123, नालागढ़ का 103 और ऊना का 101 माइक्रो ग्राम पहुंच गया है. आमतौर पर बद्दी को छोड़कर प्रदेश के अन्य सभी शहरों का AQI 100 माइक्रो ग्राम से कम रहता था. मगर पिछले एक सप्ताह से इन शहरों का AQI 100 माइक्रो ग्राम से ज्यादा हो गया है.
0-50 के बीच के AQI सबसे अच्छा: 0 से 50 माइक्रोग्राम के बीच का AQI सर्वोत्तम माना जाता है. 51-100 के बीच का संतोषजनक, 101 से 200 के बीच का मध्यम श्रेणी, 201 से 300 के बीच खराब, 301 माइक्रो ग्राम से अधिक का AQI बहुत खराब माना जाता है. अच्छी बात यह है कि प्रदेश के अन्य शहरों में AQI अच्छा है. परवाणू का AQI सबसे बेहतर 47, मनाली का 60, शिमला का 50, धर्मशाला का 68 माइक्रो ग्राम बना हुआ है.
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