पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में खुले आसमान के नीचे कारोबारी मोहम्मद कलीम और रिजवान ने मिट्टी की अलग ही दुनिया बसा रखी है. यहां आपको एक ही छत के नीचे मिट्टी के बर्तन से लेकर सजावटी सामान सब कुछ मिल जाएगा.
मोहम्मद कलीम का कहना है कि वे मिट्टी को आकार में ढाल कर अपने हुनर से पैसे कमाते हैं. जहां इंसान अपनी जमीन और मिट्टी से दूर हो रहा है तो वही कुछ लोगों ने मिट्टी से जुड़कर मिट्टी को ही अपने जीविका का सहारा बना लिया है.
मिट्टी के बनाए गए लाफिंग बुद्धा, कच्छुआ, बतख, शेर की मूर्तियों में इन कलाकारों में जान डाल दी है. इन मूर्तियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ये अभी बोल उठेंगी. सजावटी सामान के साथ साथ यहां ठंडे पानी के लिए घड़ा, थर्मस, पानी की बोतल, रोटियां बनाने के लिए तवा, गमले भी मिलेंगे.
कई साल पहले मिट्टी के बर्तन लोगों के जिंदगी का हिस्सा हुआ करते थे आज इस हाईटेक जमाने में मिट्टी का सामान मिट्टी हो गया है.
एक जमाने में मिट्टी के ही बर्तनों का इस्तेमाल होता था, लेकिन मशीनी युग में मिट्टी की जगह प्लास्टिक, एल्यूमिनियम और अन्य धातुओं से बने सामान ने ले ली, लेकिन क्लीम और रिजवान के बनाए गए मिट्टी के बर्तनों और सजावटी सामान के आगे दूसरे उत्पाद पानी भरते नजर आते हैं.
इनके बनाए गए मिट्टी के बर्तनों की चर्चा दूर दूर तक हो रही है. लोग मिट्टी के बर्तन और सामान लेने दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. देश में इस समय बेरोजगारों युवाओं की तादाद बढ़ती जा रही है. रिजवान और मोहम्मद ने अपने हुनर को अपना पेशा बनाकर नौकरी के लिए भटक रहे युवाओं के सामने एक मिसाल कायम की है.