ETV Bharat / state

हिमाचल पुष्प क्रांति योजना से खिले किसानों के चेहरे, लाखों रूपये की सालाना कमाई - फूलों की खेती

हिमाचल पुष्प क्रांति योजना से किसान व बागवान लाभान्वित हो रहे हैं. इस योजना में फूलों के उत्पादन के लिए 85 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है. बागवानी विभाग द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत विभिन्न किस्मों के फूल तैयार करने के लिए उच्च तकनीक वाले पाॅलीहाउस बनाने और पुष्प की खेती के बारे में किसानों व बागवानों को समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी दी जाती है.

Himachal Flower Revolution Scheme
फोटो.
author img

By

Published : Apr 2, 2021, 10:49 PM IST

राजगढ़ः हिमाचल प्रदेश में फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई हिमाचल पुष्प क्रांति योजना प्रदेश के किसानों व बागवानों के लिए बेहद कारगर सिद्ध हो रही है. योजना का मुख्य उद्देश्य फूलों की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर आने वाले समय में हिमालच को पुष्प राज्य के रूप में विकसित करना है.

आर्थिकी भी हुई सुदृढ़

जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के गांव बरोठ के रहने वाले सुरेन्द्र कुमार कहते हैं कि अब तक खेती-बाड़ी से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. पर इसके साथ ही उनकी रुचि फूलों की खेती में थी. खेती-बाड़ी व अन्य घरेलू कार्याें में व्यस्त रहने वाले सुरेन्द्र कुमार के चेहरे पर एक मुस्कान तब नजर आई जब उन्हें हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के बारे में पता चला. इसलिए उन्होंने कुछ नया करने का मन बना लिया. जिससे उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई.

समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी की सुविधा

सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत विभिन्न किस्मों के फूल तैयार करने के लिए उच्च तकनीक वाले पाॅलीहाउस बनाने और पुष्प की खेती के बारे में किसानों व बागवानों को समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी दी जाती है. इस योजना के तहत किसानों को गुलाब, कारनेशन, लीलियम तथा जरबेरा जैसे मुख्य पुष्पों के उत्पादन के लिए 85 प्रतिशत का अनुदान भी विभाग द्वारा दिया जाता है. इसके अलावा इन फूलों की पनीरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है. इसके बाद उन्होंने पुष्प की खेती के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर बागवानी विभाग के कार्यालय राजगढ़ में आवेदन दिया.

12 लाख 36 हजार रूपये का अनुदान

उद्यान विभाग राजगढ़ द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत उन्हें 1500 वर्ग मीटर पाॅलीहाउस का निर्माण करने व फूलों की खेती के लिए 12 लाख 36 हजार रूपये का अनुदान सहायता राशि दी गई. सुरेन्द्र कुमार कहते हैं कारनेशन के पौधे से 3 वर्षों तक फूल प्राप्त कर सकते हैं. एक पौधे से एक साल में 10 स्टिक फूलों की निकलती हैं और प्रत्येक स्टिक की लंबाई लगभग ढाई से तीन फीट होती है.

बाजार में इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं. 1500 वर्ग मीटर क्षेत्र में 35 हजार तक प्लांटिंग की जा सकती है. पुष्प क्रांति योजना के जरिए युवा, किसान व बागवान फूलों की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. यहां की जलवायु फूलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है और किसान कम भूमि में भी फूलों की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

5 से 7 लाख रूपये सालाना की कमाई

उनका कहना है कि पुष्प उत्पादन से वह लगभग 5 से 7 लाख रूपये सालाना कमा रहे हैं. प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं, किसानों व बागवानों के हित व कल्याण के लिए आरम्भ की गई.

ये भी पढ़ें: ऊना में बढ़ा कोरोना का ग्राफ, 24 घंटे में 100 से ज्यादा मामले, 2 लोगों की मौत

राजगढ़ः हिमाचल प्रदेश में फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई हिमाचल पुष्प क्रांति योजना प्रदेश के किसानों व बागवानों के लिए बेहद कारगर सिद्ध हो रही है. योजना का मुख्य उद्देश्य फूलों की खेती को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर आने वाले समय में हिमालच को पुष्प राज्य के रूप में विकसित करना है.

आर्थिकी भी हुई सुदृढ़

जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के गांव बरोठ के रहने वाले सुरेन्द्र कुमार कहते हैं कि अब तक खेती-बाड़ी से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे. पर इसके साथ ही उनकी रुचि फूलों की खेती में थी. खेती-बाड़ी व अन्य घरेलू कार्याें में व्यस्त रहने वाले सुरेन्द्र कुमार के चेहरे पर एक मुस्कान तब नजर आई जब उन्हें हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के बारे में पता चला. इसलिए उन्होंने कुछ नया करने का मन बना लिया. जिससे उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ हुई.

समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी की सुविधा

सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत विभिन्न किस्मों के फूल तैयार करने के लिए उच्च तकनीक वाले पाॅलीहाउस बनाने और पुष्प की खेती के बारे में किसानों व बागवानों को समय-समय पर प्रशिक्षण व जानकारी दी जाती है. इस योजना के तहत किसानों को गुलाब, कारनेशन, लीलियम तथा जरबेरा जैसे मुख्य पुष्पों के उत्पादन के लिए 85 प्रतिशत का अनुदान भी विभाग द्वारा दिया जाता है. इसके अलावा इन फूलों की पनीरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान भी दिया जाता है. इसके बाद उन्होंने पुष्प की खेती के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर बागवानी विभाग के कार्यालय राजगढ़ में आवेदन दिया.

12 लाख 36 हजार रूपये का अनुदान

उद्यान विभाग राजगढ़ द्वारा पुष्प क्रांति योजना के तहत उन्हें 1500 वर्ग मीटर पाॅलीहाउस का निर्माण करने व फूलों की खेती के लिए 12 लाख 36 हजार रूपये का अनुदान सहायता राशि दी गई. सुरेन्द्र कुमार कहते हैं कारनेशन के पौधे से 3 वर्षों तक फूल प्राप्त कर सकते हैं. एक पौधे से एक साल में 10 स्टिक फूलों की निकलती हैं और प्रत्येक स्टिक की लंबाई लगभग ढाई से तीन फीट होती है.

बाजार में इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं. 1500 वर्ग मीटर क्षेत्र में 35 हजार तक प्लांटिंग की जा सकती है. पुष्प क्रांति योजना के जरिए युवा, किसान व बागवान फूलों की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. यहां की जलवायु फूलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है और किसान कम भूमि में भी फूलों की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

5 से 7 लाख रूपये सालाना की कमाई

उनका कहना है कि पुष्प उत्पादन से वह लगभग 5 से 7 लाख रूपये सालाना कमा रहे हैं. प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार युवाओं, किसानों व बागवानों के हित व कल्याण के लिए आरम्भ की गई.

ये भी पढ़ें: ऊना में बढ़ा कोरोना का ग्राफ, 24 घंटे में 100 से ज्यादा मामले, 2 लोगों की मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.