सोलन: खुंभ निदेशालय सोलन (डीएमआर) में आज यानी दस सितंबर को 26वां राष्ट्रीय मशरूम मेले का आयोजन किया गया. राष्ट्र स्तरीय मशरूम मेले में पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, ओडिशा, गुजरात, चंडीगढ़, जम्मू व कश्मीर, मणिपुर सहित अन्य राज्यों के किसान भी मेले में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं.
राष्ट्रीय मशरूम मेले का मुख्य आकर्षण 1 लाख रुपये प्रति किलो बिकने वाली कोर्डिसीपस मीलिट्रेनस (कीड़ा-जड़ी) समेत मशरूम की सात नई किस्में है. मेले में देशभर से करीब 1200 मशरूम उत्पादकों सहित विभिन्न विभागों के वैज्ञानिक भी भाग ले रहे हैं. मेले के दौरान हिमाचल प्रदेश में कच्चा माल महंगा होने से घट रही मशरूम पैदावार पर भी चर्चा कर इसके लिए विकल्प भी तलाशा जाएगा.
खुंभ अनुसंधान एवं निदेशालय के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने बताया कि आज सोलन में 26वां राष्ट्रीय मशरूम मेला मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज के दिन भारत के सोलन शहर को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया का दर्जा मिला था और आज इस मेले में 7 मशरूम की प्रजातियां प्रदर्शित की गई हैं. जिसमें तीन बटन मशरूम, दो पेडिस्ट्रा मशरूम, एक मिल्की मशरूम और शिटाके मशरूम की प्रदर्शनी लगाई गई है.
उन्होंने कहा कि हर साल इस मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें देशभर से किसान और वैज्ञानिक हिस्सा लेते हैं. उन्होंने कहा कि आज इस मेले में हिमाचल प्रदेश में कच्चा माल महंगा होने से घट रही मशरूम के पैदावार पर भी चर्चा की जाएगी और इसको लेकर वैकल्पिक रास्ता भी तलाशा जाएगा. उन्होंने कहा कि खुंभ अनुसंधान केंद्र नई मशरूम की प्रजातियां इजाद करता है, ताकि किसानों की आमदनी भी बढ़ सके और मशरूम के क्षेत्र में एक नया नाम देश का बढ़ सके.
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