नाहनः शनिवार को हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार नाहन दौरे पर पहुंचे. इस दौरान सुबह करीब सवा 10 बजे पूर्व सीएम शांता कुमार का काफिला अचानक मालरोड पर एक ढ़ाबे के सामने रुक गया. दरअसल यहां वो अपने 47 साल पुराने दोस्त देवेंद्र चौधरी से मुलाकात करने रुके. देवेंद्र ने ढाबे पर पहुंचने पर शांता कुमार का जोरदार स्वागत किया.
बता दें कि 1975 में शांता कुमार को एमरजेंसी के दौरान नाहन जेल में बंद किया गया था. जहां उन्होंने 19 महीने का समय बिताया. इस दौरान उनकी दोस्ती देवेंद्र नाम के व्यक्ति से हुई जो उन्हें जेल में रहने के दौरान अपने ढाबे से अक्सर खाना ले जाया करते थे.
मुलाकात के बाद काफी देर तक पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र चौधरी के बेटे दुर्गेंश द्वारा चलाए जाने वाले ढाबे पर रूके. इस मुलाकात के दौरान दोनों दोस्त गले मिले और पुराने दिनों को याद किया. ढाबे पर समय बिताने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री शांता कुमार ने गुरुद्वारे का रुख किया. इसके बाद वह सेंट्रल जेल पहुंचे. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने आपातकाल के दौरान आदर्श केंद्रीय कारागार नाहन में बिताए 19 महीनों की यादें ताजा की. सुबह करीब 11 बजे वह नाहन जेल पहुंचे और उस कमरे में गए, जहां वह 19 महीने तक बतौर कैदी रहे थे. इस दौरान वह भावुक भी हुए.
बता दें कि अब उस कमरे में लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है. वर्ष 1975 में 25 जून को वह जेल गए थे. इसके बाद उनके साथ कमरे में रहने वालों का कुनबा बढ़ता गया. एक ही कमरे में 20 से 25 लोग थे. इनमें से कई पहले छूट गए, जबकि शांता कुमार ने पूरे 19 महीने यहां गुजारे.
शनिवार को जेल से बाहर निकलकर शांता कुमार ने कहा कि आपातकाल के दौरान एक कमरे की चारदीवारी में रहकर भी उनका हौसला नहीं टूटा. जेल में उन दिनों खूब साधना की, तपस्या की और चिंतन किया. उसी कमरे में चार पुस्तकें भी लिखीं.
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