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स्कूल और कॉलेज के छात्र घर के कामों में बंटा रहे हाथ, मजदूरों की कमी से हो रही परेशानी - himachal pradesh news

कई कार्य ऐसे हैं जो स्कूल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को करने पड़ रहे हैं. वहीं, स्कूल में पढ़ने वाले छात्र मजदूरों की कमियों को पूरा कर रहे हैं. सब्जी की दुकान का काम, खेतों में धान की रोपाई, मक्की की गुड़ाई, सेब के फसल की तूड़ाई, टमाटर की तूड़ाई, अदरक की नेलाई, दूध का कारोबार घास पत्ती का काम, इत्यादि कार्य स्कूली छात्रों को करने पड़ रहे हैं.

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Published : Jul 27, 2020, 9:49 AM IST

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस ने पूरे विश्व भर में कोहराम मचा रखा है. जिसके चलते पूरे देश और प्रदेश में पिछले 4 महीनों से कोई भी कार्य पटरी पर नहीं आया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में लॉकडाउन की वजह से सारी लेवर अपने घर जा चुकी है तो सारी जिम्मेदारी लेवर की घर के युवाओं पर आ गई है.

कई कार्य ऐसे हैं जो स्कूल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को करने पड़ रहे हैं. वहीं, स्कूल में पढ़ने वाले छात्र मजदूरों की कमियों को पूरा कर रहे हैं. सब्जी की दुकान का काम, खेतों में धान की रोपाई, मक्की की गुड़ाई, सेब के फसल की तूड़ाई, टमाटर की तूड़ाई, अदरक की नेलाई, दूध का कारोबार घास पत्ती का काम, इत्यादि कार्य स्कूली छात्रों को करने पड़ रहे हैं.

वीडियो.

यही नहीं कई छात्रों पर तो लॉकडाउन से हुई परिवार को हानि की भरपाई पूरी करने के लिए पार्ट टाइम मजदूरी करनी पड़ रही है. ग्रेजुएशन कर रहे एक युवा ने बताया कि घर की हालत को सुधारने के लिए 3 महीने से पार्ट टाइम नौकरी करनी पड़ रही है.

घर में धान की रोपाई करने के लिए घर वालों के साथ मिलकर खुद कार्य करना पड़ रहा है लॉकडाउन की वजह से सारी लेवल यूपी-बिहार चले गई थी. 12वीं कक्षा में पढ़ रहे दीपक ने बताया कि दुकान में दो व्यक्ति लेबर का काम करते थे. कोरोना वायरस महामारी के चलते लेवल अपने घर जा चुकी है. पिछले दो-तीन महीनों से दुकान का सारा काम काज खुद देखना पड़ रहा है. सुबह सब्जी लेने जाना पड़ता है तो आकर पूरी सब्जियां बेचने पड़ रही हैं. घास लेने जाना पड़ता है.

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वहीं, दसवीं कक्षा और आठवीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि नेपाल से दिहाड़ीदार मजदूर ना आने की वजह से मक्की की गुड़ाई और टमाटर की तुड़ाई का काम खुद करना पड़ रहा है. हर वर्ष नेपाल से सैकड़ों मजदूर यहां पर आकर कामकाज करते थे. इस बार कोई नहीं आया.

वहीं स्थानीय स्कूली छात्रों ने बताया कि पूरे क्षेत्र में लगभग अधिकांश स्कूली छात्र मजदूरों की कमियों को दूर कर रहे हैं. भले ही देश प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई हो पर कामकाज को पटरी पर लाने के लिए स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए हर एक संभव कोशिश कर रहे हैं, ताकि परिवार को हुई हानि की भरपाई हो सके.

ये भी पढ़ें- HPU में कोरोना का पहला मामला, विभागों को बंद रखने के आदेश जारी

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस ने पूरे विश्व भर में कोहराम मचा रखा है. जिसके चलते पूरे देश और प्रदेश में पिछले 4 महीनों से कोई भी कार्य पटरी पर नहीं आया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में लॉकडाउन की वजह से सारी लेवर अपने घर जा चुकी है तो सारी जिम्मेदारी लेवर की घर के युवाओं पर आ गई है.

कई कार्य ऐसे हैं जो स्कूल कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों को करने पड़ रहे हैं. वहीं, स्कूल में पढ़ने वाले छात्र मजदूरों की कमियों को पूरा कर रहे हैं. सब्जी की दुकान का काम, खेतों में धान की रोपाई, मक्की की गुड़ाई, सेब के फसल की तूड़ाई, टमाटर की तूड़ाई, अदरक की नेलाई, दूध का कारोबार घास पत्ती का काम, इत्यादि कार्य स्कूली छात्रों को करने पड़ रहे हैं.

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यही नहीं कई छात्रों पर तो लॉकडाउन से हुई परिवार को हानि की भरपाई पूरी करने के लिए पार्ट टाइम मजदूरी करनी पड़ रही है. ग्रेजुएशन कर रहे एक युवा ने बताया कि घर की हालत को सुधारने के लिए 3 महीने से पार्ट टाइम नौकरी करनी पड़ रही है.

घर में धान की रोपाई करने के लिए घर वालों के साथ मिलकर खुद कार्य करना पड़ रहा है लॉकडाउन की वजह से सारी लेवल यूपी-बिहार चले गई थी. 12वीं कक्षा में पढ़ रहे दीपक ने बताया कि दुकान में दो व्यक्ति लेबर का काम करते थे. कोरोना वायरस महामारी के चलते लेवल अपने घर जा चुकी है. पिछले दो-तीन महीनों से दुकान का सारा काम काज खुद देखना पड़ रहा है. सुबह सब्जी लेने जाना पड़ता है तो आकर पूरी सब्जियां बेचने पड़ रही हैं. घास लेने जाना पड़ता है.

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वहीं, दसवीं कक्षा और आठवीं कक्षा में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि नेपाल से दिहाड़ीदार मजदूर ना आने की वजह से मक्की की गुड़ाई और टमाटर की तुड़ाई का काम खुद करना पड़ रहा है. हर वर्ष नेपाल से सैकड़ों मजदूर यहां पर आकर कामकाज करते थे. इस बार कोई नहीं आया.

वहीं स्थानीय स्कूली छात्रों ने बताया कि पूरे क्षेत्र में लगभग अधिकांश स्कूली छात्र मजदूरों की कमियों को दूर कर रहे हैं. भले ही देश प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई हो पर कामकाज को पटरी पर लाने के लिए स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र मजदूरों की कमी को दूर करने के लिए हर एक संभव कोशिश कर रहे हैं, ताकि परिवार को हुई हानि की भरपाई हो सके.

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