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मौसम की मार से किसानों को लाखों का नुकसान, टमाटर के ऊंचे दाम से भी नहीं भरे किसानों के घाव

गिरीपार में टमाटर की फसल लगभग तैयार हो चुकी है. लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को काफी हद तक तबाह कर दिया है. इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मौसम की मार से किसानों को लाखों का नुकसान
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Published : Jul 27, 2019, 12:15 PM IST

नाहन: बाजार में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं बिगड़े मौसम ने सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र के किसानों के जख्मों को हरा कर दिया है. ओलावृष्टि की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी, तो वही बरसात ने किसानों के पसीने बहा दिए हैं. वैसे किसानों की मेहनत इस बार रंग लाई है लेकिन नुकसान पिछले साल के मुताबिक ज्यादा हुआ है.

बता दें कि गिरीपार में टमाटर की फसल लगभग तैयार हो चुकी है. लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को काफी हद तक तबाह कर दिया है. इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि टमाटर के दाम इस बार अच्छे मिल रहे हैं. कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि टमाटर की सप्लाई घटी है.

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शिलाई क्षेत्र की बात करें तो हर रोज एक दर्जन से अधिक गाड़ियां टमाटर लेकर विभिन्न मंडियों में जाती थी, लेकिन इन दिनों एक या दो गाड़ियां ही मंडी में पहुंच रही हैं. गिरीपार क्षेत्र के किसानों का कहना है कि टमाटर की फसल इस बार करीब 40 प्रतिशत खराब हो गई है. जबकि 50 प्रतिशत फसल ओलावृष्टि व बारिश से खराब हुई है.

ये भी पढ़े: राजधानी में कारोबारी से 10 करोड़ की फिरौती मांगने का मामला, मुर्गा गैंग के सरगना समेत 3 गिरफ्तार

नाहन: बाजार में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं बिगड़े मौसम ने सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र के किसानों के जख्मों को हरा कर दिया है. ओलावृष्टि की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी, तो वही बरसात ने किसानों के पसीने बहा दिए हैं. वैसे किसानों की मेहनत इस बार रंग लाई है लेकिन नुकसान पिछले साल के मुताबिक ज्यादा हुआ है.

बता दें कि गिरीपार में टमाटर की फसल लगभग तैयार हो चुकी है. लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को काफी हद तक तबाह कर दिया है. इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जबकि टमाटर के दाम इस बार अच्छे मिल रहे हैं. कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि टमाटर की सप्लाई घटी है.

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शिलाई क्षेत्र की बात करें तो हर रोज एक दर्जन से अधिक गाड़ियां टमाटर लेकर विभिन्न मंडियों में जाती थी, लेकिन इन दिनों एक या दो गाड़ियां ही मंडी में पहुंच रही हैं. गिरीपार क्षेत्र के किसानों का कहना है कि टमाटर की फसल इस बार करीब 40 प्रतिशत खराब हो गई है. जबकि 50 प्रतिशत फसल ओलावृष्टि व बारिश से खराब हुई है.

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Intro:टमाटर के ऊंचे दाम भी नहीं लगाए पाए गिरीपार के किसानों के घाव पर मरहम
नाहन। बाजार में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं बिगड़े मौसम ने सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र के किसानों के जख्मों को हरा कर दिया है। ओलावृष्टि की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी, तो बरसात ने किसानों के पसीने को बहा दिया। वैसे किसानों की मेहनत इस बार रंग लाई, मगर नुक्सान पिछले साल से इस बार अधिक है।
Body:दरअसल गिरीपार में टमाटर की फसल लगभग तैयार हो चुकी है। लगातार बारिश व बीच-बीच में ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को काफी हद तक खराब कर दिया है। इससे किसानों को लाखों रूपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। जबकि टमाटर के दाम इस बार अच्छे मिल रहे हैं। कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि टमाटर की सप्लाई घटी है। शिलाई क्षेत्र की ही बात करें तो हर रोज एक दर्जन से अधिक गाड़ियां टमाटर लेकर विभिन्न मंडियों में जाती थी, लेकिन इन दिनों एक या दो गाड़ियां ही मंडी में पहुंच रही है। 50 से 60 रुपए किलो इन दिनों टमाटर मंडियों में बिक रहे हैं।
गिरीपार क्षेत्र के किसानों का कहना है कि टमाटर की फसल इस बार करीब 40 प्रतिशत फसल खराब हो गई है। जबकि 50 प्रतिशत फसल ओलावृष्टि व बारिश से खराब हो गई है। उनके गांव में ही लगभग एक करोड़ रूपए का टमाटर होता था। इस बार यह घटकर केवल 15 लाख रूपए का ही रह गया है। बारिश व ओलावृष्टि से फसल को काफी नुक्सान हुआ है।
बाइट 1: युवा किसान, गिरीपार क्षेत्र
वहीं अन्य किसान का कहना है कि फसल के दाम तो अच्छे मिल रहे हैं, लेकिन ओलावृष्टि से टमाटर खराब हो गए है। किसानों ने सरकार से टमाटर के दाम फिक्स करने की मांग की है।
बाइट 2: रविंद्र, किसान, गिरीपार क्षेत्र
Conclusion:कुल मिलाकर जहां करोड़ों रूपए का टमाटर विभिन्न मंडियों में पहुंचता था, तो वहीं यह आंकड़ा घटकर अब लाखों में सिमटकर रह गया है। दाम भले ही अच्छे मिल रहे हैं, लेकिन इस नुक्सान के आगे ये दाम नाकाफी है।
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