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एक पुल के लिए तरस रहा एशिया का अमीर गांव, जान जोखिम में डालकर सफर करने पर मजबूर लोग - Himachal Pradesh hindi news

शिमला जिला के चौपाल उपमण्डल के मड़ावग गांव में 3 साल बाद भी पुल का निर्माण न होने से लोग आज भी सरकार की अनदेखी के चलते जान जोखिम में डालकर सफर करने पर मजबूर हैं. साल 2018 के जनवरी माह में लोहना खड्ड पर तकरीबन 1 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पुल का टेंडर एक ठेकेदार को दिया गया लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी ठेकेदार और लोकनिर्माण विभाग की लापरवाही के चलते पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मामले की जांच करवाने और शीघ्र पुल बनवाने की गुहार लगाई है.

पुल का चित्र
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Published : Dec 11, 2020, 6:38 PM IST

चौपाल : एशिया के सबसे अमीर गांव की सूची में चौथे नम्बर पर अपनी जगह बनाने वाले चौपाल उपमण्डल के मड़ावग गांव के लोग आज भी सरकार की अनदेखी के चलते जान जोखिम में डालकर सफर करने पर मजबूर है. लोहना खड्ड पर टेंडर अवार्ड होने के 3 साल बाद भी पुल का निर्माण न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

1 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से पुल बनने के लिए ठेकेदार को दिया गया टेंडर

दरअसल, मड़ावग सहित क्षेत्र की 3 ग्राम पंचायतों के लोगों को सुरक्षित सफर मुहैया करवाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा वर्ष 2018 के जनवरी माह में लोहना खड्ड पर तकरीबन 1 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पुल का टेंडर एक ठेकेदार को अवार्ड किया गया.

मगर 3 साल बीत जाने के बाद भी ठेकेदार और लोकनिर्माण विभाग की लापरवाही के चलते पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. मजबूरन एशिया के इस अमीर गांव के लोगों को आज भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोहना खड्ड पर बने लकड़ी के अस्थाई और जर्जर पुल से सफर करना पड़ रहा है.

3 साल बाद भी अभी तक नहीं हुआ पुल का निर्माण

स्थानीय लोगों का कहना है कि मड़ावग, माटल और लाणी-बमटा के लोगों को रोजमर्रा की खरीददारी करने और अपनी नकदी फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए लोहना खड्ड से होकर गुजरना पड़ता है. सरकार ने उपरोक्त स्थान पर पुल निर्माण को 3 वर्ष पहले मंजूरी देकर उसका टेंडर भी लगाया था.

मगर टेंडर होने के 3 साल बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हुआ है. इस वजह से क्षेत्र के लोगों को जोखिम भरा सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. अब तो सरकार द्वारा ठेकेदार को पुल निर्माण का कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि को बीते भी एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है.

लोकनिर्माण विभाग पर लोगों ने लगाया आरोप

लोगों ने आरोप लगाया है कि अभी तक ठेकेदार ने पुल निर्माण का काम तक शुरू नहीं किया है, मगर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने बिना काम करवाए ही सरकारी खजाने से लाखों रुपये ठेकेदार को अग्रिम भुगतान के तौर पर जारी कर दिए हैं, जिससे ये साफ हो जाता है कि पीडब्लयूडी के अधिकारियों और ठेकेदार की आपसी मिलीभगत की वजह से पुल निर्माण का काम जानबूझ कर लटकाया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मामले की जांच करवाने और शीघ्र पुल बनवाने की गुहार लगाई है.

तकनीकी कारणों की वजह से शुरू नहीं हुआ पुल का निर्माण कार्य

लोकनिर्माण विभाग चौपाल के अधिशासी अभियंता जे.सी. कानूनगो ने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों की वजह से पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ठेकेदार को उपरोक्त पुल निर्माण के लिए कोई अग्रिम भुगतान नहीं किया गया है. जल्द तकनीकी खामियों को दुरुस्त करके लोहना खड्ड पर पुल का निर्माण करवाया जाएगा.

चौपाल : एशिया के सबसे अमीर गांव की सूची में चौथे नम्बर पर अपनी जगह बनाने वाले चौपाल उपमण्डल के मड़ावग गांव के लोग आज भी सरकार की अनदेखी के चलते जान जोखिम में डालकर सफर करने पर मजबूर है. लोहना खड्ड पर टेंडर अवार्ड होने के 3 साल बाद भी पुल का निर्माण न होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

1 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से पुल बनने के लिए ठेकेदार को दिया गया टेंडर

दरअसल, मड़ावग सहित क्षेत्र की 3 ग्राम पंचायतों के लोगों को सुरक्षित सफर मुहैया करवाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा वर्ष 2018 के जनवरी माह में लोहना खड्ड पर तकरीबन 1 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पुल का टेंडर एक ठेकेदार को अवार्ड किया गया.

मगर 3 साल बीत जाने के बाद भी ठेकेदार और लोकनिर्माण विभाग की लापरवाही के चलते पुल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. मजबूरन एशिया के इस अमीर गांव के लोगों को आज भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोहना खड्ड पर बने लकड़ी के अस्थाई और जर्जर पुल से सफर करना पड़ रहा है.

3 साल बाद भी अभी तक नहीं हुआ पुल का निर्माण

स्थानीय लोगों का कहना है कि मड़ावग, माटल और लाणी-बमटा के लोगों को रोजमर्रा की खरीददारी करने और अपनी नकदी फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए लोहना खड्ड से होकर गुजरना पड़ता है. सरकार ने उपरोक्त स्थान पर पुल निर्माण को 3 वर्ष पहले मंजूरी देकर उसका टेंडर भी लगाया था.

मगर टेंडर होने के 3 साल बाद भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हुआ है. इस वजह से क्षेत्र के लोगों को जोखिम भरा सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. अब तो सरकार द्वारा ठेकेदार को पुल निर्माण का कार्य पूरा करने की अंतिम तिथि को बीते भी एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है.

लोकनिर्माण विभाग पर लोगों ने लगाया आरोप

लोगों ने आरोप लगाया है कि अभी तक ठेकेदार ने पुल निर्माण का काम तक शुरू नहीं किया है, मगर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने बिना काम करवाए ही सरकारी खजाने से लाखों रुपये ठेकेदार को अग्रिम भुगतान के तौर पर जारी कर दिए हैं, जिससे ये साफ हो जाता है कि पीडब्लयूडी के अधिकारियों और ठेकेदार की आपसी मिलीभगत की वजह से पुल निर्माण का काम जानबूझ कर लटकाया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मामले की जांच करवाने और शीघ्र पुल बनवाने की गुहार लगाई है.

तकनीकी कारणों की वजह से शुरू नहीं हुआ पुल का निर्माण कार्य

लोकनिर्माण विभाग चौपाल के अधिशासी अभियंता जे.सी. कानूनगो ने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों की वजह से पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ठेकेदार को उपरोक्त पुल निर्माण के लिए कोई अग्रिम भुगतान नहीं किया गया है. जल्द तकनीकी खामियों को दुरुस्त करके लोहना खड्ड पर पुल का निर्माण करवाया जाएगा.

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