नाहन: एक ओर जहां हिमाचल में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है, वहीं सरकारी उचित मूल्य की दुकानों में अब भी बायोमीट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेश में सरकारी डिपुओं में बायोमीट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही राशन मुहैया करवा जाता है, लिहाजा लोगों को कोरोना संक्रमण के खतरे का भी अंदेशा बना हुआ है.
उपभोक्ताओं ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर फिलहाल सरकारी डिपुओं से बायोमीट्रिक सिस्टम को हटाने की मांग की है. नाहन में उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकारी डिपुओं पर मिलने वाला राशन आज भी बायोमीट्रिक सिस्टम के बाद ही दिया जा रहा है, जोकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए सही नहीं है. सरकार व प्रशासन को चाहिए कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए बायोमीट्रिक सिस्टम को हटाया जाए, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.
बायोमीट्रिक मशीनों को हटाने की मांग
लोगों ने कहा कि आज भी अंगूठा लगाने के बाद राशन मिल रहा है. अगर कोई कोरोना पॉजीटिव व्यक्ति राशन लेने पहुंच जाता है और मशीन की प्रक्रिया से गुजरता है, तो उसके पश्चात राशन लेने वाले सभी लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते है. इसलिए सरकार व प्रशासन को चाहिए कि बायोमीट्रिक मशीनों को हटाया जाए, ताकि उपभोक्ताओं को संक्रमण का डर न रहे.
कोरोना को दिया जा रहा न्यौता
वहीं, ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी ने भी बायोमीट्रिक सिस्टम के माध्यम से राशन मुहैया करवाने पर आपत्ति जताई है. मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के प्रदेश मुख्य सलाहकार नसीम मोहम्मद दीदान ने कहा कि संबंधित विभाग के समक्ष भी यह मामला उठाया गया है, जिसमें विभाग के मुताबिक सरकार के समक्ष यह मामला उठाया जा चुका है. उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक सिस्टम से सरकार प्रदेश में कोरोना संक्रमण को और अधिक न्यौता दे रही है. लिहाजा तुरंत बायोमीट्रिक सिस्टम को हटाया जाए.
पिछले साल भी लगाई गई थी रोक
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी सरकार ने पिछले वर्ष सरकारी डिपुओं में बायोमीट्रिक सिस्टम पर रोक लगाई थी. लिहाजा अब जबकि कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक रूप धारण कर रही है, तो लोग जल्द से जल्द इस सिस्टम को खत्म करने की मांग कर रहे हैं.
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