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मक्के की फसल में लगा कीड़ा, किसानों ने विभाग से मदद की लगाई गुहार

पांवटा ब्लॉक के ग्रामीण इलाकों में मक्के की फसल पर कीड़े लगने से खराब हो रही हैं. क्षेत्रीय किसानों द्वारा इसकी शिकायत कृषि विभाग की गई है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. पटियाल ने किसानों से फसल को कीड़े से बजाने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट एवं क्लोरपीरिफॉस साइपरमैथरीन दवा को पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करने का सलाह दी है.

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Published : Jun 7, 2021, 11:24 AM IST

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पांवटा: पांवटा ब्लॉक के ग्रामीण इलाकों में मक्के की फसल पर कीड़ों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों का मानना है कि कामकाज पहले भी कोरोना कर्फ्यू के चलते ठप पड़े हैं. ऐसे में अगर उनकी फसल बर्बाद हो गयी तो वे आर्थिक रूप से कमजोर हो जाएंगे.

किसानों ने विभागीय विशेषज्ञों से मांगी मदद

किसानों ने ऊंची कीमत पर उन्नत किस्म का बीज खरीदकर रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कर फसल लगाई है. पिछले कुछ दिनों से मक्का के पौधों को कीट प्रकोप बढ़ गया है, जिससे पौधे और मकई की बालिया बर्बाद हो रही हैं. क्षेत्रीय किसानों ने इसकी शिकायत कृषि विभाग के वैज्ञानिकों से की है और उनसे इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मदद मांगी है.

बता दें कि गिरिपार क्षेत्र के किसान सबसे ज्यादा मक्के की फसल उगाते हैं. कई किसान मक्के की फसल को बेच अपना गुजर बसर भी करते हैं. गत वर्ष कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में किसानों को मक्के का उचित मूल्य नहीं मिला था, जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा था.

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इन दवाइयों के छिड़काव से बचा सकते है फसल

कृषि वैज्ञानिक डॉ. पटियाल ने बताया कि किसानों को अपनी फसलों को कीड़े के प्रकोप से बचाने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट एवं क्लोरपीरिफॉस साइपरमैथरीन दवा को पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए, ताकि समय रहते फसल को बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: रिलायंस फ्रेश और बिग बास्केट के बाद अब अमेजन भी खरीदेगा बागवानों का उत्पाद, एपीएमसी से मिली NOC

पांवटा: पांवटा ब्लॉक के ग्रामीण इलाकों में मक्के की फसल पर कीड़ों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों का मानना है कि कामकाज पहले भी कोरोना कर्फ्यू के चलते ठप पड़े हैं. ऐसे में अगर उनकी फसल बर्बाद हो गयी तो वे आर्थिक रूप से कमजोर हो जाएंगे.

किसानों ने विभागीय विशेषज्ञों से मांगी मदद

किसानों ने ऊंची कीमत पर उन्नत किस्म का बीज खरीदकर रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कर फसल लगाई है. पिछले कुछ दिनों से मक्का के पौधों को कीट प्रकोप बढ़ गया है, जिससे पौधे और मकई की बालिया बर्बाद हो रही हैं. क्षेत्रीय किसानों ने इसकी शिकायत कृषि विभाग के वैज्ञानिकों से की है और उनसे इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मदद मांगी है.

बता दें कि गिरिपार क्षेत्र के किसान सबसे ज्यादा मक्के की फसल उगाते हैं. कई किसान मक्के की फसल को बेच अपना गुजर बसर भी करते हैं. गत वर्ष कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में किसानों को मक्के का उचित मूल्य नहीं मिला था, जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा था.

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इन दवाइयों के छिड़काव से बचा सकते है फसल

कृषि वैज्ञानिक डॉ. पटियाल ने बताया कि किसानों को अपनी फसलों को कीड़े के प्रकोप से बचाने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट एवं क्लोरपीरिफॉस साइपरमैथरीन दवा को पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए, ताकि समय रहते फसल को बचाया जा सके.

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