पांवटा साहिब: यह तस्वीर देव भूमि हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में एक विधवा महिला के मकान की है. विधवा महिला आदि मानव की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर है.
32 साल की सीमा देवी महिला ट्रांस गिरी के दुर्गम क्षेत्र पंचायत गवाली आरीयो बास गांव में रहती हैं. जहां सरकार ऑनलाइन काम देने की बात कर रही है वहीं, एक तस्वीर आप यह भी देख लीजिए की बच्चे दीये की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं.
एक बच्चे ने बताया कि बिजली ना होने की वजह दीये की रोशनी में पढ़ना पड़ता है. गांव के अन्य लोगों से पूछ कर काम लिखना पड़ता है ना तो घर में मोबाइल है ना लाइट है. विधवा महिला खुद दिहाड़ी मजदूरी करके दो वक्त का गुजारा करती हैं.
यही नहीं पूरे लॉकडाउन के दौरान जहां पूरे प्रदेश भर में बीपीएल परिवारों को सुविधाएं देने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन इस घर को सुविधाएं नहीं पहुंचाई गई. विधवा महिला का कहना है कि मूलभूत सुविधाएं ना होने की वजह से उन्हें बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. पंचायत में कई प्रधान आए और गए सब आश्वासन देकर चले गए.
विकास खंड अधिकारी कंवर सिंह के संज्ञान में जब यह मामला आया तो उन्होंने बताया कि प्रधान से इस बारे में बातचीत की जाएगी और महिला को आवास योजना के तहत पक्का मकान दिया जाएगा.
वहीं, बिजली विभाग के एसडीओ अंकुर शर्मा ने बताया कि मीडिया के माध्यम से यह मामला उनके संज्ञान में आया है. अगर महिला बीपीएल श्रेणी में आती है तो इनका मीटर 250 रुपये में लगा दिया जाएगा.
हालांकि अधिकारियों ने तो आश्वासन दे दिया है, लेकिन इस विधवा महिला को कब सुविधाएं मिलेंगी ये तो आने वाला समय ही बता सकता है. क्योंकि आश्वासन तो उन्हें काफी पहले से मिलते आए हैं.
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