नाहनः रेडक्राॅस एंबुलेंस के चालक राम सिंह के हौसले की बदौलत 2 दिन के मासूम बच्चे की जिंदगी बचाने की सिरमौर प्रशासन की कोशिश रंग लाई है. समय रहते मासूम बच्चे को लाॅकडाउन के बीच नाहन मेडिकल काॅलेज से करीब 300 किलोमीटर दूर गुरुग्राम सर्जरी के लिए पहुंचा दिया गया.
दरअसल बीते दिन रविवार दोपहर सवा 12 बजे के आसपास कौलांवालाभूड क्षेत्र के रहने वाले गरीब माता-पिता नाहन मेडिकल काॅलेज में बच्चे को लेकर आए, जिसके बाद दोपहर 3 बजे बच्चे के दिल में छेद होने की वजह से उसे गुडगांव निजी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, क्योंकि बच्चे की सर्जरी वहीं संभव हो पा रही थी. साथ ही बच्चे को तत्काल ही सर्जरी की आवश्यकता थी. फिर क्या था तुरंत नाहन के एसडीएम विवेक शर्मा ने परिवार का कर्फ्यू पास बनवाया और रेडक्राॅस की तरफ से परिवार को 3 हजार रुपए की मदद उपलब्ध करवाई.
रविवार शाम पौने 4 बजे चालक राम सिंह बच्चे व उसके माता-पिता को साथ लेकर गुडगांव के लिए रवाना हुआ और करीब पौने 8 बजे प्रशासन को रिपोर्ट मिली कि बच्चा दाखिल किया जा चुका है. सवा तीन घंटे में ही राम सिंह ने नाहन से गुरुग्राम तक ही दूरी तय कर दी.
कौलांवाला भूंड के रहने वाले गंगूराम व आशा देवी दंपति ने जरा भी यह नहीं सोचा था कि इस तेजी से मुश्किल की इस घड़ी में प्रशासन से इजाजत मिल जाएगी, जब पूरे देश में लॉकडाउन है. मासूम बच्चे के गरीब माता-पिता को बस अब केवल इस बात की उम्मीद है कि उनकी नन्ही जान की सर्जरी ठीक-ठाक हो जाए. वहीं, जिला प्रशासन ने भी एंबुलेंस के चालक राम सिंह के इस हौसले की सराहना की है.
वहीं, पायलट राम सिंह ने बताया कि वह बिना ब्रेक लगाए गुडगांव तक 2 दिन के बच्चे को ले जाने पर थोड़ा डर तो रहे थे, लेकिन हौसला बरकरार था. इसी के चलते वह सवा 3 घंटे के आसपास गुडगांव पहुंचने में सफल हुए.
राम सिंह का यह भी कहना था कि लॉकडाउन की वजह से हाईवे पर वाहन काफी कम थे, लेकिन ऐसा भी नहीं था कि हाईवे हर जगह पर पूरी तरह से क्लियर था. पायलट ने कहा कि नाहन से गुरुग्राम तक औसतन 120 किलोमीटर की स्पीड को प्रति घंटा मेंटेन करना पड़ा.