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रानी के विरह में त्याग दिया था राजमहल, शमशेर विला के झरोखों से झांकता है नाहन का इतिहास - himachal latest hindi news

हिमाचल में बहुत सी ऐतिहासिक इमारतें हैं, जो खुद में इतिहास संजोए हुए है. ऐसी ही एक इमारत हिमाचल में जिला सिरमौर के नाहन के चीड़ के घने जंगलों के बीच में स्थित है जिसके पीछे काफी रोचक इतिहास छिपा है. जानने के लिए पढ़ें ये पूरी खबर... (Shamsher Villa in Nahan) (History of Shamsher Villa)

Shamsher Villa in Nahan.
शमशेर विला.
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Published : Jan 30, 2023, 9:24 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 6:09 AM IST

नाहन शहर का ऐतिहासिक शमशेर विला.

नाहन: 1621 में बसे करीब 402 साल पुराने नाहन शहर की ऐतिहासिक सैरगाह शमशेर विला राउंड अपने आप में खास स्थल है. चीड़ के घने जंगलों के बीच बसी इस ऐतिहासिक सैरगाह के झरोखों से नाहन का इतिहास झांकता है. इस सैरगाह की स्थापना के पीछे भी बड़ा ही रोचक इतिहास छिपा है. 18वीं शताब्दी में अपनी प्रिय रानी के विरह में महाराजा शमशेर प्रकाश ने राजमहल को त्याग दिया था और इस जगह पर अलग से आवास बनाकर रहने लगे थे.

Shamsher Villa in Nahan.
नाहन में डॉ. पियरसेल और उनकी धर्मपत्नी की भी कब्रें.

प्रिय रानी की मृत्यु के बाद त्यागा महल- तब से लेकर आज तक नाहन शहर की यह ऐतिहासिक सैरगाह टॉक ऑफ द टाउन बनी हुई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शाही परिवार के सदस्य एवं पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह बताते हैं कि महाराजा शमशेर प्रकाश ने नाहन में अपने लिए सन् 1889 में राजमहल से अलग एक आवास बनवाया था. अपनी प्रिय रानी क्योंथल (जुन्गा) की मृत्यु के पश्चात महाराजा शमशेर प्रकाश ने महल त्याग दिया और एक नई इमारत शमशेर विला में रहने लगे.

Shamsher Villa in Nahan.
पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है यहां का सनराइज प्वाइंट.

यूरोपियन स्टाइल में भव्य तरीके से बनाई इमारत- उन्होंने बताया कि महाराजा शमशेर प्रकाश ने अपने नाम के साथ अंग्रेजी शब्द विला शब्द को संयुक्त कर इस आवास को शमशेर विला नाम दिया. इस आवास के नाम से ही नाहन शहर के इस स्थान का नाम शमशेर विला पड़ा है, जिसे वर्तमान में विला राउंड भी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि उस समय तैयार की गई इमारत को यूरोपियन स्टाइल में भव्य तरीके से बनाया गया था. वर्तमान महल के प्रमुख द्वार पर रखे गए दो क्षेत्र भी उस समय शमशेर विला में ही रखे गए थे.

Shamsher Villa in Nahan.
402 साल पुराना है नाहन शहर में बसा ऐतिहासिक सैरगाह शमशेर विला राउंड.

महल में हर किस्म की यूरोपियन सुविधा मौजूद- यहां टेनिस कोड, एडीसी के लिए कमरा, गेस्ट्स के लिए वेटिंग रूम व अन्य हर किस्म की यूरोपियन सुविधा मौजूद होती थी. कंवर अजय बहादुर सिंह बताते हैं कि उस समय सैरगाह में जंगल का आनंद लेने के लिए यहां एक छतरी का भी निर्माण किया गया था, जो आजादी के बाद भी रेनोवेट की गई थी. यह ऐतिहासिक छतरी भी महाराजा शमशेर प्रकाश की ही देन है. महाराजा यहां घूमने के लिए जाते थे और वहां जाकर बैठते थे. सैरगाह में जाने के लिए उस समय भी आम आदमी को जाने की कोई पाबंदी नहीं थी.

Shamsher Villa in Nahan.
नाहन का ऐतिहासिक शमशेर विला.

यूरोपियन गेस्ट हाउस के रूप में महल का इस्तेमाल- शहर का कोई भी व्यक्ति यहां आ सकता था और महाराजा भी बड़े ही आदर भाव से यहां आने वाले लोगों से मिलते थे. कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि महाराजा शमशेर प्रकाश की मृत्यु के पश्चात शमशेर विला आवास को यूरोपियन गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा. इसके बाद जितने भी ब्रिटिश मेहमान आएं, उनके ठहरने का इंतजाम इसी इमारत में किया गया था. बाद में 1947-48 में शमशेर विला में आग लग गई थी.

Shamsher Villa in Nahan.
सैरगाह में जंगल का आनंद लेने के लिए यहां एक छतरी का भी निर्माण किया गया था.

भव्य महल जलकर हुआ था नष्ट- जिसमें यूरोपिन गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल होने वाला महाराजा द्वारा उस समय बनाया गया आवास यानी भव्य महल भी जलकर नष्ट हो गया था. उन्होंने बताया कि शमशेर विला राउंड में उस समय के अंग्रेजी अफसरों का ग्रेवयार्ड भी बना हुआ है, जिसमें डॉ. पियरसेल और उनकी धर्मपत्नी की भी कब्रें शामिल है. उन्होंने कहा कि नाहन शहर में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है, जिसे संजोए रखने की बेहद आवश्यकता है.

Shamsher Villa in Nahan.
महाराजा शमशेर प्रकाश ने नाहन में अपने लिए सन् 1889 में राजमहल से अलग एक आवास बनवाया था.

सनराइज प्वाइंट किया जाएगा विकसित- दूसरी तरफ इस ऐतिहासिक सैरगाह के सौंदर्यीकरण व पर्यटकों को यहां आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग के माध्यम से सैरगाह ने जल्द ही कई विकास कार्य करवाए जाएंगे. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां सनराइज प्वाइंट को विकसित किया जाएगा. इसके साथ-साथ यहां और भी कई कार्य किए जाएंगे. जिला सिरमौर के सहायक पर्यटन अधिकारी राजीव मिश्रा ने बताया कि यह एक बहुत ही यूनिक सैरगाह है और कहीं पर ऐसी सैरगाह बहुत ही कम देखने को मिलती है.

Shamsher Villa in Nahan.
चीड़ के घने जंगलों के बीच बसी इस ऐतिहासिक सैरगाह के झरोखों से नाहन का इतिहास झांकता है.

नाहन की कई जगहों का किया जाएगा सौंदर्यीकरण- उन्होंने बताया कि एडीबी के माध्यम से नाहन शहर के विभिन्न स्थलों का सौंदर्यीकरण प्रस्तावित है. इसमें विरासत में मिली ऐतिहासिक सैरगाह विला राउंड का सौंदर्यीकरण भी शामिल है. एडीबी की तकनीकी टीम यहां का सर्वे भी कर चुकी है. इसके बाद टीम डीपीआर तैयार कर रही है. डीपीआर तैयार होते ही यह स्वीकृति के लिए सरकार को भेजी जाएगी. सनराइज प्वाइंट सहित सैरगाह में सौंदर्यीकरण को लेकर कई कार्य किए जाएंगे.

कुल मिलाकर नाहन शहर की शान माने जाने वाली चीड़ के घने जंगलों के बीच शांत व स्वच्छ वातावरण में एक अलग इतिहास को संजोए रखी यह ऐतिहासिक सैरगाह अपने आप में एक खास स्थान है, जिसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने की आवश्यकता है, ताकि शहरवासियों के साथ-साथ बाहरी राज्यों के पर्यटक भी इसके इतिहास और सुंदरता से रूबरू हो सके.

ये भी पढ़ें: शिमला का ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल टूटेगा, 1930 में बना थिएटर अनसेफ घोषित

नाहन शहर का ऐतिहासिक शमशेर विला.

नाहन: 1621 में बसे करीब 402 साल पुराने नाहन शहर की ऐतिहासिक सैरगाह शमशेर विला राउंड अपने आप में खास स्थल है. चीड़ के घने जंगलों के बीच बसी इस ऐतिहासिक सैरगाह के झरोखों से नाहन का इतिहास झांकता है. इस सैरगाह की स्थापना के पीछे भी बड़ा ही रोचक इतिहास छिपा है. 18वीं शताब्दी में अपनी प्रिय रानी के विरह में महाराजा शमशेर प्रकाश ने राजमहल को त्याग दिया था और इस जगह पर अलग से आवास बनाकर रहने लगे थे.

Shamsher Villa in Nahan.
नाहन में डॉ. पियरसेल और उनकी धर्मपत्नी की भी कब्रें.

प्रिय रानी की मृत्यु के बाद त्यागा महल- तब से लेकर आज तक नाहन शहर की यह ऐतिहासिक सैरगाह टॉक ऑफ द टाउन बनी हुई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए शाही परिवार के सदस्य एवं पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह बताते हैं कि महाराजा शमशेर प्रकाश ने नाहन में अपने लिए सन् 1889 में राजमहल से अलग एक आवास बनवाया था. अपनी प्रिय रानी क्योंथल (जुन्गा) की मृत्यु के पश्चात महाराजा शमशेर प्रकाश ने महल त्याग दिया और एक नई इमारत शमशेर विला में रहने लगे.

Shamsher Villa in Nahan.
पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है यहां का सनराइज प्वाइंट.

यूरोपियन स्टाइल में भव्य तरीके से बनाई इमारत- उन्होंने बताया कि महाराजा शमशेर प्रकाश ने अपने नाम के साथ अंग्रेजी शब्द विला शब्द को संयुक्त कर इस आवास को शमशेर विला नाम दिया. इस आवास के नाम से ही नाहन शहर के इस स्थान का नाम शमशेर विला पड़ा है, जिसे वर्तमान में विला राउंड भी कहा जाता है. उन्होंने बताया कि उस समय तैयार की गई इमारत को यूरोपियन स्टाइल में भव्य तरीके से बनाया गया था. वर्तमान महल के प्रमुख द्वार पर रखे गए दो क्षेत्र भी उस समय शमशेर विला में ही रखे गए थे.

Shamsher Villa in Nahan.
402 साल पुराना है नाहन शहर में बसा ऐतिहासिक सैरगाह शमशेर विला राउंड.

महल में हर किस्म की यूरोपियन सुविधा मौजूद- यहां टेनिस कोड, एडीसी के लिए कमरा, गेस्ट्स के लिए वेटिंग रूम व अन्य हर किस्म की यूरोपियन सुविधा मौजूद होती थी. कंवर अजय बहादुर सिंह बताते हैं कि उस समय सैरगाह में जंगल का आनंद लेने के लिए यहां एक छतरी का भी निर्माण किया गया था, जो आजादी के बाद भी रेनोवेट की गई थी. यह ऐतिहासिक छतरी भी महाराजा शमशेर प्रकाश की ही देन है. महाराजा यहां घूमने के लिए जाते थे और वहां जाकर बैठते थे. सैरगाह में जाने के लिए उस समय भी आम आदमी को जाने की कोई पाबंदी नहीं थी.

Shamsher Villa in Nahan.
नाहन का ऐतिहासिक शमशेर विला.

यूरोपियन गेस्ट हाउस के रूप में महल का इस्तेमाल- शहर का कोई भी व्यक्ति यहां आ सकता था और महाराजा भी बड़े ही आदर भाव से यहां आने वाले लोगों से मिलते थे. कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि महाराजा शमशेर प्रकाश की मृत्यु के पश्चात शमशेर विला आवास को यूरोपियन गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा. इसके बाद जितने भी ब्रिटिश मेहमान आएं, उनके ठहरने का इंतजाम इसी इमारत में किया गया था. बाद में 1947-48 में शमशेर विला में आग लग गई थी.

Shamsher Villa in Nahan.
सैरगाह में जंगल का आनंद लेने के लिए यहां एक छतरी का भी निर्माण किया गया था.

भव्य महल जलकर हुआ था नष्ट- जिसमें यूरोपिन गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल होने वाला महाराजा द्वारा उस समय बनाया गया आवास यानी भव्य महल भी जलकर नष्ट हो गया था. उन्होंने बताया कि शमशेर विला राउंड में उस समय के अंग्रेजी अफसरों का ग्रेवयार्ड भी बना हुआ है, जिसमें डॉ. पियरसेल और उनकी धर्मपत्नी की भी कब्रें शामिल है. उन्होंने कहा कि नाहन शहर में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है, जिसे संजोए रखने की बेहद आवश्यकता है.

Shamsher Villa in Nahan.
महाराजा शमशेर प्रकाश ने नाहन में अपने लिए सन् 1889 में राजमहल से अलग एक आवास बनवाया था.

सनराइज प्वाइंट किया जाएगा विकसित- दूसरी तरफ इस ऐतिहासिक सैरगाह के सौंदर्यीकरण व पर्यटकों को यहां आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग के माध्यम से सैरगाह ने जल्द ही कई विकास कार्य करवाए जाएंगे. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां सनराइज प्वाइंट को विकसित किया जाएगा. इसके साथ-साथ यहां और भी कई कार्य किए जाएंगे. जिला सिरमौर के सहायक पर्यटन अधिकारी राजीव मिश्रा ने बताया कि यह एक बहुत ही यूनिक सैरगाह है और कहीं पर ऐसी सैरगाह बहुत ही कम देखने को मिलती है.

Shamsher Villa in Nahan.
चीड़ के घने जंगलों के बीच बसी इस ऐतिहासिक सैरगाह के झरोखों से नाहन का इतिहास झांकता है.

नाहन की कई जगहों का किया जाएगा सौंदर्यीकरण- उन्होंने बताया कि एडीबी के माध्यम से नाहन शहर के विभिन्न स्थलों का सौंदर्यीकरण प्रस्तावित है. इसमें विरासत में मिली ऐतिहासिक सैरगाह विला राउंड का सौंदर्यीकरण भी शामिल है. एडीबी की तकनीकी टीम यहां का सर्वे भी कर चुकी है. इसके बाद टीम डीपीआर तैयार कर रही है. डीपीआर तैयार होते ही यह स्वीकृति के लिए सरकार को भेजी जाएगी. सनराइज प्वाइंट सहित सैरगाह में सौंदर्यीकरण को लेकर कई कार्य किए जाएंगे.

कुल मिलाकर नाहन शहर की शान माने जाने वाली चीड़ के घने जंगलों के बीच शांत व स्वच्छ वातावरण में एक अलग इतिहास को संजोए रखी यह ऐतिहासिक सैरगाह अपने आप में एक खास स्थान है, जिसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने की आवश्यकता है, ताकि शहरवासियों के साथ-साथ बाहरी राज्यों के पर्यटक भी इसके इतिहास और सुंदरता से रूबरू हो सके.

ये भी पढ़ें: शिमला का ब्रिटिशकालीन रिवोली सिनेमा हॉल टूटेगा, 1930 में बना थिएटर अनसेफ घोषित

Last Updated : Jan 31, 2023, 6:09 AM IST
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