पावंटा साहिब: देवभूमि हिमाचल का जिला सिरमौर फलदार वृक्षों की खेती के लिए अक्सर जाना जाता है पर यहां के किसान सेब की खेती पर ज्यादा विश्वास रखते हैं. वहीं, यहां पर सेब के अलावा अखरोट, खुमानी, नींबू, नाशपाती, आम आदि की खेती भी की जाती है.
अखरोट की बात की जाए तो इससे कम लागत में किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. अखरोट का फल एक प्रकार का सूखा मेवा है जो खाने के लिये उपयोग में लाया जाता है. ट्रांस गिरी क्षेत्र की भूमि अखरोट की खेती के लिए उपयुक्त है और इसमें सेब और अन्य फसलों से कम मेहनत और लागत आती है. वहीं अखरोट जल्द खराब नहीं होता और इसकी मार्केट वैल्यू भी काफी अच्छी है.
ट्रांस गिरी के लोगों में अब अखरोट की खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है. युवाओं का कहना है कि उन्होंने खुद सोलन यूनिवर्सिटी में जाकर अखरोट के पौधे लाए हैं और अखरोट की खेती करना शुरू कर रहे हैं.
बता दें कि फिलहाल इस क्षेत्र में इक्का-दुक्का अखरोट की खेती कर रहे हैं उनका भी कहना कि हर वर्ष एक डेढ़ लाख के हमेशा अखरोट बेचे जाते हैं और इस वर्ष अखरोट की पैदावार भी बहुत अच्छी हुई है.