नाहन: हिमाचल किसान सभा ने नाहन तहसील को वर्मिन सूची में शामिल न करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द नाहन तहसील को इस सूची में शामिल नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा. इस सिलसिले में हिमाचल किसान सभा ने डीसी सिरमौर के माध्यम से वन मंत्री को ज्ञापन भेजकर अपना विरोध प्रकट किया है.
दरअसल हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की 169 तहसील व उपतहसील में से 91 तहसीलों में बंदरों को पीड़क जंतु (वर्मिन) घोषित किया गया है, जिसके तहत बंदरों को मारने की अनुमति दी गई है. मगर नाहन तहसील (शहरी व ग्रामीण) को इसमें शामिल नहीं किया गया है. इसके चलते हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी ने अपना विरोध प्रकट किया है.
किसान सभा ने विरोध जताते हुए कहा कि नाहन शहर के अलावा तहसील के विभिन्न गांवों में उत्पाती बंदरों ने काफी आतंक मचाया हुआ है. बावजूद इसके भी सरकार ने नाहन तहसील को बंदरों की वर्मिन अनुसूची में शामिल नहीं किया है. इसको लेकर तहसील के किसानों व ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है.
किसान सभा के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जनता को मालूम नहीं है कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया है. जबकि सच्चाई यह है कि सारे नाहन क्षेत्र में हर रोज कोई न कोई दुर्घटना महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ घटित होती हैं और कई स्थानों पर अकेले जाना जोखिम भरा है. बंदरों द्वारा लगातार इंसानों पर भी हमला किया जा रहा है.
बंदर लगातार फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. हिमाचल किसान सभा का यह भी कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि नाहन तहसील को सूची से बाहर रखा गया है. बल्कि पिछले सूची में भी नाहन तहसील को इसमें शामिल नहीं किया गया था.
किसान सभा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत हस्तक्षेप करके नाहन तहसील में बंदरों को वर्मिन सूची में शामिल नहीं किया गया तो किसान सभा विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन करेगी. लिहाजा इस दिशा में उचित कदम उठाया जाएं.