पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में मानसून से आई त्रासदी से जहां एक ओर जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, दूसरी ओर इसका गहरा असर बेजुबान पशुओं और जानवरों पर भी पड़ा है. कई पशुओं और जानवरों की इस आपदा में जान गई है. कई पालतू जानवरों ने अपने परिवार को खोया है. आज हम एक जैसे ही पालतू कुत्ते के बारे में बताने जा रहे हैं. प्राकृतिक आपदा ने उससे उसका परिवार छीन लिया. वह भूखा प्यासा अपने परिवार को ढूंढ रहा है. इस बात से बेखर की अब वह कभी उस परिवार से नहीं मिल पाएगा.
सिरमौरी ताल पर कुदरत का कहर: सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में सिरमौरी ताल गांव पर कुदरत का कहर बरपा. सिरमौरी ताल में बादल फटने से आया सैलाब अपने साथ कई परिवारों की खुशियों को भी बहा कर ले गया. एक पूरा परिवार मलबे में दफन हो गया. सिरमौरी ताल गांव के कुलदीप सिंह का परिवार इस त्रासदी की भेंट चढ़ गया है. परिवार में सिर्फ कुलदीप सिंह का बेटा विनोद ही बचा है. वहीं, दिल दहला देने वाली इस तबाही के बीच एक ऐसा मार्मिक दृश्य देखने को मिला, जिसने हर आंख को नम कर दिया. एक बेजुबान के प्यार और वफादारी को देकर सबका दिल भर आया.
मलबे में तलाशता रहा अपना परिवार: बता दें की विनोद के परिवार का पालतू कुत्ता आपदा के बाद से दो दिनों तक भूखा प्यासा हादसे वाली जगह पर डोलता रहा. आंसू भरी आंखों से मलबे में अपनों को तलाशता रहा. यह बेजुबान रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दलदल में मानों अपनों को खोज रहा था. जिस दिन बादल फटा, उस दिन से लेकर आज तक इस कुत्ते ने खाना तक नहीं खाया है. अभी भी मानो उसे उम्मीद हो की वह अपने परिवार को ढूंढ लेगा. यह विनोद कुमार का पालतू कुत्ता है. जबकि विनोद कुमार के अलावा उनके माता-पिता पत्नी और दो बच्चे बादल फटने की वजह से इस हादसे का शिकार हो गए. यह कुत्ता कभी घर के बिखरे पड़े सामान को सूंघता, तो कभी पत्थरों के नीचे अपने परिवार को ढूंढता दिखाई देता. जिसने भी यह दृश्य देखा अपनी आंखों को भीगने से रोक नहीं पाया.
भूखा प्यासे रह कर परिवार की तालाश जारी: इसी बीच शुक्रवार को जैसे ही शाम साढ़े चार बजे विनोद की पत्नी रजनी का शव मिला तो यह कुत्ता भागते हुए मशीन के पास पहुंच कर इधर उधर घूमता नजर आया. उसके थोड़ी देर बाद ही विनोद की माता और उसके बेटे का एक साथ शव मिला. उस वक्त भी फिर से यह कुत्ता लोगों के पीछे भागता दिखा. हालांकि दूसरे दिन मौके पर मौजूद समाजसेवियों ने कुत्ते को खाने लिए दिया, लेकिन उसने कुछ नहीं खाया. वो तो बस मलबे के बीच अपनों को तलाश करते दिखाई दिया. कुल मिलाकर इस तबाही में जितना दुख विनोद कुमार के हिस्से आया है, अपने परिवार को खोकर. उतना ही दुख इस बेजुबान के हिस्से भी आया है. जो अभी तक इस बात से बेखबर है कि अब वो कभी अपने परिवार से नहीं मिल पाएगा. बेजुबान की अपने मालिक के प्रति वफादारी और प्यार देखकर हर कोई भावुक हो गया.
बादल फटने से सिरमौरी ताल में तबाही: गौरतलब है कि बुधवार देर शाम मालगी पंचायत के जंगल में बादल फटने से सिरमौरी ताल गांव में भारी तबाही हुई. सैलाब के साथ आए मलबे में एक मकान पूरी तरह से दब गया. घर में मौजूद सदस्य भी इस मलबे में दब गए. इनमें 63 वर्षीय कुलदीप सिंह, उनकी पत्नी जीतो देवी (57 साल), कुलदीप सिंह की बहू और विनोद कुमार की पत्नी रजनी (31 साल), बेटा नितेश (10 साल) और बेटी दीपिका (8 साल) मलबे में दब गए. विनोद कुमार उस समय अपनी बहन के बच्चों को बाढ़ से बचाने के लिए लाने गया था कि इस बीच उसका खुद का परिवार काल के ग्रास में समा गया. गत वीरवार को रेस्क्यू टीम ने कुलदीप सिंह व उनकी पोती दीपिका का शव मलबे से निकाला और शुक्रवार को बाकि तीन सदस्यों, विनोद की पत्नी रजनी, मां जीतो देवी और बेटे नितेश का शव बरामद कर लिया. जिसके बाद से इलाके में मातम पसरा हुआ है.
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