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बाहरी राज्यों समेत विदेशों में पांवटा साहिब में बने गुड़-शक्कर की भारी मांग, ये है वजह

उपमंडल पांवटा साहिब में तैयार किया जाने वाला गुड़ और शक्कर अच्छे किस्म का होता है. लिहाजा इसकी डिमांड भी जिला समेत पड़ोस के राज्यों में ज्यादा रहती है. वहीं, विदेशों में बसे लोग भी यहां से गुड़ मंगवा रहे हैं.

Paonta Sahib jaggery demand in abroad
विदेशों में पांवटा साहिब में बने गुड़-शक्कर की भारी मांग
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Published : Dec 8, 2019, 11:43 AM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में किसानों को इस बार गन्ना उत्पादन में भारी कमी के बावजूद गुड़ के अच्छे दाम मिल रहे हैं. आजकल पांवटा साहिब में तैयार होने वाले गुड़ की मिठास न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि कई दूसरे पहाड़ी राज्यों के लोग भी चख रहे हैं. इन दिनों पांवटा साहिब भट्टियों से भारी मात्रा में गन्ने के रस से तैयार किये गुड़ और शक्कर की सप्लाई हो रही है.

उपमंडल पांवटा साहिब में तैयार किया जाने वाला गुड़ और शक्कर अच्छे किस्म का होता है. लिहाजा इसकी डिमांड भी जिला समेत पड़ोस के राज्यों में ज्यादा रहती है. वहीं, विदेशों में बसे लोग भी यहां से गुड़ मंगवा रहे हैं. बता दें कि पांवटा साहिब के गुड़ को इसलिए भी खास माना जाता है, क्योंकि यहां पर गन्ने के रस से तैयार होने वाले गुड़ में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं की जाती है. इसके चलते यहां के गुड़ की विशेष मांग रहती है.

वीडियो रिपोर्ट

गुड़ बनाने वाले सोहन ने कहा कि इस सीजन में बाहरी राज्यों से यहां के गुड़ के लिए विशेष डिमांड रहती है. डिमांड पूरी करने के लिए उन्हें दिन रात काम करना पड़ता है. ऐसे समय में यहां स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलते हैं.

वहीं, क्षेत्र में इस बार गन्ना उत्पादकों को निराशा हाथ लगी है, क्योंकि मौसम की बेरुखी के चलते गन्ना उत्पादन में भारी कमी दर्ज हुई है. हालांकि कम उत्पादन के चलते किसानों को गन्ने और गुड़ के दामों में बढ़ोतरी जरूर हुई है. किसान अपने गन्ने को उत्तराखंड में जाकर बेच रहे हैं.

किसान सभा के जिला सचिव गुरविंदर कहा कि सरकार नए उद्योग लगाने के लिए योजना बना रही है. अगर सरकार पांवटा साहिब में भी गन्ने से संबंधित उद्योग खोले, तो यहां के किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही उन्हें गुड़ बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

ग्राहकों का कहना है कि ठंड के मौसम में गुड़ और शक्कर काफी मशहूर होता है. दूर-दूर से लोग यहां पर गुड़ और शक्कर खरीदने के लिए आते हैं. साथ ही गुड़ बाहरी राज्यों तक भी पहुंचाया जाता है. ठंड का सीजन शुरू होते ही पांवटा साहिब उपमंडल में लोकल भट्टियों पर बने गुड़ की डिमांड बढ़ जाती है. लोग ठंड के मौसम में गुड़ का इस्तेमाल खाना खाने के बाद भोजन को पचाने के लिए करते हैं.

वहीं, कुछ लोग इस गुड़ से चाय भी बनते है. डायबिटीज के रोगियों के लिए इस गुड़ और शक्कर की चाय उपयोगी बताई गई है. इस कारण से शुगर मील में बने गुड़ और शक्कर की अपेक्षा भट्टियों पर बने गुड़ की डिमांड रहती है. पांवटा साहिब में गुड़ की भट्टियों पर से ही आजकल गुड़ 60 रुपये किलोग्राम गुड़ बिक रहा है.

ये भी पढ़ें: उपायुक्त सिरमौर ने किया 'एक दिन स्कूल के नाम' अभियान का शुभारंभ, खास है मकसद

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में किसानों को इस बार गन्ना उत्पादन में भारी कमी के बावजूद गुड़ के अच्छे दाम मिल रहे हैं. आजकल पांवटा साहिब में तैयार होने वाले गुड़ की मिठास न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि कई दूसरे पहाड़ी राज्यों के लोग भी चख रहे हैं. इन दिनों पांवटा साहिब भट्टियों से भारी मात्रा में गन्ने के रस से तैयार किये गुड़ और शक्कर की सप्लाई हो रही है.

उपमंडल पांवटा साहिब में तैयार किया जाने वाला गुड़ और शक्कर अच्छे किस्म का होता है. लिहाजा इसकी डिमांड भी जिला समेत पड़ोस के राज्यों में ज्यादा रहती है. वहीं, विदेशों में बसे लोग भी यहां से गुड़ मंगवा रहे हैं. बता दें कि पांवटा साहिब के गुड़ को इसलिए भी खास माना जाता है, क्योंकि यहां पर गन्ने के रस से तैयार होने वाले गुड़ में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं की जाती है. इसके चलते यहां के गुड़ की विशेष मांग रहती है.

वीडियो रिपोर्ट

गुड़ बनाने वाले सोहन ने कहा कि इस सीजन में बाहरी राज्यों से यहां के गुड़ के लिए विशेष डिमांड रहती है. डिमांड पूरी करने के लिए उन्हें दिन रात काम करना पड़ता है. ऐसे समय में यहां स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलते हैं.

वहीं, क्षेत्र में इस बार गन्ना उत्पादकों को निराशा हाथ लगी है, क्योंकि मौसम की बेरुखी के चलते गन्ना उत्पादन में भारी कमी दर्ज हुई है. हालांकि कम उत्पादन के चलते किसानों को गन्ने और गुड़ के दामों में बढ़ोतरी जरूर हुई है. किसान अपने गन्ने को उत्तराखंड में जाकर बेच रहे हैं.

किसान सभा के जिला सचिव गुरविंदर कहा कि सरकार नए उद्योग लगाने के लिए योजना बना रही है. अगर सरकार पांवटा साहिब में भी गन्ने से संबंधित उद्योग खोले, तो यहां के किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही उन्हें गुड़ बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

ग्राहकों का कहना है कि ठंड के मौसम में गुड़ और शक्कर काफी मशहूर होता है. दूर-दूर से लोग यहां पर गुड़ और शक्कर खरीदने के लिए आते हैं. साथ ही गुड़ बाहरी राज्यों तक भी पहुंचाया जाता है. ठंड का सीजन शुरू होते ही पांवटा साहिब उपमंडल में लोकल भट्टियों पर बने गुड़ की डिमांड बढ़ जाती है. लोग ठंड के मौसम में गुड़ का इस्तेमाल खाना खाने के बाद भोजन को पचाने के लिए करते हैं.

वहीं, कुछ लोग इस गुड़ से चाय भी बनते है. डायबिटीज के रोगियों के लिए इस गुड़ और शक्कर की चाय उपयोगी बताई गई है. इस कारण से शुगर मील में बने गुड़ और शक्कर की अपेक्षा भट्टियों पर बने गुड़ की डिमांड रहती है. पांवटा साहिब में गुड़ की भट्टियों पर से ही आजकल गुड़ 60 रुपये किलोग्राम गुड़ बिक रहा है.

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Intro:बाहरी राज्यों सहित विदेशो में पांवटा साहिब में बने गुड़ व शक्कर की भारी मांग , बेहतरीन स्वाद के लिए है मशहूर भाटियों पर लगा खरीदारों का जमावड़ा ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं लोग गुड और शक्करBody:



देवभूमि हिमाचल के जिला सिरमौर का पांवटा साहिब के किसानों को इस बार में गन्ना उत्पादन में भारी कमी के बावजूद गुड के अच्छे दाम मिल रहे है। आजकल पांवटा साहिब में तैयार होने वाले गुड़ की मिठास न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि कई पहाड़ी राज्यों के लोग भी चख रहे हैं इन दिनों पांवटा साहिब भाटियों से भारी मात्रा में गन्ने के रस से तैयार किये गुड़ व शक्कर की सप्लाई हो रही है।
उपमंडल पांवटा साहिब में तैयार की जाने वाला गुड़ व शक्कर अच्छे किस्म का होता है, लिहाजा इसकी डिमांड भी जिला सहित पडोस के राज्यों में ज्यादा रहती है वही विदेशो मे बसे लोग भी यहाँ से गुड़ मंगवा रहे है । पांवटा साहिब के शिवपुर क्षेत्र लोग आजकल भारी संख्या में गुड़ बनाने वाली भट्टियों पर काम करते देखे जा सकते है। पांवटा साहिब के गुड़ को इसलिए भी खास माना जाता है, क्योंकि यहां पर गन्ने के रस से तैयार होने वाले गुड़ में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं की जाती है।
जिसके चलते यहां के गुड़ की विशेष मांग रहती है। शिवपुर सहित अन्य गांवों में लोग प्रतिदिन भारी संख्या  में किसानों की भट्टियों पर भी गुड़ खरीदने पहुंच रहे हैं।


क्या कहा गुड बनाने वाले लोगों ने


उधर गुड़ बनाने वाले सोहन ने बताया कि इस सीजन में बाहरी राज्यों से यहां के गुड़ के लिए विशेष डिमांड आती है। डिमांड पूरी करने के लिए उन्हें दिन रात काम करना पड़ता है। ऐसे समय मे यहां स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलते। वहीं क्षेत्र में इस बार गन्ना उत्पादकों को निराशा हाथ लगी है, क्योंकि मौसम की बेरुखी के चलते हैं गन्ना उत्पादन में भारी कमी दर्ज हुई है। हालांकि कम उत्पादन के चलते किसानों को गन्ने व गुड़ के दामों में बढ़ोतरी जरूर हुई है। सरकार अगर यहां पर नए उद्योग लगाती तो यहां के हजारों किसानों को फायदा होता

किसान सभा के जिला सचिव ने गुरविंदर बताया कि सरकार नए उद्योग लगाने के लिए योजना बना रही है अगर किसानों के हित के लिए भी सरकार कार्य करें और यहां पर एक गन्ने से संबंधित उद्योग खोला जाए ताकि यहां के किसानों को गन्ने के अच्छे रेट में सके तो यहां के किसानों की भी आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है वाह गुड़ के भी लोगों को अच्छे दाम में सकते हैं जितनी मेहनत किसान कर रहे हैं उतनी लागत यहां को किसानों को नहीं मिल पा रही है यहां के किसान अपने गन्ने को उत्तराखंड में जाकर बेच रहे हैं अगर उत्तराखंड सरकार बनाकर ध्यान नहीं देती तो यहां के किसानों को दुगना नुकसान हो सकता था लेकिन सरकार को भी किसानों के बारे में कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यहां के किसानों को राहत मिल सके

क्या कहां ग्राहकों ने

पहाड़ी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ने से पहाड़ी क्षेत्र के लोग यहां से गुड दूर ले जाते हैं यहां के स्वाद के हर कोई दीवाने हैं
ठंड के मौसम में गुड और शक्कर लेना बहुत जरूरी है जहां का गुण और शक्ल काफी फेमस है दूर-दूर से लोग यहां पर गुड़िया शक्कर खरीदने के लिए आते हैं गाड़ियों में लगकर यहां से गुड बाहरी राज्यों तक पहुंचाया जाता है सरकार अगर थोड़ा उद्योगों को बढ़ावा दें तो यहां के शहर वासियों को भी अच्छे दाम पर गुड मिल सके



Conclusion:ठंड का सीजन शुरू होते ही पांवटा साहिब उपमंडल में लोकल भट्टियों पर बने गुड़ की डिमाड बढ़ जाती है। लोग ठंड के मौसम में गुड़ का प्रयोग खाना खाने के बाद भोजन को पचाने के लिए करते है। वही कुछ लोग इस गुड़ से चाय भी बनते है। डॉयबीटीज के रोगियो के लिए इस गुड़ व शकर की चाय उपयोगी बताई गई है। जिस कारण से शुगर मील में बने गुड़ व शकर की अपेक्षा भट्टियों पर बने गुड़ की डिमाड़ रहती है। पांवटा साहिब में गुड़ कि भट्टियों पर से ही आजकल 60 रूपये किलोग्राम गुड़ बिक रहा है।
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