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सिरमौर में ये हैं वो 48 रूट जहां होती है ओवरलोडिंग, परिवहन विभाग हुआ सख्त

सिरमौर में ओवरलोड वाहनों के काटे जा रहे चालान, ARTO ने लोगों से बस की छतों पर न बैठने की अपील की.

सोना चौहान एआरटीओ
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Published : Jun 28, 2019, 8:23 PM IST

नाहन: बंजार बस हादसे से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने भी सख्त रवैया अपना लिया है. विभाग अब बसों में ओवरलोडिंग के मामलों में जरा भी ढील बरतने के मूड में नहीं है.
विभाग ने सिरमौर जिला में करीब 48 ऐसे रूट चयनित किए हैं, जहां ओवरलोडिंग होती है.

सिरमौर में ओवरलोड वाहनों के काटे जा रहे चालान

परिवहन विभाग ने बसों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए निजी बस मालिकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. विभाग लगातार सरकारी व प्राइवेट बसों के चालकों व परिचालकों को इस दिशा में जागरूक भी कर रहा है.
एआरटीओ सोना चौहान का मानना है कि बस हादसों का मुख्य कारण ओवरलोडिंग होता है. पहाड़ी क्षेत्रों में ओवरलोडिंग घातक साबित होती है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है. उन्होंने चालकों व परिचालकों से ओवरलोडिंग न करने की अपील की. वहीं, लोगों से अनुरोध किया कि बस की छतों पर सफर न करें.

सोना चौहान ने बताया कि प्रदेश में सर्वे किया जा रहा है. सिरमौर जिला में विभाग रूट चयनित कर चुका है. करीब 48 रूट ऐसे हैं, जिन्हें चयनित किया गया है. इन रूटों पर ज्यादातर ओवरलोडिंग के मामले सामने आ रहे हैं.वहीं,15 नए रूट चयनित किए गए हैं, जहां पर बसें चलाई जा सकती हैं. उन्होंने बताया कि बसों में सीटिंग के अलावा 25 प्रतिशत तक सवारियां ले जाई जा सकती हैं, लेकिन छत पर कोई भी सवारी सफर न करे.

नाहन: बंजार बस हादसे से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने भी सख्त रवैया अपना लिया है. विभाग अब बसों में ओवरलोडिंग के मामलों में जरा भी ढील बरतने के मूड में नहीं है.
विभाग ने सिरमौर जिला में करीब 48 ऐसे रूट चयनित किए हैं, जहां ओवरलोडिंग होती है.

सिरमौर में ओवरलोड वाहनों के काटे जा रहे चालान

परिवहन विभाग ने बसों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए निजी बस मालिकों को सख्त निर्देश जारी किए हैं. विभाग लगातार सरकारी व प्राइवेट बसों के चालकों व परिचालकों को इस दिशा में जागरूक भी कर रहा है.
एआरटीओ सोना चौहान का मानना है कि बस हादसों का मुख्य कारण ओवरलोडिंग होता है. पहाड़ी क्षेत्रों में ओवरलोडिंग घातक साबित होती है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है. उन्होंने चालकों व परिचालकों से ओवरलोडिंग न करने की अपील की. वहीं, लोगों से अनुरोध किया कि बस की छतों पर सफर न करें.

सोना चौहान ने बताया कि प्रदेश में सर्वे किया जा रहा है. सिरमौर जिला में विभाग रूट चयनित कर चुका है. करीब 48 रूट ऐसे हैं, जिन्हें चयनित किया गया है. इन रूटों पर ज्यादातर ओवरलोडिंग के मामले सामने आ रहे हैं.वहीं,15 नए रूट चयनित किए गए हैं, जहां पर बसें चलाई जा सकती हैं. उन्होंने बताया कि बसों में सीटिंग के अलावा 25 प्रतिशत तक सवारियां ले जाई जा सकती हैं, लेकिन छत पर कोई भी सवारी सफर न करे.

Intro:-निजी और सरकारी बस चालकों को ओवरलोडिंग न करने बारे दी हिदायत
-ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती से निपटेगा विभाग
नाहन। बंजार बस हादसे से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने भी सख्त रवैया अपना लिया है। विभाग अब बसों में ओवरलोडिंग के मामलों में जरा भी ढील बरतने के मूड़ में नहीं है। वहीं विभाग ने सिरमौर जिला में करीब 48 ऐसे रूट चयनित किए है, जहां पर ओवरलोडिंग होती है। साथ ही 15 नए रूट भी ऐसे चयनित किए है, जहां पर बस चलाने के परमिट दिए जा सकते है। 


Body:दरअसल परिवहन विभाग ने बसों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए निजी बस मालिकों को सख्त निर्देश जारी किए है। वहीं विभाग लगातार सड़कों पर उतर कार्रवाई भी कर रहा है। साथ ही सरकारी व प्राइवेट बसों के चालकों व परिचालकों को इस दिशा में जागरूक भी किया जा रहा है। 
एआरटीओ सोना चौहान का भी मानना है कि बस हादसों के होने का एक मुख्य कारण ओवरलोडिंग भी होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में ओवरलोडिंग घातक साबित होती है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है। उन्होंने चालकों व परिचालकों से ओवरलोडिंग न करने की अपील भी की। साथ ही सवारियां से भी अनुरोध किया है कि वह छतों पर सफर न करें। ओवरलोडिंग को रोकने के लिए सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। प्रतिदिन चैकिंग की जा रही है। 
एआरटीओ के अनुसार पूरे हिमाचल प्रदेश में सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला में विभाग रूट चयनित कर चुका है। करीब 48 रूट ऐसे हैं, जिन्हें चयनित किया गया है, जहां ओवरलोडिंग होती है। 15 नए रूट चयनित किए है, जहां पर बसें चलाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि बसों में सीटिंग के अलावा 25 प्रतिशत तक सवारियां ले जाई जा सकती है। मगर छत पर कोई भी सवारी नहीं होगी।   
बाइट: सोना चौहान, एआरटीओ नाहन 


Conclusion:कुल मिलाकर बंजार बस हादसे के बाद सरकार ओवरलोडिंग को लेकर सख्त रवैया अपनाए हुए है। वहीं साथ ही इस दिशा में उचित कदम भी उठाने के लिए प्रयास कर रही है।
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