पांवटा साहिब: आज विश्वभर में मदर्स डे मनाया जा रहा है. मां.. ये वो शब्द है जिसे बचपन से ही बच्चा बोलना सीखता है और उसी शब्द के साथ जिंदगी की शुरुआत भी करता है. रिश्ते तो जिंदगी में बहुत से मिलते हैं लेकिन मां का रिश्ता वो रिश्ता है जो हमें हर पल दिल खोल कर जीने की, आगे बढ़ने की शक्ति देता है. ऐसा नहीं है कि मदर्स डे पर ही मां की अहमियत ज्यादा होती है लेकिन ये एक ऐसा दिन है जिसमें हम अपनी मां को बहुत खास महसूस करवाते हैं. हमारी जिंदगी में उनकी क्या जगह है, उसको बताते हैं. मां के साथ तो हर दिन खास है.
![लोगों को जागरूक करती आशा कार्यकर्ता](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-pon-01-aashawarkar-pkg-hp10005_09052021114145_0905f_1620540705_602.jpg)
कोरोना योद्धा बनीं 'मां'
दुनिया भर में जहां हर कोई इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है. ऐसे समय में भी एक मां के मायने को हम भूल नहीं सकते. मां कभी एक डॉक्टर की भूमिका में, कभी स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका में और कभी आशा वर्कर के रूप में अपने बच्चों के साथ साथ दूसरों का भी ख्याल रख रही हैं. कोरोना काल में वे अपने परिवार और सगे संबंधियों के साथ-साथ कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रही हैं.
काम के समय खुद भी हुईं कोरोना संक्रमित
कोरोना महामारी के इस समय में समाज और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं दर्जनों आशा कार्यकर्ता और डॉक्टर खुद भी संक्रमित हुईं, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी.
![आशा कार्यकर्ता](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-pon-01-aashawarkar-pkg-hp10005_09052021114145_0905f_1620540705_383.jpg)
'बच्चे को घर पर छोड़ कर फील्ड का सफर'
अपने बच्चों से दूर रहकर भी आशा वर्कर सत्य और निष्ठा से काम कर रही हैं. मदर्स डे के मौके पर ईटीवी भारत ने पांवटा साहिब में आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत की. इस दौरान आशा कार्यकर्ता ज्योति ने बताया कि उनका छोटा सा बच्चा है, उसे घर में अपनी सास के पास छोड़कर ही वे फील्ड के लिए निकलती हैं. इस दौरान दिन भर उन्हें अपने बेटे की चिंता सताती है. लेकिन फिर भी अपने काम पर ध्यान देते हुए और मन में अपने बेटे की चिंता करते हुए दिन भर सोचती हूं कि कोरोना काम में सभी की मदद करना भी मेरा कर्तव्य है. मैं जब लोगों की सहायता करूंगी तो मेरे बेटे की सहायता भी भगवान करेंगे.
![आशा कार्यकर्ता](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-pon-01-aashawarkar-pkg-hp10005_09052021114145_0905f_1620540705_217.jpg)
'कोरोना संक्रमितों की कर रही मदद'
वहीं, एक अन्य आशा कार्यकर्ता पूनम चौहान ने कहा कि इस कोरोना संकट में संक्रमण का खतरा तो बना रहता है. रोजाना डर भी लगता है, लेकिन अपने काम को बखूबी निभाने के लिए साहस दिखाते हुए हम अपने काम को कर रहे हैं. वे पहले अपने घर का काम करती हैं और फिर अपनी फील्ड में निकलती हैं. आशा कार्यकर्ता पूनम ने बताया कि वे कोरोना संक्रमित लोगों को सुविधाएं पहुंचाने के लिए पूरा सहयोग करती हैं. साथ ही घरों में आइसोलेट लोगों को भी पूरी मदद करती हैं और उन तक जरूरी सामग्री पहुंचाती हैं.
![आशा कार्यकर्ता](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/hp-pon-01-aashawarkar-pkg-hp10005_09052021114145_0905f_1620540705_1080.jpg)
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