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सिरमौर: अदालत ने रेणुका डेम प्रबंधन की संपत्ति अटैच करने के दिए आदेश, 7 दिनों का दिया समय

रेणुका जी डेम परियोजना से जुड़े विस्थापितों के एक मामले में जिला अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है. शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर की अदालत ने रेणुका डेम प्रबंधन की संपत्ति अटैच करने के आदेश जारी किए (Renuka Dam Management) हैं. अदालत ने आगामी 7 दिनों के भीतर डेम प्रबंधन की तमाम संपत्ति की सूची सौंपने के लिए कहा है. पढ़ें पूरी खबर...

रेणुका डेम प्रबंधन की संपत्ति अटैच करने के दिए आदेश
रेणुका डेम प्रबंधन की संपत्ति अटैच करने के दिए आदेश
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Published : Dec 2, 2022, 10:14 PM IST

नाहन: देश की राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के मकसद से प्रस्तावित रेणुका जी डेम परियोजना से जुड़े विस्थापितों के एक मामले में जिला अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है. शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर की अदालत ने रेणुका डेम प्रबंधन की संपत्ति अटैच करने के आदेश जारी किए (Renuka Dam Management) हैं. अदालत ने आगामी 7 दिनों के भीतर डेम प्रबंधन की तमाम संपत्ति की सूची सौंपने के लिए कहा है, ताकि इस संपत्ति से विस्थापितों के मुआवजे का भुगतान किया जा सके. इसकी पुष्टि विस्थापितों की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट एमपी कंवर ने की है.

जानकारी के अनुसार रेणुका जी डेम में मर्ज होने वाले मौजा दीद-बगड़ के विस्थापितों की लगभग 42 करोड़ रुपए के मुआवजे की राशि का भुगतान डेम प्रबंधन अब तक तक नहीं कर पाया है. लिहाजा विस्थापितों ने इस मामले को लेकर अदालत में चुनौती दी थी. इसी को लेकर जिला अदालत ने उपरोक्त आदेश जारी किए हैं. एडवोकेट एमपी कंवर ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान रेणुका डेम की तमाम संपत्ति अटैच करने के आदेश जारी किए गए हैं. परियोजना के तहत आने वाले मौजा दीद बगड़ के विस्थापितों की यह राशि 42 करोड़ के करीब आंकी गई है, जिसे प्रबंधन विस्थापितों को नहीं दे रहा है.

उन्होंने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 2 जनवरी को रखी गई है. दूसरी तरफ रेणुका जी डेम परियोजना के महाप्रबंधक एमके कपूर के अनुसार उन्हें अदालत के फैसले की फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि मुआवजे के भुगतान की जिम्मेवारी भू-अर्जन अधिकारी की है. इस संबंध में संबंधित अधिकारी से संपर्क करके पूर्ण जानकारी ली जाएगी.(Sirmaur court on assets of Renuka Dam Management)(Order to attach property of Renuka Dam).

ये भी पढ़ें: हाई कोर्ट ने खारिज की दोहरी फैमिली पेंशन की मांग, राज्य सरकार की पुन:अवलोकन याचिका मंजूर

नाहन: देश की राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के मकसद से प्रस्तावित रेणुका जी डेम परियोजना से जुड़े विस्थापितों के एक मामले में जिला अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है. शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर की अदालत ने रेणुका डेम प्रबंधन की संपत्ति अटैच करने के आदेश जारी किए (Renuka Dam Management) हैं. अदालत ने आगामी 7 दिनों के भीतर डेम प्रबंधन की तमाम संपत्ति की सूची सौंपने के लिए कहा है, ताकि इस संपत्ति से विस्थापितों के मुआवजे का भुगतान किया जा सके. इसकी पुष्टि विस्थापितों की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट एमपी कंवर ने की है.

जानकारी के अनुसार रेणुका जी डेम में मर्ज होने वाले मौजा दीद-बगड़ के विस्थापितों की लगभग 42 करोड़ रुपए के मुआवजे की राशि का भुगतान डेम प्रबंधन अब तक तक नहीं कर पाया है. लिहाजा विस्थापितों ने इस मामले को लेकर अदालत में चुनौती दी थी. इसी को लेकर जिला अदालत ने उपरोक्त आदेश जारी किए हैं. एडवोकेट एमपी कंवर ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान रेणुका डेम की तमाम संपत्ति अटैच करने के आदेश जारी किए गए हैं. परियोजना के तहत आने वाले मौजा दीद बगड़ के विस्थापितों की यह राशि 42 करोड़ के करीब आंकी गई है, जिसे प्रबंधन विस्थापितों को नहीं दे रहा है.

उन्होंने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 2 जनवरी को रखी गई है. दूसरी तरफ रेणुका जी डेम परियोजना के महाप्रबंधक एमके कपूर के अनुसार उन्हें अदालत के फैसले की फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि मुआवजे के भुगतान की जिम्मेवारी भू-अर्जन अधिकारी की है. इस संबंध में संबंधित अधिकारी से संपर्क करके पूर्ण जानकारी ली जाएगी.(Sirmaur court on assets of Renuka Dam Management)(Order to attach property of Renuka Dam).

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