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शिलाई अस्पताल बना 'रेफर' हॉस्पिटल, न डॉक्टर....न नर्स....अल्ट्रासाउंड मशीन भी खराब

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Published : Jan 30, 2020, 11:20 AM IST

डॉक्टरों की कमी और सुविधाओं के अभाव में शिलाई अस्पताल मौजूदा समय मे 'रेफर' अस्पताल बन गया है. अस्पताल में पिछले कई सालों से बाल रोग विशेषज्ञ का पद भी खाली पड़ा हुआ है. करीब एक साल से शिलाई अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन शो-पीस बनकर रह गई है.

staff shortage at  shilai hospital
डॉक्टरों की कमी और सुविधाओं के अभाव में शिलाई अस्पताल

पांवटा साहिबः जिला सिरमौर के शिलाई अस्पताल में डॉक्टर और नर्सों के पद खाली हैं. स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे मरीजों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. लोगों के लिए बड़ी परेशानी लंबे समय से अस्पताल में बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन है.

बीते दिनों सीएम जयराम ठाकुर ने शिलाई अस्पताल को अपग्रेड कर सौ बिस्तरों का किया था. साथ ही स्थानीय लोगों को अस्पताल की नई बिल्डिंग बनाने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. यहां के लोगों को अब भी सुविधाओं ना मिलने की वजह से प्राइवेट अस्पतालों में अपना उपचार करवा रहे हैं.

वीडियो.

डॉक्टरों की कमी और सुविधाओं के अभाव में शिलाई अस्पताल मौजूदा समय मे 'रेफर' अस्पताल बन गया है. अस्पताल में पिछले कई सालों से बाल रोग विशेषज्ञ का पद भी खाली पड़ा हुआ है. करीब एक साल से शिलाई अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन शो-पीस बनकर रह गई है. ऐसे में शिलाई की करीब 19 पंचायतों के लोगों को इलाज करवाने के लिए पांवटा और नाहन का रूख करना पड़ रहा है.

स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ की कमी के साथ साथ सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी की पेश आ रही है. मरीजों को भी पीने के पानी की एक एक बूदं के लिए तरस जाते हैं.
वहीं, स्थानीय निवासी सीताराम ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी ठप पड़ी है. एक डॉक्टर के सहारे अस्पताल चल रहा है.

लोगों ने सीएम जयराम से आग्रह किया है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए. जिससे लोगों को राहत मिल सके. वहीं, कांग्रेस मंडल अध्यक्ष मामराज ठाकुर ने बताया कि इस बारे में शिलाई के विधायक ठाकुर हर्षवर्धन चौहान से बात की जाएगी ताकि यहां के लोगों को राहत मिल सके.

पांवटा साहिबः जिला सिरमौर के शिलाई अस्पताल में डॉक्टर और नर्सों के पद खाली हैं. स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे मरीजों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. लोगों के लिए बड़ी परेशानी लंबे समय से अस्पताल में बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन है.

बीते दिनों सीएम जयराम ठाकुर ने शिलाई अस्पताल को अपग्रेड कर सौ बिस्तरों का किया था. साथ ही स्थानीय लोगों को अस्पताल की नई बिल्डिंग बनाने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. यहां के लोगों को अब भी सुविधाओं ना मिलने की वजह से प्राइवेट अस्पतालों में अपना उपचार करवा रहे हैं.

वीडियो.

डॉक्टरों की कमी और सुविधाओं के अभाव में शिलाई अस्पताल मौजूदा समय मे 'रेफर' अस्पताल बन गया है. अस्पताल में पिछले कई सालों से बाल रोग विशेषज्ञ का पद भी खाली पड़ा हुआ है. करीब एक साल से शिलाई अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन शो-पीस बनकर रह गई है. ऐसे में शिलाई की करीब 19 पंचायतों के लोगों को इलाज करवाने के लिए पांवटा और नाहन का रूख करना पड़ रहा है.

स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ की कमी के साथ साथ सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी की पेश आ रही है. मरीजों को भी पीने के पानी की एक एक बूदं के लिए तरस जाते हैं.
वहीं, स्थानीय निवासी सीताराम ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी ठप पड़ी है. एक डॉक्टर के सहारे अस्पताल चल रहा है.

लोगों ने सीएम जयराम से आग्रह किया है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए. जिससे लोगों को राहत मिल सके. वहीं, कांग्रेस मंडल अध्यक्ष मामराज ठाकुर ने बताया कि इस बारे में शिलाई के विधायक ठाकुर हर्षवर्धन चौहान से बात की जाएगी ताकि यहां के लोगों को राहत मिल सके.

Intro:सुविधाएं न मिलने के कारण 100 किलोमीटर के बाद मिल रहा है मरीजों को उपचार
शिलाई अस्पताल में डॉक्टर के पद खाली
एक्स-रे अल्ट्रासाउंड की सुविधा पूरी बंद
ग्रामीण इलाकों के लोग परेशान
Body:

जिला सिरमौर के शिलाई के हस्पताल में डॉक्टरों वानरों के पद खाली होने की वजह से उपचार कराने पहुंचे मरीजों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती है शिलाई की लगभग 19 पंचायतों के लोगों को उपचार करवाने के लिए पांवटा नाहन पहुंचना पड़ता है यही नहीं सबसे बड़ी परेशानी है कि अल्ट्रासाउंड और एक्स रे मशीन पिछले कई समय से बंद पड़ी है दौरे में आए प्रदेश के मुखिया सीएम जयराम ठाकुर ने शिलाई अस्पताल को सौ बैठो की मान्यता भी दी गई थी यहां चकाचौंध बिल्डिंग बनाने का आश्वासन स्थानीय लोगों को भी दिया गया था ताकि क्षेत्र की जनता को उपचार करवाने के लिए पांवटा ओर नाहन के धक्के नहीं खाने पड़े पर इतने समय बीत जाने के बावजूद भी समस्या ज्यों की त्यों हैं यहां के लोगों को अब भी सुविधाओं ना मिलने की वजह से प्राइवेट अस्पतालों में अपना उपचार करवाना पड़ा है।

क्या कहा यहां के ग्राम वासियों ने

डॉक्टरों की कमी और सुविधाओं के अभाव में शिलाई अस्पताल मौजूदा समय मे रेफर अस्पताल बनता जा रहा है। यहां पिछले कई साल से बाल रोग विशेषज्ञ का पद खाली पड़ा है। करीब एक साल से शिलाई अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन शोपीस बनकर रह गई है।रमेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में सबसे ज्यादा कमाई तो पानी की है मरीजों को भी बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ता है इसके अलावा लोगों को सुविधा है ना मिलने की वजह से उपचार करवाने के लिए उत्तराखंड के विकास में गडरिया पौण्टा नहान का रुख करना पड़ रहा है सीताराम ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा दी को ठप पड़ी है अल्ट्रासाउंड कराने के लिए बाहर जाना पड़ता है जिस वजह से एक हजार से पंद्रह सौ एक अल्ट्रासाउंड का आ जाता है डॉक्टरों के यहां पद खाली है एक डॉक्टर के सारे पूरा हड़ताल चल रहा है पानी की समस्या लोगों को झेलनी पड़ रही है उन्होंने प्रदेश के मुखिया से आग्रह किया है कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाए ताकि यहां के लोगों को राहत मिल सकेConclusion:वहीं कांग्रेस मंडल अध्यक्ष मामराज ठाकुर ने बताया कि इस बारे में ठाकुर हर्षवर्धन चौहान से बात की जाएगी ताकि यहां के लोगों को राहत मिल सके
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