शिलाई/सिरमौर: जिला सिरमौर के शिलाई उपमंडल में इन दिनों खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. खनन माफियाओं में किसी का डर नहीं है. हिमाचल और उत्तराखंड की सीमा पर जोंग पुल के साथ लगती सड़कों पर अवैध रेत बजरी के लगे ढेर प्रशासनिक दावों की पोल खोल रही है. स्थानीय लोगों की मानें तो खनन माफिया अपने ट्रैक्टरों की सुरक्षा के लिए एक गाड़ी उनसे आगे चला कर रखते हैं. जिससे उन्हे किसी भी तरह की विभागीय कार्रवाई होने से पहले ही सूचना मिल सके.
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो खनन माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. खनन माफिया के कारण स्थानीय लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि यहां लॉकडाउन के समय में भी भारी मात्रा में अवैध खनन हुआ है और अभी तक चला हुआ है. खनन माफिया सुबह 4 बजे से रात 8 बजे तक बेरोक टोक खनन करता है. इतना ही नहीं नाबालिग लड़के भी अवैध खनन करने में जुटे हुए हैं. इन लोगों के खिलाफ प्रशासन की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लोगों ने इस खनन माफिया के पीछे राजनीतिक लोगों का हाथ भी बताया है.
वहीं, जब रेंज ऑफिसर कफोटा महेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम जब विभाग की ओर से नाइट रेड करते हैं, तो खनन माफिया को उनके लोगों से खबर मिल जाती है. जिसके कारण कभी-कबार ही यह लोग हाथ आते हैं. विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई की जाती है. जोंग पुल के पास 11 लोगों के चालान इस माह किए हैं.
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