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Hot Seat Shillai: ठाकुर परिवार का ही क्षेत्र में रहा है दबदबा, 2012 में एक बार ही खिला कमल

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Published : Nov 10, 2022, 2:53 PM IST

सिरमौर का शिलाई विधानसभा क्षेत्र हॉट सीट बनी हुई है. इस बार भी भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. इस सीट पर राजपूत बिरादरी डिसाइडिंग फैक्टर साबित होती है. वहीं गिरीपार में हाटी मुद्दा छाया हुआ है. कांग्रेस ने एक बार फिर से विधायक ठाकुर हर्षवर्धन चौहान को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी ने बलदेव सिंह तोमर पर भरोसा जताया है.

political equation of Shillai assembly seat
political equation of Shillai assembly seat

सिरमौर: विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 10 नवंबर की शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. इस चुनाव में भी सिरमौर जिला की शिलाई विधानसभा सीट हॉट सीट बनी हुई है. प्रदेश में 59 नंबर की शिलाई विधानसभा सीट की खास बात यह है कि अब तक इस सीट पर भाजपा केवल एक ही बार कमल खिलाने में कामयाब रही है. (political equation of Shillai assembly seat ) (himachal assembly election 2022)

पढ़ें- Hot Seat Theog: CPI(M) के राकेश सिंघा पर इकलौती सीट बचाने का दबाव, इन 4 प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर

कांग्रेस के गढ़ शिलाई में बीजेपी की तैयारी: यहां की राजनीति में एक ही परिवार का वर्चस्व रहा है. एक बार जनता दल के टिकट पर यहां से जगत सिंह नेगी विधायक बने. बाकी समय यहां कांग्रेस का ही दबादबा रहा है. इस क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ कहे, तो इसमें भी कोई अतिशोक्ति नहीं होगी. यहां 7 बार ठाकुर गुमान सिंह व 5 बार उनके सपुत्र वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान विधायक रहे हैं. ठाकुर परिवार का ही क्षेत्र की राजनीति में दबदबा रहा है.

शिलाई में एक बार ही खिला कमल: 2012 के चुनाव में बलदेव सिंह तोमर यहां से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन को शिकस्त देकर पहली बार इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब हुए थे. पिछले चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन चौहान व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाने वाले बलदेव तोमर के चुनावी मैदान में होने के कारण यह सीट हॉट बनी है. ऐसे में इस सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं.

Shillai assembly seat himachal assembly election 2022
शिलाई सीट पर कौन जीता कौन हारा

दोनों प्रत्याशियों ने प्रचार में झोंकी ताकत: कांग्रेस-भाजपा के दोनों ही प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है. प्रत्याशी गांव-गांव जाकर सभाएं कर रहे हैं, तो वहीं जहां पर मौका मिल रहा है, प्रचार से पीछे नहीं है. कांग्रेस और बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

भाजपा हाटी, तो कांग्रेस गांरटी के नाम पर मांग रही वोट: शिलाई विस क्षेत्र का काफी हिस्सा गिरीपार क्षेत्र में आता है. ऐसे में यहां भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने की घोषणा के बाद से ही इस मुद्दे को जनता के बीच भुना रहा हैं. साथ ही पांच सालों में विधायक न होने के बावजूद भी क्षेत्र में जयराम सरकार में किए गए अभूतपूर्व कार्यों को भी जनता के बीच रख रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान भी जनता को यह बता रहे हैं कि हाटी के मुद्दे पर सभी ने लंबी लड़ाई लड़ी है. वहीं वह कांग्रेस की 10 गारंटियों को भी जनता के बीच रख रहे हैं. साथ ही क्षेत्र की अनदेखी का भी आरोप लगा रहे हैं.

Shillai assembly seat himachal assembly election 2022
शिलाई सीट का समीकरण

राजपूत बिरादरी डिसाइडिंग फैक्टर: शिलाई सीट पर 40 से 50 प्रतिशत संख्या राजूपत बिरादरी की बताई जाती है. कांग्रेस के निवर्तमान विधायक हर्षवर्धन चौहान व उनका परिवार भी राजपूत ही हैं. ऐसे में माना जाता है कि राजपूत बिरादरी ही इस सीट पर डिसाइडिंग फैक्टर साबित होती है. हालांकि यहां ब्राहमण व एसटी जातियों की भी अच्छी संख्या है. इस सीट के इतिहास में अब तक यहां के मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस व इससे जुड़े ठाकुर परिवार पर ही अधिकतर रहा है.

2017 का गणित: 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान ने 29171 मत लाकर भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर को शिकस्त दी थी. बलदेव तोमर को 25046 वोट पड़े थे. बेशक इस चुनाव में तोमर चुनाव हार गए, लेकिन प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. इन पांच सालों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व बलदेव तोमर की दोस्ती के चर्चे भी मीडिया की सुर्खियों में रहे.

2012 का गणित: इससे पहले 2012 के चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तो यहां से बीजेपी प्रत्याशी बलदेव तोमर पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचे. इस चुनाव में बलदेव तोमर 23455 वोट लेकर विजयी रहे थे, जबकि हर्षवर्धन चौहान को 21537 वोट हासिल हुए थे. लिहाजा 2012 के चुनाव में ही इस सीट पर बलदेव तोमर कमल का फूल खिलाने में कामयाब हुए थे.

ये बने अब तक विधायक: 1957 से 1985 तक शिलाई विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान के पिता ठाकुर गुमान सिंह 7 बार यहां से विधायक व कैबिनेट मंत्री बने. इसके बाद इस सीट से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान 5 बार विधायक बनकर विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार कांग्रेस ने जीत का सिक्सर लगाने के इरादे से एक बार फिर हर्षवर्धन को ही यहां से टिकट दिया है. इसके अलावा शिलाई से एक बार जनता दल के टिकट पर जगत सिंह नेगी विधायक रहे चुके हैं. 2012 में यहां पहली बार कमल खिला और बलदेव तोमर यहां से विधायक बने. इससे साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस व इससे जुड़े एक ही परिवार का दबदबा कायम रहा है.

शिलाई विधानसभा क्षेत्र में मतदाता: शिलाई विस क्षेत्र में कुल 102 पोलिंग बूथ है. यहां मतदाताओं की कुल संख्या 75653 है. इसमें 41546 पुरुष व 34106 महिला मतदाता शामिल हैं. जबकि एक थर्ड जेंडर मतदाता भी मतदाता सूची में दर्ज है.

क्या कहते हैं दोनों प्रत्याशी?: भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर ने कहा कि करीब 5 दशक से लंबित पड़ी हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग को केंद्र की मोदी सरकार ने पूरा किया है. इसकी घोषणा हो चुकी है. नोटिफिकेशन जारी होने से पहले चुनाव आचार संहिता लग गई. चुनाव के बाद जल्द ही इस मांग के धरातल पर उतरने की उम्मीद है. यही नहीं पिछले 5 सालों में क्षेत्र में विधायक न होते हुए भी जयराम सरकार में अभूतपूर्व विकास हुआ है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान कहते है कि कांग्रेस के विकास कार्यों को ही भाजपा ने आगे बढ़ाया है. पिछले 5 सालों में क्षेत्र में विकास नहीं हुआ. कांग्रेस सत्ता में आते ही क्षेत्र के विकास को गति देगी.

सिरमौर: विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 10 नवंबर की शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. इस चुनाव में भी सिरमौर जिला की शिलाई विधानसभा सीट हॉट सीट बनी हुई है. प्रदेश में 59 नंबर की शिलाई विधानसभा सीट की खास बात यह है कि अब तक इस सीट पर भाजपा केवल एक ही बार कमल खिलाने में कामयाब रही है. (political equation of Shillai assembly seat ) (himachal assembly election 2022)

पढ़ें- Hot Seat Theog: CPI(M) के राकेश सिंघा पर इकलौती सीट बचाने का दबाव, इन 4 प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर

कांग्रेस के गढ़ शिलाई में बीजेपी की तैयारी: यहां की राजनीति में एक ही परिवार का वर्चस्व रहा है. एक बार जनता दल के टिकट पर यहां से जगत सिंह नेगी विधायक बने. बाकी समय यहां कांग्रेस का ही दबादबा रहा है. इस क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ कहे, तो इसमें भी कोई अतिशोक्ति नहीं होगी. यहां 7 बार ठाकुर गुमान सिंह व 5 बार उनके सपुत्र वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान विधायक रहे हैं. ठाकुर परिवार का ही क्षेत्र की राजनीति में दबदबा रहा है.

शिलाई में एक बार ही खिला कमल: 2012 के चुनाव में बलदेव सिंह तोमर यहां से कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन को शिकस्त देकर पहली बार इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब हुए थे. पिछले चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन चौहान व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाने वाले बलदेव तोमर के चुनावी मैदान में होने के कारण यह सीट हॉट बनी है. ऐसे में इस सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं.

Shillai assembly seat himachal assembly election 2022
शिलाई सीट पर कौन जीता कौन हारा

दोनों प्रत्याशियों ने प्रचार में झोंकी ताकत: कांग्रेस-भाजपा के दोनों ही प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है. प्रत्याशी गांव-गांव जाकर सभाएं कर रहे हैं, तो वहीं जहां पर मौका मिल रहा है, प्रचार से पीछे नहीं है. कांग्रेस और बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

भाजपा हाटी, तो कांग्रेस गांरटी के नाम पर मांग रही वोट: शिलाई विस क्षेत्र का काफी हिस्सा गिरीपार क्षेत्र में आता है. ऐसे में यहां भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने की घोषणा के बाद से ही इस मुद्दे को जनता के बीच भुना रहा हैं. साथ ही पांच सालों में विधायक न होने के बावजूद भी क्षेत्र में जयराम सरकार में किए गए अभूतपूर्व कार्यों को भी जनता के बीच रख रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान भी जनता को यह बता रहे हैं कि हाटी के मुद्दे पर सभी ने लंबी लड़ाई लड़ी है. वहीं वह कांग्रेस की 10 गारंटियों को भी जनता के बीच रख रहे हैं. साथ ही क्षेत्र की अनदेखी का भी आरोप लगा रहे हैं.

Shillai assembly seat himachal assembly election 2022
शिलाई सीट का समीकरण

राजपूत बिरादरी डिसाइडिंग फैक्टर: शिलाई सीट पर 40 से 50 प्रतिशत संख्या राजूपत बिरादरी की बताई जाती है. कांग्रेस के निवर्तमान विधायक हर्षवर्धन चौहान व उनका परिवार भी राजपूत ही हैं. ऐसे में माना जाता है कि राजपूत बिरादरी ही इस सीट पर डिसाइडिंग फैक्टर साबित होती है. हालांकि यहां ब्राहमण व एसटी जातियों की भी अच्छी संख्या है. इस सीट के इतिहास में अब तक यहां के मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस व इससे जुड़े ठाकुर परिवार पर ही अधिकतर रहा है.

2017 का गणित: 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान ने 29171 मत लाकर भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर को शिकस्त दी थी. बलदेव तोमर को 25046 वोट पड़े थे. बेशक इस चुनाव में तोमर चुनाव हार गए, लेकिन प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. इन पांच सालों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व बलदेव तोमर की दोस्ती के चर्चे भी मीडिया की सुर्खियों में रहे.

2012 का गणित: इससे पहले 2012 के चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तो यहां से बीजेपी प्रत्याशी बलदेव तोमर पहली बार विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचे. इस चुनाव में बलदेव तोमर 23455 वोट लेकर विजयी रहे थे, जबकि हर्षवर्धन चौहान को 21537 वोट हासिल हुए थे. लिहाजा 2012 के चुनाव में ही इस सीट पर बलदेव तोमर कमल का फूल खिलाने में कामयाब हुए थे.

ये बने अब तक विधायक: 1957 से 1985 तक शिलाई विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान के पिता ठाकुर गुमान सिंह 7 बार यहां से विधायक व कैबिनेट मंत्री बने. इसके बाद इस सीट से वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर हर्षवर्धन चौहान 5 बार विधायक बनकर विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार कांग्रेस ने जीत का सिक्सर लगाने के इरादे से एक बार फिर हर्षवर्धन को ही यहां से टिकट दिया है. इसके अलावा शिलाई से एक बार जनता दल के टिकट पर जगत सिंह नेगी विधायक रहे चुके हैं. 2012 में यहां पहली बार कमल खिला और बलदेव तोमर यहां से विधायक बने. इससे साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस व इससे जुड़े एक ही परिवार का दबदबा कायम रहा है.

शिलाई विधानसभा क्षेत्र में मतदाता: शिलाई विस क्षेत्र में कुल 102 पोलिंग बूथ है. यहां मतदाताओं की कुल संख्या 75653 है. इसमें 41546 पुरुष व 34106 महिला मतदाता शामिल हैं. जबकि एक थर्ड जेंडर मतदाता भी मतदाता सूची में दर्ज है.

क्या कहते हैं दोनों प्रत्याशी?: भाजपा प्रत्याशी बलदेव तोमर ने कहा कि करीब 5 दशक से लंबित पड़ी हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग को केंद्र की मोदी सरकार ने पूरा किया है. इसकी घोषणा हो चुकी है. नोटिफिकेशन जारी होने से पहले चुनाव आचार संहिता लग गई. चुनाव के बाद जल्द ही इस मांग के धरातल पर उतरने की उम्मीद है. यही नहीं पिछले 5 सालों में क्षेत्र में विधायक न होते हुए भी जयराम सरकार में अभूतपूर्व विकास हुआ है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हर्षवर्धन चौहान कहते है कि कांग्रेस के विकास कार्यों को ही भाजपा ने आगे बढ़ाया है. पिछले 5 सालों में क्षेत्र में विकास नहीं हुआ. कांग्रेस सत्ता में आते ही क्षेत्र के विकास को गति देगी.

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