नाहन: वैश्विक महामारी कोरोना की मार कहे या फिर पैट्रोल-डीजल के बढ़े दामों के बीच हिमाचल की लाइफ लाइन माने जाने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की अर्थव्यवस्था अब काफी हद तक सुधरने लगी है. इसका अंदाजा महज एचआरटीसी के नाहन डिपो की पिछले ढाई महीने की कमाई से ही लगाया जा सकता है. निगम के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर-2020 से लेकर 15 फरवरी 2021 तक नाहन डिपो की कुल कमाई साढ़े 3 करोड़ से ज्यादा की हो चुकी है.
HRTC नाहन डिपो की ढाई महीनों में करोड़ों की कमाई
एचआरटीसी नाहन डिपो के आरएम संजीव बिष्ट ने बताया कि पिछले साल दिसंबर माह में नाहन डिपो की बसें करीब 4 लाख 48 हजार किलोमीटर चली थी, जिसकी एवज में डिपो की इनकम 1 करोड़ 20 लाख के आसपास हुई, जबकि जनवरी माह में 4 लाख 34 हजार किलोमीटर की एवज में 1 करोड़ 44 लाख रुपए की कमाई हुई. इसके अलावा फरवरी माह में 15 तारीख तक 2 लाख 44 हजार किलोमीटर बसें चली और लगभग 90 लाख रुपए की इनकम एचआरटीसी को हुई. उन्होंने माना कि कोरोना काल के बावजूद एचआरटीसी की बसों में सवारियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है. उन्होंने आने वाले दिनों में इनकम ओर बेहतर होने की भी उम्मीद जताई है.
दिल्ली रूट छोड़ इंटर स्टेट सहित सभी रूटों पर दौड़ रही बसें
एचआरटीसी नाहन डिपो के पास 159 के करीब रूट है. दिल्ली रूट को छोड़कर अन्य इंटर स्टेट के साथ-साथ सभी रूटों पर नाहन डिपो की बसें दौड़ रही हैं. आरएम संजीव बिष्ट ने बताया कि कोरोना-19 की वजह से एचआरटीसी के रूटों पर पूरी तरह से बसें नहीं दौड़ पाई थी, लेकिन पिछले 2 महीनों से नाहन डिपो के लगभग सभी रूट चालू कर दिए हैं. फिलहाल 2 रूट दिल्ली के किसान आंदोलन के कारण नहीं चला पाए हैं. बाकी सभी 6 इंटर स्टेट रूट भी शुरू कर दिए गए हैं.
इस वजह से हुई एचआरटीसी की कमाई में बढ़ोतरी
माना जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों के कारण एचआरटीसी की कमाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले लगभग ढाई महीने एचआरटीसी नाहन डिपो के लिए काफी हद तक राहत जरूर लेकर आए हैं और धीरे-धीरे हिमाचल की लाइफ लाइन माने जाने वानली एचआरटीसी की अर्थव्यवस्था पूर्व की भांति सामान्य होने की दिशा में अग्रसर हो रही है.
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