पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में एकमात्र शहर पांवटा साहिब से होकर गुजरती यमुना नदी लगातार प्रदूषित होती जा (Yamuna river in Paonta Sahib) रही है. एनजीटी के आदेशों की यहां पर जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. यमुना नदी के किनारे गंदगी के ढेर देख कर हर कोई हैरान (Yamuna river Polluted in Paonta Sahib) है. यही नहीं आसपास के घरों में रह रहे लोग भी बदबू, गंदगी और मक्खी मच्छरों से परेशान हो चुके हैं. लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है.
कई नामों में विख्यात यमुना नदी पांवटा से ही मैली होकर जा रही है. शहर भर का सैकड़ों टन कचरा नदी के किनारों सहित निर्मल जल को लगातार दूषित कर रहा है. पांवटा साहिब में शहरी इलाके से प्रतिदिन करीब 25 टन सूखा और गीला कचरा निकलता है, जो कि नदी किनारे फेंक दिया जाता है. इतना ही नहीं इस कचरे में आग भी लगा दी जाती है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और वायु प्रदूषण जैसी भीषण समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं.
दशकों से यहां पर डंपिंग साइट बनाने की कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन, लंबे अंतराल के बाद भी यहां डंपिंग साइट (Waste dumping site in Paonta Sahib) का काम पूरा नहीं हो पाया है. आसपास लोगों का कहना है कि यहां पर लोग पवित्र यमुना नदी में स्नान करने के लिए आते हैं. जबकि नदी में गंदगी का आलम इस कदर तक बढ़ गया है कि आसपास के लोगों का जीना दूभर हो गया है. लोगों ने कहा कि यमुना नदी के पास कूड़ा जलाने का मुद्दा कई बार सरकार से सामने उठाया जा चुका है, जिसके कारण बीच में नगर परिषद के कर्मियों ने यहां कूड़ा जलाना बंद कर दिया था. लेकिन, अब फिर से यमुना के किनारे हजारों टन कूड़ा जलाया जा रहा है. जिससे लोग काफी परेशान है.
नगर परिषद पांवटा (City Council Paonta) के आंकड़ों के मुताबिक रोजाना पांवटा साहिब के सभी 13 वार्डों से पांच से सात टन तक कचरा इकट्ठा किया जाता है. वहीं, पूरे महीने की बात की जाए, तो ये आंकड़ा 2,530 टन तक पहुंच जाता है. वहीं, जब इस संबंध में नगर परिषद पांवटा साहिब के कार्यकारी अधिकारी अजमेर ठाकुर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कूड़े की डंपिंग साइट का कार्य अभी जारी है. उन्होंने कहा कि इसी साल साइट बनकर तैयार हो जाएगी.