नाहन: केंद्र सरकार ने महिलाओं के स्वरोजगार को लेकर अनेक योजनाएं चलाई हैं. इन योजनाओं का मकसद महिलाओं को रोजगार के अवसर देकर स्वाभिमानी बनाना है. ग्रामीण महिलाओं के रोजगार को विशेष रूप से ध्यान में रखकर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन चलाया जा रहा है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैंकों से भी जोड़ा जा रहा है और उनके समूह बनाकर आय का सृजन किया जा रहा है. पिछले काफी समय से सिरमौर जिला को प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार किया जाता है, लेकिन राष्ट्रीय आजीविका मिशन के आने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाएं स्वरोजगार के लिए उठ खड़ी हुई हैं और अच्छी आमदनी भी कjर रही हैं.
उपमंडल नाहन के धार क्यारी गांव में महिलाओं ने एक स्वयं सहायता समूह बनाया है. इस समूह में महिलाएं परंपरागत बांस से कृषि उत्पादों के साथ-साथ डेकोरेशन उत्पाद बनाकर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रही हैं. विकास खंड कार्यालय नाहन ने महिलाओं को जागरूक कर एक स्वयं सहायता समूह बनाया.
खंड विकास नाहन की योजना प्रभारी बबीता देवी ने बताया कि उन्होंने महिलाओं को जागरूक किया और उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़कर लक्ष्मी नाम से स्वयं सहायता समूह बनाया. आज लक्ष्मी समूह बहुत अच्छा काम कर रहा है और इससे सभी को लाभ भी मिल रहा है.
एनएलएम यानि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद धार क्यारी की महिलांओं ने स्वरोजागर का रास्ता चुना है और अन्य महिलाओं के लिए एक उदाहरण भी पेश किया है. महिलाओं ने लोगों को सिखाया है कि योजनाओं से जुड़कर परंपरागत काम करके भी आमदनी की जा सकती है.
स्थानीय महिला उमा देवी ने बताया कि सभी महिलाएं इकट्ठे होकर बांस लेकर उनसे टोकरियां, किल्टे व डेकोरेशन उत्पाद बनाती हैं. इनको खंड विकास कार्यालय नाहन के जरिए बेच कर महिलाएं अच्छी आमदनी भी हो रही है.
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