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राजगढ़: ग्राम पंचायत माटल में प्राकृतिक खेती को लेकर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन - सिरमौर न्यूज

राजगढ़ विकास खंड के ग्राम पंचायत माटल में दो दिवसीय सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को लेकर किसान प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में लगभग 25 किसानों ने भाग लिया. सभी किसानों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए.

Natural Farming workshop Rajgarh
राजगढ़ में प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण शिविर आयोजित
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Published : Feb 14, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Feb 14, 2021, 10:22 PM IST

राजगढ़: जिला सिरमौर के राजगढ़ विकास खंड के ग्राम पंचायत माटल में कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती को लेकर किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

25 किसानों को दिया गया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

किसानों को सुभाष पालेकर खेती के मुख्य पांच स्तंभों के बारे में जानकारी दी गई. प्रशिक्षण शिविर में गाय के गोबर व मूत्र से जीवा मृत, घन जीवामृत , बीजामृत, ब्रहास्त्र, नीमास्त्र, दश्पर्णी अर्क, कडू अस्त्र, साप्त धान्य अर्क, फफूंद नाशक आदि बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया. इस तकनीक का प्रयोग किसान रासायनिक उर्वरकों एवं कीट नाशक दवाइयों के स्थान पर कर सकते हैं.

वीडियो.

किसानों को दिए गए प्रमाण पत्र

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना था कि प्राकृतिक खेती से जहा किसानों को आर्थिक लाभ होता है. वहीं, इससे पर्यावरण संरक्षण भी होता है. रासायनिक खाद व कीट नाशक दवा के प्रयोग से पार्यावरण भी प्रदुषित होता है. इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में लगभग 25 किसानों ने भाग लिया. सभी किसानों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए.

पढ़ें: कूड़े के ढेर में बैलेट पेपर मिलने का मामला, राज्य चुनाव आयोग ने डीसी सोलन से मांगी रिपोर्ट

राजगढ़: जिला सिरमौर के राजगढ़ विकास खंड के ग्राम पंचायत माटल में कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती को लेकर किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

25 किसानों को दिया गया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

किसानों को सुभाष पालेकर खेती के मुख्य पांच स्तंभों के बारे में जानकारी दी गई. प्रशिक्षण शिविर में गाय के गोबर व मूत्र से जीवा मृत, घन जीवामृत , बीजामृत, ब्रहास्त्र, नीमास्त्र, दश्पर्णी अर्क, कडू अस्त्र, साप्त धान्य अर्क, फफूंद नाशक आदि बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया. इस तकनीक का प्रयोग किसान रासायनिक उर्वरकों एवं कीट नाशक दवाइयों के स्थान पर कर सकते हैं.

वीडियो.

किसानों को दिए गए प्रमाण पत्र

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना था कि प्राकृतिक खेती से जहा किसानों को आर्थिक लाभ होता है. वहीं, इससे पर्यावरण संरक्षण भी होता है. रासायनिक खाद व कीट नाशक दवा के प्रयोग से पार्यावरण भी प्रदुषित होता है. इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में लगभग 25 किसानों ने भाग लिया. सभी किसानों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए.

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Last Updated : Feb 14, 2021, 10:22 PM IST
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