नाहन: एडवेंचर टूरिज्म में पैराग्लाडिंग की अपनी एक अलग जगह है. हिमाचल में पैराग्लाडिंग की संभावनाओं (Possibility of Paragliding in Himachal) को लगातार गति दी जा रही है. कांगड़ा में बीड़ बिलिंग तो अपनी खूबसूरत लोकेशन के लिए देश की पैराग्लाडिंग कैपिटल कहीं जाती है, लेकिन अब देवभूमि हिमाचल के सिरमौर जिले में भी रोमांच की उड़ान के लिए तैयारी की जा रही है.
सीधे शब्दों में कहें तो अब सिरमौर जिले में भी जल्द ही मानव परिंदे उड़ते हुए नजर आएंगे. दरअसल सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र (Pachhad Assembly Constituency) के तहत राजगढ़ उपमंडल के सैरजगास में पैराग्लाडिंग (Paragliding in Pachhad Assembly Constituency) के लिए सरकार ने करीब साढ़े 4 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है. यहां पैराग्लाडिंग की दृष्टि से कार्य भी शुरू किया जा चुका है. ऐसे में पैराग्लाडिंग शुरू होने से यहां पर्यटन को नए पंख लगेंगे और क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.
क्यों यूनिक है सैरजगास की साइट: हिमाचल प्रदेश के बीड़ बिलिंग को देश की पैराग्लाडिंग कैपिटल (Paragliding in Bir Billing) के रूप में जाना जाता है, लेकिन सिरमौर जिले के सैरजगास की साइट बीड़ बिलिंग सहित प्रदेश की अन्य पैराग्लाडिंग साइट्स से यूनिक यानी अलग है. बात अगर बीड़ बिलिंग की करें तो बिलिंग पैराग्लाडिंग के लिए टेकऑफ साइट है, जबकि बीड लैडिंग साइट है. जिसे सामूहिक रूप से बीड़ बिलिंग का जाता है. वहीं, सिरमौर जिले की सैरजगास एक ऐसी यूनिक साइट है, जहां लैडिंग व टेकऑफ एक ही जगह से किया जा सकता है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सैरजगास पैराग्लाडिंग के लिए पसंदीदा साइटों में से एक साइट बनकर उभरेगी.
![Paragliding will start in Sirmaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14503057_nahan2.jpg)
![Paragliding will start in Sirmaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14503057_nahan1.jpg)
रीना कश्यप ने कहा कि पैराग्लाडिंग के शुरू होने से पच्छाद क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बहुत मजबूत होगा. पर्यटन को बढ़ावा मिलने के बाद बहुत से पर्यटक भी यहां पहुंचेंगे. इसके अलावा पच्छाद की अन्य पंचायतों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हाब्बन घाटी, बनालीधार, शिरगुल मंदिर आदि को भी पर्यटन से जोड़ा जाएगा. पर्यटन की दृष्टि से जल्द ही क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत है.
बयालटाधार में किया जा चुका है पैराग्लाडिंग को लेकर ट्रायल: वहीं, पैराग्लाडिंग के क्षेत्र में जिला के श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र (Shri Renuka Ji Assembly Constituency) में अपार संभावनाएं मौजूद हैं. यहां भी पैराग्लाडिंग को लेकर सफल ट्रायल हो चुका है. संगड़ाह बीडीसी के अध्यक्ष मेलाराम शर्मा ने बताया कि रेणुका क्षेत्र के बयालटाधार में पैराग्लाडिंग (Paragliding in Bayaltadhar) का कुछ समय पहले सफल ट्रायल किया जा चुका है. बयालटाधार से उड़ान भरकर 14 किलोमीटर नीचे लजवाना गांव में सफल लैंडिंग की गई थी.
![Paragliding will start in Sirmaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14503057_nahan.jpg)
मेलाराम शर्मा ने कहा कि देश सहित हिमाचल में सर्वश्रेष्ठ पैराग्लाडिंग साइट में शुमार बीड बीलिंग की तर्ज पर यहां भी पर्यटन की दृष्टि से पैराग्लाडिंग के माध्यम से क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस बारे पर्यटन विभाग द्वारा माउंटेन इंस्टीट्यूट मनाली को लिखा गया है कि इस साइट का सरकारी तौर पर निरीक्षण किया जाए. संबंधित साइट की स्वीकृति मिलते ही जब यहां पैराग्लाडिंग शुरू होगी, तो निसंदेह पर्यटन के क्षेत्र में पूरे जिले को बड़ा लाभ मिल सकेगा.
सिरमौर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर जोर: वहीं, सिरमौर जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद होने के चलते जिला प्रशासन भी पर्यटन की दृष्टि से जिला को विकसित करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि जिले में पर्यटन के विकास के लिए काफी संभावनाएं है. उन्होंने बताया कि चूड़धार, हरिपुरधार, नौहराधार, शिलाई आदि क्षेत्र में काफी टेकिंग साइट्स मौजूद हैं.
![Paragliding will start in Sirmaur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14503057_nahan3.jpg)
डीसी सिरमौर ने बताया कि पैराग्लाडिंग को लेकर सैरजगास एक ऐसी जगह है, जहां से लैडिंग व टेकऑफ दोनों एक ही जगह पर किए जा सकते हैं, लिहाजा यह एक यूनिक साइट है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में पैराग्लाडिंग की अन्य साइट्स पर लैडिंग कहीं और से होती है और टेकऑफ कहीं और होता है. उन्होंने बताया कि सैरजगास साइट के लिए पैराग्लाडिंग के लिए राशि मिल चुकी है और इस पर कार्य भी किया जा रहा है.
डीसी ने बताया कि इसी तरह जिले में अन्य जगहों पर मौजूद पैराग्लाडिंग साइट्स के निरीक्षण के लिए पर्यटन विभाग (Tourism Department Himachal Pradesh On Paragliding) से अनुरोध किया गया है, ताकि जिला के अन्य जगहों पर भी पैराग्लाडिंग शुरू हो सके और आने समय में जिला पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. इसी उद्देश्य के साथ यह कार्य किया जा रहा है. कुल मिलाकर जिस तरह से सरकार व जिला प्रशासन सिरमौर में पैराग्लाडिंग के क्षेत्र में जिले को विकसित करने की योजना बना रहा है. यदि वह सिरे चढ़ती है, तो निसंदेह सिरमौर जिले में पर्यटन को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा. इसका लाभ रोजगार के रूप में यहां के लोगों को मिल सकेगा.
ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबलों के लिए धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम तैयार, क्यूरेटर ने पिच को लेकर कही बड़ी बात