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हिमाचल में बच्चों की ये तस्वीरें कर देंगी आपको हैरान, जोखिम में हर पल जान

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Published : Feb 17, 2019, 1:30 PM IST

जिला सिरमौर के रेणुकाजी विधानसभा के तहत सीयूं गांव में स्कूली बच्चों को झूला पुल की तारों पर चलकर नीचे बह रही गिरी नदी को पार कर जाना पड़ रहा है. बता दें कि ये पुल कई सालों से खस्ताहालत में है, लेकिन इसे ठीक करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई.

नाहन: जिला के रेणुकाजी विधानसभा के तहत सीयूं गांव में स्कूली बच्चों को झूला पुल की तारों पर चलकर नीचे बह रही गिरी नदी को पार कर जाना पड़ रहा है. बता दें कि ये पुल कई सालों से खस्ताहालत में है, लेकिन इसे ठीक करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई.


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दरअसल 15 फरवरी को बारिश होने के चलते गिरी नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया. ये हालात हर बारिश में होते हैं. उच्च शिक्षा लेने के लिए बच्चों को नदी पार कर गुजरना पड़ता है. वहीं, क्षेत्र के लिए एक बड़ी समस्या ये भी है कि ये इलाका डूब क्षेत्र में आता है, जहां रेणुका डैम बनना प्रस्तावित है. डैम बनते ही यहां से इन लोगों को विस्थापित करने की योजना है. ऐसे में सरकारी स्तर पर इस झूला पुल को लेकर भी कोई स्थाई समाधान नहीं किया जा सकता.

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स्कूली बच्चों का कहना है कि वे बारिश के दौरान ऐसे ही अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. मामले में रेणुकाजी विधायक विनय कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस झुला पुल की मरम्मत करवाई गई थी. अब जबकि ये क्षेत्र प्रस्तावित रेणुका डैम के तहत डूब क्षेत्र में आता है, तो इसका स्थाई समाधान नहीं हो सकता.
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नाहन: जिला के रेणुकाजी विधानसभा के तहत सीयूं गांव में स्कूली बच्चों को झूला पुल की तारों पर चलकर नीचे बह रही गिरी नदी को पार कर जाना पड़ रहा है. बता दें कि ये पुल कई सालों से खस्ताहालत में है, लेकिन इसे ठीक करने की जहमत किसी ने नहीं उठाई.


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दरअसल 15 फरवरी को बारिश होने के चलते गिरी नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया. ये हालात हर बारिश में होते हैं. उच्च शिक्षा लेने के लिए बच्चों को नदी पार कर गुजरना पड़ता है. वहीं, क्षेत्र के लिए एक बड़ी समस्या ये भी है कि ये इलाका डूब क्षेत्र में आता है, जहां रेणुका डैम बनना प्रस्तावित है. डैम बनते ही यहां से इन लोगों को विस्थापित करने की योजना है. ऐसे में सरकारी स्तर पर इस झूला पुल को लेकर भी कोई स्थाई समाधान नहीं किया जा सकता.

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स्कूली बच्चों का कहना है कि वे बारिश के दौरान ऐसे ही अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. मामले में रेणुकाजी विधायक विनय कुमार से बात करने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस झुला पुल की मरम्मत करवाई गई थी. अब जबकि ये क्षेत्र प्रस्तावित रेणुका डैम के तहत डूब क्षेत्र में आता है, तो इसका स्थाई समाधान नहीं हो सकता.
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हिमाचल में बच्चों की ये तस्वीरें कर देंगी आपको हैरान, जोखिम में हर पल जान 
-जारी है मौत का सफर, 2 तारों के सहारे नदी को कर रहे पार 
-झूला पुल की हालत है दयनीय, रेणुका के डूब क्षेत्र में आता है यह क्षेत्र 
-डूब क्षेत्र में होने के कारण नहीं हो सकता है कोई स्थाई समाधान 
नाहन। जरा दिल थाम कर देखिएगा। हिमाचल में स्कूली बच्चों की जोखिमपूर्ण ये तस्वीरें आपको भी हैरान कर देंगी या यूं कहे कि आपकी रूह कांप जाएगी, क्योंकि यहां हर कदम पर बच्चों की जिंदगी जोखिम में है। मामला सिरमौर जिला के श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के तहत सीयूं गांव है। हालांकि ग्रामीणों द्वारा इस तरह का सफर किए जाने का खुलासा पहले भी मीडिया में किया जा चुका है, लेकिन इस बार जो तस्वीरें सामने आई है, वह स्कूली बच्चों से जुड़ी है। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि स्कूली बच्चें कैसे झूला पुल की तारों पर चलकर नीचे बह रही गिरी नदी को पार कर रहे हैं। 
दरअसल 15 फरवरी को बारिश होने के चलते गिरी नदी का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया। यह हालात हर बारिश में होते हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि थोड़ी सी भी चूक बच्चों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। बस झूला पार करते समय थोड़ी भी लापरवाही हुई, तो मौत तय है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चों को नदी पार कर गुजरना पड़ता है। गौर करने वाली बात यह भी है कि यह झूला पुल कई सालों से खस्ताहालत में है। मगर इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठाई जा रही है। 
वहीं इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी समस्या यह भी है कि यह इलाका डूब क्षेत्र में आता है, जहां रेणुका डैम बनना प्रस्तावित है। डैम बनते ही यहां से इन लोगों को विस्थापित करने की योजना है। ऐसे में सरकारी स्तर पर इस झूला पुल को लेकर भी कोई स्थाई समाधान नहीं किया जा सकता। ऐसे में बेशक चाहे यहां से लोगों का विस्थापन होना है, लेकिन यहां मौत का सफर लगातार जारी है।
इधर स्कूली बच्चों का कहना है कि वह बारिश के दौरान ऐसे ही अपनी जान को जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। वह कई मर्तबा इस बारे में बोल चुके हैं। 
उधर इस मामले में रेणुका जी के विधायक विनय कुमार ने पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस झुला पुल की मरम्मत करवाई गई थी। अब जबकि यह क्षेत्र प्रस्तावित रेणुका डैम के तहत डूब क्षेत्र में आता है, तो इसका स्थाई समाधान नहीं हो सकता। 
कुल मिलाकर इस क्षेत्र के ग्रामीणों सहित बच्चों का मौत का सफर लगातार जारी है और जब तक प्रस्तावित डैम के बाद संबंधित क्षेत्र के लिए आगामी कार्रवाई नहीं होती, तब तक यहां के लोगों व स्कूली बच्चों की जिंदगी खतरे में ही है। 
Video Also Attached 
बाइट: स्कूली बच्चे 1 से 3 तक। 
लिखित पक्ष: विनय कुमार, विधायक रेणुका विस क्षेत्र
 
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