शिलाईः सतोन के समीप कच्ची ढांग में भू-स्खलन के बाद सड़क बह जाने से पिछले करीब 8 दिनों से पांवटा-शिलाई एनएच-707 पर यातायात ठप्प है. यातायात बहाल न होने के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है. एनएच प्राधिकरण और लोनिवि के वैकल्पिक मार्ग के प्रयास भी रंग नही ला सके हैं. स्थानीय लोगों ने खुद मोर्चा संभाल कर गिरी नदी पर वैकल्पिक मार्ग बनाया है, लेकिन उस पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
रविवार को स्थानीय विधायक हर्षवर्धन चौहान ने मौके पर पहुंच कर लोगों से बात की और वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों से कार्य के प्रगति की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों में सरकार के खिलाफ काफी रोष है. राज्य सरकार को चाहिए कि यहां युद्ध स्तर पर कार्य शुरू करें, कहीं ऐसा न हो कि लोगों का आक्रोश आदोंलन बनकर सड़क पर उतरे. उन्होंने ये भी कहा कि अगर लोनिवि के पास बजट नहीं है तो मैं खुद विधायक निधि से उन्हें 10 लाख की राशि देने को तैयार हूं, लेकिन आप युद्ध स्तर पर कार्य करें.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शिलाई से पांवटा के लिए रोजना हजारों की तादात में आवाजाही होती है. किसान अपनी फसल ले कर पावंटा, सतौन, शिलाई आदि जगहों पर पहुंचते हैं, लेकिन पिछले दस दिनों से किसान परेशान है. यही नहीं, सतौन चूना पत्थर मंडी भी बिल्कुल बंद हो चुकी है. लोगों अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं.
विधायक ने कहा कि सरकार और लोनिवि ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया है. प्रशासन को विज्ञानिकों की टीम बुलाकर यहां निरीक्षण करवाना चाहिए ताकि ये पता चल सके कि किस प्रकार से यहां पर भूस्खलन होता है. बार-बार यहां भूस्खलन और जमीन धंस रही है, अगर गिरी नदी के आसपास पुल बनाए जाए तो लोगों को सभी समस्याओं से निजात मिल सकता है.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि वह खुद सीएम से इस विषय के बारे में बात भी करेंगे. सतोन व्यापार मंडल और ट्रक यूनियन का उन्होंने धन्यवाद किया और कहा कि उनकी मदद से लोगों को गिरी नदी पार कराई जा रही है. इसके अलावा जहां तक हो सके वो अपने स्तर पर यहां लोगों की मदद करेंगे.
बता दें कि सतोन के समीप कच्ची ढांग में भू-स्खलन के बाद सड़क बह जाने से पिछले करीब 10 दिनों से पांवटा-शिलाई एनएच-707 पर आवाजाही ठप्प है. लोग जान हथेली पर रखकर गिरी नदी को पार कर रहें है.