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वार्मिन सूची में नाहन तहसील के बंदरों को नहीं मिली जगह, नाराज किसान सभा ने दी आंदोलन की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश की 169 तहसील व उपतहसील में से 91 तहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित किया गया है. इस सूची में नाहन तहसील को शामिल नहीं किया गया शामिल नाहन तहसील को वर्मिन सूची में शामिल न करने के लिए हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी का विरोध

नाहन तहसील को वार्मिन लिस्ट में नहीं मिली जगह
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Published : Feb 26, 2019, 7:34 PM IST

नाहन: हिमाचल किसान सभा ने नाहन तहसील को वर्मिन सूची में शामिल न करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द नाहन तहसील को इस सूची में शामिल नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा. इस सिलसिले में हिमाचल किसान सभा ने डीसी सिरमौर के माध्यम से वन मंत्री को ज्ञापन भेजकर अपना विरोध प्रकट किया है.

नाहन तहसील को वार्मिन लिस्ट में नहीं मिली जगह

दरअसल हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की 169 तहसील व उपतहसील में से 91 तहसीलों में बंदरों को पीड़क जंतु (वर्मिन) घोषित किया गया है, जिसके तहत बंदरों को मारने की अनुमति दी गई है. मगर नाहन तहसील (शहरी व ग्रामीण) को इसमें शामिल नहीं किया गया है. इसके चलते हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी ने अपना विरोध प्रकट किया है.

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नाहन तहसील को वार्मिन लिस्ट में नहीं मिली जगह

किसान सभा ने विरोध जताते हुए कहा कि नाहन शहर के अलावा तहसील के विभिन्न गांवों में उत्पाती बंदरों ने काफी आतंक मचाया हुआ है. बावजूद इसके भी सरकार ने नाहन तहसील को बंदरों की वर्मिन अनुसूची में शामिल नहीं किया है. इसको लेकर तहसील के किसानों व ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है.

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किसान सभा के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जनता को मालूम नहीं है कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया है. जबकि सच्चाई यह है कि सारे नाहन क्षेत्र में हर रोज कोई न कोई दुर्घटना महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ घटित होती हैं और कई स्थानों पर अकेले जाना जोखिम भरा है. बंदरों द्वारा लगातार इंसानों पर भी हमला किया जा रहा है.

बंदर लगातार फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. हिमाचल किसान सभा का यह भी कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि नाहन तहसील को सूची से बाहर रखा गया है. बल्कि पिछले सूची में भी नाहन तहसील को इसमें शामिल नहीं किया गया था.

किसान सभा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत हस्तक्षेप करके नाहन तहसील में बंदरों को वर्मिन सूची में शामिल नहीं किया गया तो किसान सभा विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन करेगी. लिहाजा इस दिशा में उचित कदम उठाया जाएं.

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नाहन: हिमाचल किसान सभा ने नाहन तहसील को वर्मिन सूची में शामिल न करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द नाहन तहसील को इस सूची में शामिल नहीं किया गया, तो आंदोलन किया जाएगा. इस सिलसिले में हिमाचल किसान सभा ने डीसी सिरमौर के माध्यम से वन मंत्री को ज्ञापन भेजकर अपना विरोध प्रकट किया है.

नाहन तहसील को वार्मिन लिस्ट में नहीं मिली जगह

दरअसल हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की 169 तहसील व उपतहसील में से 91 तहसीलों में बंदरों को पीड़क जंतु (वर्मिन) घोषित किया गया है, जिसके तहत बंदरों को मारने की अनुमति दी गई है. मगर नाहन तहसील (शहरी व ग्रामीण) को इसमें शामिल नहीं किया गया है. इसके चलते हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी ने अपना विरोध प्रकट किया है.

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नाहन तहसील को वार्मिन लिस्ट में नहीं मिली जगह

किसान सभा ने विरोध जताते हुए कहा कि नाहन शहर के अलावा तहसील के विभिन्न गांवों में उत्पाती बंदरों ने काफी आतंक मचाया हुआ है. बावजूद इसके भी सरकार ने नाहन तहसील को बंदरों की वर्मिन अनुसूची में शामिल नहीं किया है. इसको लेकर तहसील के किसानों व ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है.

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किसान सभा के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जनता को मालूम नहीं है कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया है. जबकि सच्चाई यह है कि सारे नाहन क्षेत्र में हर रोज कोई न कोई दुर्घटना महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ घटित होती हैं और कई स्थानों पर अकेले जाना जोखिम भरा है. बंदरों द्वारा लगातार इंसानों पर भी हमला किया जा रहा है.

बंदर लगातार फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. हिमाचल किसान सभा का यह भी कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि नाहन तहसील को सूची से बाहर रखा गया है. बल्कि पिछले सूची में भी नाहन तहसील को इसमें शामिल नहीं किया गया था.

किसान सभा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत हस्तक्षेप करके नाहन तहसील में बंदरों को वर्मिन सूची में शामिल नहीं किया गया तो किसान सभा विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन करेगी. लिहाजा इस दिशा में उचित कदम उठाया जाएं.

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Intro:- वर्मिन सूची में नाहन तहसील को शामिल न करने का विरोध
-कहा-जल्द सूची में नहीं हुआ शामिल तो होगा आंदोलन
-शहरी क्षेत्रों में वानर सेना कर रही लोगों को घायल, ग्रामीण इलाकों में फसलों को कर रहे तबाह
-किसानों को बंदर पहुंचा रहे भारी नुकसान, शहरों में आतंक बरकरार
- डीसी सिरमौर के माध्यम से वन मंत्री को भेजा ज्ञापन
नाहन। हिमाचल किसान सभा ने नाहन तहसील को वर्मिन सूची में शामिल न करने पर सरकार की घेराबंदी की है। साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द नाहन तहसील को इस सूची में शामिल नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि नाहन तहसील में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। बावजूद इसके वर्मिन सूची में इसे शामिल न किया जाना समझ से परे है। इस सिलसिले में हिमाचल किसान सभा ने डीसी सिरमौर के माध्यम से वन मंत्री को भेजे ज्ञापन में अपना विरोध प्रकट किया है।


Body:दरअसल हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल प्रदेश की 169 तहसील व उपतहसील में से 91 तहसीलों में बंदरों को पीड़क जंतु (वर्मिन) घोषित किया गया है, जिसके तहत बंदरों को मारने की अनुमति दी गई है। मगर नाहन तहसील (शहरी व ग्रामीण) को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इसके चलते हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी ने अपना विरोध प्रकट किया है।
किसान सभा ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि नाहन शहर के अलावा तहसील के विभिन्न गांवों में उत्पाती बंदरों ने काफी आतंक मचाया हुआ है। बावजूद इसके भी सरकार ने नाहन तहसील को बंदरों की वर्मिन अनुसूची में शामिल नहीं किया है। इसको लेकर तहसील के किसानों व ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है।

किसान सभा के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि क्षेत्र की जनता को मालूम नहीं है कि यह निर्णय किस आधार पर लिया गया है। जबकि सच्चाई यह है कि सारे नाहन क्षेत्र में हर रोज कोई न कोई दुर्घटना महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों के साथ घटित होती है और कई स्थानों पर अकेले जाना जोखिम भरा है। बंदरों द्वारा लगातार इंसानों पर भी हमला किया जा रहा है। बंदरों के झुंड मुख्य सड़कों बाजार व गलियों में आक्रमक देखे जा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त अगर गांव व पंचायतों की बात करें तो सभी जगह पर बंदरों द्वारा फसल को भेजने से लेकर काटने तक लगातार तबाह किया जा रहा है। किसान की सारी ताकत फसल की रक्षा पर लगती है और थोड़ी सी चूक सब कुछ चौपट कर देती है। बंदर लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लिहाजा खेती उजाड़ हो रही है। हिमाचल किसान सभा का यह भी कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि नाहन तहसील को सूची से बाहर रखा गया है। बल्कि पिछले सूची में भी नाहन तहसील को इसमें शामिल नहीं किया गया था।
विश्वनाथ शर्मा सहित किसान सभा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि यदि इस समस्या के समाधान के लिए तुरंत हस्तक्षेप करके नाहन तहसील में बंदरों को वर्मिन सूची में शामिल नहीं किया गया तो किसान सभा विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन करेगी। लिहाजा इस दिशा में उचित कदम उठाया जाए।
बाइट : विश्वनाथ शर्मा, अध्यक्ष हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर


Conclusion:कुल मिलाकर नाहन तहसील लगातार बंदरों की प्रति संख्या और आतंक को लेकर सरकार द्वारा उचित कदम ना उठाए जाने पर हिमाचल किसान सभा ने सरकार की घेराबंदी करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
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