शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. आए दिन प्रदेश के लोग इन साइबरों ठगों के शिकंजे में फंस कर अपनी पूंजी को गंवा रहे हैं. वहीं, अब साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका निकाल लिया है. साइबर ठग अब व्हाट्सएप, मेसेज और मोबाइल पर कॉल के जरिए क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने का झांसा दे रहे हैं. शातिर खुद को निजी बैंक का कर्माचारी बातकर लोगों को ठग रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश साइबर पुलिस ने इन शातिरों से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है.
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया, "क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने को लेकर हिमाचल में भी लोगों को फोन आ रहे हैं. साइबर शातिर आम लोगों को जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं. लोन, बिजली बिल, फास्ट टैग के अलावा अब साइबर ठग क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने के नाम पर भी लोगों के साथ ठगी की कोशिश कर रहे हैं."
डीआईजी साइबर क्राइम ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में लगातार आ रहे मामलों के चलते साइबर पुलिस ने हिमाचल की जनता को अलर्ट किया है. हिमाचल प्रदेश में अब तक कई लोगों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने को लेकर फोन आ चुके हैं. शातिर ठग सबसे पहले व्हाट्सएप, मेसेज या मोबाइल पर कॉल करके खुद को निजी बैंक का कर्मचारी बताते हुए क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देते हैं. उसके बाद शातिरों द्वारा लोगों को अपने विश्वास में लिया जाता है और क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने ओटीपी शेयर करने को कहा जाता है.
OTP और निजी जानकारी ने करें साझा
साइबर विभाग के डीआईजी मोहित चावला ने बताया, वहीं, व्यक्ति द्वारा ओटीपी शेयर करते ही उसके क्रेडिट कार्ड का सारा विवरण शातिर प्राप्त कर लेते हैं और कुछ ही देर में क्रेडिट कार्ड से पैसा निकाल लिया जाता है. उन्होंने कहा कि साइबर ठगों द्वारा हर दिन लोगों को अपने झांसे में फसाने के तरीके ढूंढे जा रहे हैं. ऐसे में लोगों को जागरुक रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसी से भी अपना ओटीपी नंबर को शेयर न करें. इसके अलावा अपने बैंक खाते सहित निजी जानकारी किसी से भी सांझा न करें. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ठगी का शिकार होता है तो तुंरत मामले की शिकायत 1930 पर दर्ज करे.