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सिरमौर में 2023 में पुलिस ज्यादा मुस्तैद, 2022-2023 में अभी तक ये अंतर

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Published : May 22, 2023, 8:14 AM IST

हिमाचल का सिरमौर जिला तीन राज्यों की सीमाओं से सटा है. हर तरह का नशा चाहे गांजा हो या या चरस सब तरह की अवैध तस्करी होती है. पुलिस का दावा है कि इस साल अभी तक 2022 की तुलना में ज्यादा कार्रवाई की गई है. पढ़ें पूरी खबर..

smuggling in sirmour
smuggling in sirmour

नाहन: तीन राज्यों की सीमाओं के साथ सटे सिरमौर जिले में तेजी के साथ बढ़ते नशे के खिलाफ पुलिस लगातार सर्जिकल स्ट्राइक कर नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने का दावा आकंड़ा पेश कर कर रही है, लेकिन यह भी पुलिस के आंकड़ों जितना ही सच है कि पूरी तरह से नकेल लगाने में पुलिस नाकामयाब रही है.

2022 की तुलना में ज्यादा कार्रवाई: पुलिस ने जो अभी तक 16 मई तक इस साल का आंकड़ा जारी किया है. उसके अनुसार पुलिस ने नशे के इस अवैध कारोबार पर न केवल तेजी से शिकंजा कसा, बल्कि कई बड़े नशा तस्करों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाने में सफलता हासिल की है. मतलब पुलिस अधिकारियों की बातों को ही सच माना जाए तो यह माना जा सकता है कि सिरमौर पुलिस की साल 2022 में कार्रवाई की चाल धीमी थी.

एक नजर 2022 और 2023 के आंकड़ों पर: जिले में एनडीएसएक्ट के तहत मामलों की बात करें तो वर्ष 2022 में 6.584 किलोग्राम चरस बरामद की गई थीय इस वर्ष अब तक 10.724 किलो चरस बरामद हो चुकी हैय पिछले वर्ष की तुलना में यह 63.88 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह पिछले वर्ष 1.349 किलोग्राम चूरापोस्त/भुक्की की तुलना में इस वर्ष 4.271 किलोग्राम भुक्की बरामद की गई, जो 216.60 प्रतिशत ज्यादा है. गत वर्ष 4.667 किलोग्राम गांजा पकड़ा गया, जबकि इस वर्ष 2.812 किलोग्राम गांजे की बरामदगी हुई.

कई जगह अफीम के पौधे नष्ट किए: हेरोइन/चिट्टा 94.88 ग्राम की तुलना में इस वर्ष अब तक 87.133 ग्राम बरामद किया गया. वहीं गत वर्ष जिले में अफीम की खेती का एक भी मामला सामने नहीं आया, जबकि इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में अफीम की खेती का भी पुलिस ने पर्दाफाश कर 3579 अफीम के पौधे नष्ट किए. नशीली दवाओं की तस्करी पर भी शिकंजा कसा गया है.

39 मामलों में 42 आरोपी इस साल गिरफ्तार: गत वर्ष 2159 नशीले कैप्सूल की तुलना में इस वर्ष अब तक 1694 कैप्सूल बरामद किए गए, जबकि 11 नशीली दवाओं की शीशियों की तुलना में इस बार अब तक 1458 शीशियां बरामद की जा चुकी है. इस तरह पिछले वर्ष एनडीपीएस एक्ट के तहत कुल 36 मामलों में 43 आरोपी दबोचे गए. वहीं इस वर्ष साढ़े 4 महीनों में ही 39 मामलों में 42 आरोपी धरे जा चुके हैं.

225 किलोमीटर तीन राज्यों की सीमा: दरअसल सिरमौर जिले की 225 किलोमीटर की सीमाएं 3 राज्यों के साथ लगती हैं, इसमें 223 किलोमीटर उत्तराखंड व हरियाणा, जबकि 2 किलोमीटर का एरिया उत्तर प्रदेश को छूता है. ऐसे में न केवल अपराध बल्कि नशे को लेकर भी यह जिला संवेदनशील है. हर तरह के नशे चरस, भुक्की, गांजा, हेरोइन, अफीम सहित नशीली दवाओं की तस्करी हो रही है.

नशे के खिलाफ जारी रहेगा अभियान: एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने कहा कि नशे के खिलाफ पुलिस की यह मुहिम लगातार जारी है. साथ ही पुलिस थानों को भी सख्ती से नशा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश है. जिला पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की भी एसपी ने सराहना की. उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वह पुलिस की इस मुहिम में अपना योगदान दें. सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा. साथ ही एसपी ने यह भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि चाहे नशा थोड़े मात्रा में हो या फिर ज्यादा, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

ये भी पढ़ें : सिरमौर: 5 महीने में 43 मामलों में नशा तस्करों पर पुलिस का एक्शन, बड़ी मात्रा में नशे की खेप बरामद

नाहन: तीन राज्यों की सीमाओं के साथ सटे सिरमौर जिले में तेजी के साथ बढ़ते नशे के खिलाफ पुलिस लगातार सर्जिकल स्ट्राइक कर नशे के सौदागरों की कमर तोड़ने का दावा आकंड़ा पेश कर कर रही है, लेकिन यह भी पुलिस के आंकड़ों जितना ही सच है कि पूरी तरह से नकेल लगाने में पुलिस नाकामयाब रही है.

2022 की तुलना में ज्यादा कार्रवाई: पुलिस ने जो अभी तक 16 मई तक इस साल का आंकड़ा जारी किया है. उसके अनुसार पुलिस ने नशे के इस अवैध कारोबार पर न केवल तेजी से शिकंजा कसा, बल्कि कई बड़े नशा तस्करों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाने में सफलता हासिल की है. मतलब पुलिस अधिकारियों की बातों को ही सच माना जाए तो यह माना जा सकता है कि सिरमौर पुलिस की साल 2022 में कार्रवाई की चाल धीमी थी.

एक नजर 2022 और 2023 के आंकड़ों पर: जिले में एनडीएसएक्ट के तहत मामलों की बात करें तो वर्ष 2022 में 6.584 किलोग्राम चरस बरामद की गई थीय इस वर्ष अब तक 10.724 किलो चरस बरामद हो चुकी हैय पिछले वर्ष की तुलना में यह 63.88 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह पिछले वर्ष 1.349 किलोग्राम चूरापोस्त/भुक्की की तुलना में इस वर्ष 4.271 किलोग्राम भुक्की बरामद की गई, जो 216.60 प्रतिशत ज्यादा है. गत वर्ष 4.667 किलोग्राम गांजा पकड़ा गया, जबकि इस वर्ष 2.812 किलोग्राम गांजे की बरामदगी हुई.

कई जगह अफीम के पौधे नष्ट किए: हेरोइन/चिट्टा 94.88 ग्राम की तुलना में इस वर्ष अब तक 87.133 ग्राम बरामद किया गया. वहीं गत वर्ष जिले में अफीम की खेती का एक भी मामला सामने नहीं आया, जबकि इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में अफीम की खेती का भी पुलिस ने पर्दाफाश कर 3579 अफीम के पौधे नष्ट किए. नशीली दवाओं की तस्करी पर भी शिकंजा कसा गया है.

39 मामलों में 42 आरोपी इस साल गिरफ्तार: गत वर्ष 2159 नशीले कैप्सूल की तुलना में इस वर्ष अब तक 1694 कैप्सूल बरामद किए गए, जबकि 11 नशीली दवाओं की शीशियों की तुलना में इस बार अब तक 1458 शीशियां बरामद की जा चुकी है. इस तरह पिछले वर्ष एनडीपीएस एक्ट के तहत कुल 36 मामलों में 43 आरोपी दबोचे गए. वहीं इस वर्ष साढ़े 4 महीनों में ही 39 मामलों में 42 आरोपी धरे जा चुके हैं.

225 किलोमीटर तीन राज्यों की सीमा: दरअसल सिरमौर जिले की 225 किलोमीटर की सीमाएं 3 राज्यों के साथ लगती हैं, इसमें 223 किलोमीटर उत्तराखंड व हरियाणा, जबकि 2 किलोमीटर का एरिया उत्तर प्रदेश को छूता है. ऐसे में न केवल अपराध बल्कि नशे को लेकर भी यह जिला संवेदनशील है. हर तरह के नशे चरस, भुक्की, गांजा, हेरोइन, अफीम सहित नशीली दवाओं की तस्करी हो रही है.

नशे के खिलाफ जारी रहेगा अभियान: एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने कहा कि नशे के खिलाफ पुलिस की यह मुहिम लगातार जारी है. साथ ही पुलिस थानों को भी सख्ती से नशा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश है. जिला पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की भी एसपी ने सराहना की. उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वह पुलिस की इस मुहिम में अपना योगदान दें. सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा. साथ ही एसपी ने यह भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि चाहे नशा थोड़े मात्रा में हो या फिर ज्यादा, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.

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