नाहन: एलपीजी गैस सिलेंडर में 50 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब हिमाचल में दूध भी महंगा हो गया है. हिमाचल मिल्क फेडरेशन ने 1 मार्च से दूध के दामों में 2 रुपये की बढ़ोतरी की है. लिहाजा अब मिल्कफेड का दूध 45 की बजाय 47 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. हालांकि मिल्क फेडरेशन लोगों को गुणवत्तापूर्ण दूध व अन्य उत्पाद उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से कार्य कर रहा है.
सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में भी मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट कार्यरत है. यहां पर जिला के चार चिलिंग प्लांट्स से दूध एकत्रित किया जाता है, जिसकी गुणवत्ता की जांच प्रयोगशाला में की जाती है और इसके बाद इसे प्रोसेस करके लोगों को उपलब्ध करवाया जाता है. इस प्लांट में प्रतिदिन गाय व भैंस का दूध आता है, जिसे प्रोसेसिंग के बाद विक्रय हेतु शहर में भेजा जाता है. गाय का दूध बागथन, राजगढ़, सराहां से आता है. जबकि भैंस का दूध कालाअंब के साथ लगते क्षेत्रों से आता है.
ये दूध दुग्ध समितियों के माध्यम से लिया जाता है और गुणवत्ता फेट्स को देखकर ही इसके दाम समिति को दिए जाते हैं. अब एक मार्च से इस दूध के दाम में दो रुपए की बढ़ोतरी की गई है और अब यह दूध 47 रुपए प्रति लीटर हो गया है. दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट के तकनीकी अधीक्षक देवांश जसवाल ने बताया कि एक मार्च से दूध के दाम बढ़ाए गए हैं और अब यह दूध 45 से 47 रुपए हो गया है.
उन्होंने बताया कि प्रेसिसिंग प्लांट में शुद्धता व गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है, ताकि उपभोक्ता को उच्च गुणवत्ता वाला दूध मिल सके. इसके लिए कई चरणों में दूध की गुणवत्ता की जांच भी की जाती है. यहां से दूध आर्मी क्षेत्र, नवोदय स्कूल सहित शहर में भी विक्रय किया जाता है. एक मार्च से दूध के दाम दो रुपये बढ़ाए गए हैं. कुल मिलाकर मिल्क फेड से बेशक दूध बेहतर गुणवत्ता का मिल रहा है, लेकिन इसमें दाम बढ़ने से लोगों को महंगाई का झटका जरूर लगा है.
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