नाहन: ऐतिहासिक शहर नाहन को एक बार फिर नगीना बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं. 1621 में स्थापित सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन एक ऐतिहासिक शहर है. शहर के ऐतिहासिक स्वरूप को पहले की तरह एक बार फिर लौट सके, इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की टीम सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन शहर का जायजा लेने पहुंची.
शनिवार को इस मामले को लेकर डीसी कार्यालय में एडीबी की टीम के साथ विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग आयोजित की गई.
दरअसल, एडीबी की टीम के का उद्देश्य नाहन फाउंडरी ( शिल्प ग्राम बनाने का प्रस्ताव) के साथ-साथ नाहन शहर की ब्यूटीफिकेशन सहित शहर के ऐतिहासिक धरोहर स्थलों के संरक्षण और विकास संबंधी कार्यों का जायजा लेना है. बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने एडीबी की टीम को विस्तृत रूप से इस दिशा में ब्रीफ किया. इसके बाद टीम शहर की ऐतिहासिक धरोहरों का जायजा लिया.
विधानसभा अध्यक्ष बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मार्गदर्शन में नाहन क्षेत्र के महत्वपूर्ण एवं धरोहर स्थलों को एडीबी के माध्यम से प्रायोजित करने का प्रस्ताव है, जिसके तहत एडीबी की टीम का नाहन प्रवास अत्यंत महत्वपूर्ण है.
डॉक्टर बिंदल ने कहा कि ऐतिहासिक नाहन पूंडरी को स्थानीय लोगों की भावना के अनुरूप रोजगार और संस्कृति से जुड़ाव बनाए रखने के लिए शिल्पग्राम के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव है. बिंदल ने कहा कि उन्होंने नाहन क्षेत्र के प्रमुख धरोहर स्थलों के विकास और संरक्षण के लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजा है और इसी के अनुरूप एडीबी परियोजना में इन्हें शामिल करने का प्रस्ताव है.
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका प्रयास है कि नाहन शहर के धरोहर स्थल जैसे लाल कोठी, रानीताल, पक्का तालाब, कालीस्थान तालाब, राम कुंडी तालाब, विला राउंड, चौगान, दिल्ली गेट जैसे धरोहर स्थलों का संरक्षण और विकास हो, ताकि सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक गौरव को बनाए रखा जा सके. इसके अलावा टीम स्थिति में स्थित एशिया के पहले फॉसिल पार्क का भी जायजा लेगी.